नई दिल्ली: दुनिया की सबसे प्रसिद्ध क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन पिछले हफ्ते 67,000 डॉलर से अधिक के उच्चतम स्तर को छू गया. बेलवेदर क्रिप्टोकरेंसी आठ साल पहले 2013 में अस्तित्व में आई थी. इसका मूल्य पिछले एक साल में लगभग 400% बढ़ गया है. अक्टूबर 2020 में यह 13,000 डॉलर थी जो इस महीने 67,000 डॉलर हो गई है. क्रिप्टो विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि लोगों को ऐसा नही सोचना चाहिए ये जल्दी से जल्दी अमीर बनने वाली योजना है. किसी दूसरी परिसंपत्ति की तरह इसका भी मूल्य परिवर्तनशील है.
बिटकॉइन (BTC) इस महीने की शुरुआत में 43,700 डॉलर से बढ़कर मंगलवार को 63,000 डॉलर से अधिक हो गया. इस साल 15 अप्रैल को ये लगभग इसी स्तर पर था, लेकिन बाद में इस साल जुलाई में गिरकर 30,000 डॉलर से नीचे आ गया, लेकिन महीने के अंत तक फिर से बढ़ना शुरू हो गया. बिटकॉइन के मूल्य में तेजी से बढ़ने के पीछे कई कारण हैं. टेस्ला के संस्थापक एलोन मस्क सहित कुछ प्रमुख हस्तियों ने क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन किया है क्योंकि टेस्ला भी अपनी प्रसिद्ध इलेक्ट्रिक कारों के भुगतान के लिए क्रिप्टोकरेंसी स्वीकार करती है. दूसरे, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में भी बिटकॉइन का बहुत अधिक प्रभाव है.
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के संस्थापक निश्चल शेट्टी ने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में कहा कि बिटकॉइन और अल्टक्वॉइन (altcoins) की कीमतों में वृद्धि का संबंध क्रिप्टो के बढ़ते ट्रेड वॉल्यूम के साथ-साथ दुनिया भर के वायदा बाजारों से इसकी निकटता है. शेट्टी ने कहा कि व्यापक स्तर पर व्यापार ने शेयर बाजार को सक्रिय कर दिया है जिससे बिटकॉइन और ईथर अपने नए ऐतिहासिक उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं.
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शेट्टी ने ईटीवी भारत को बताया कि, ये ट्रेंड यह भी दर्शाता है कि निवेशक इस संपत्ति को लेकर उत्साहित हैं. कुल मिलाकर, यह बिटकॉइन के लिए एक अच्छा संकेत है क्योंकि यह अब और अधिक निवेशकों को वैकल्पिक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में इसे गंभीरता से लेने और इसके प्रति प्रोत्साहित करेगा. हालांकि, उन्होंने भारतीय निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी. शेट्टी का कहना है कि बाजार में तेजी दिख रही है, लेकिन लोगों को लालची नहीं होना और क्रिप्टो को जल्दी अमीर बनने की योजना के रूप में नही देखना चाहिए.