नई दिल्ली: सफेदपोश लोगों की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कॉर्पोरेट मंत्रालय और बाजार नियामक सेबी स्वचालित व्यवस्था के तहत आपस में आकंड़ों को साझा करने का काम शुरू करेंगे.
यह कदम वित्तीय अनियमितताओं और वित्तीय कदाचार के मामलों के बीच कंपनी संचालन गतिविधियों को देखते हुए उठाया गया है.
आंकड़ों के आदान - प्रदान के लिए मंत्रालय और सेबी ने शुक्रवार को औपचारिक रूप से समझौते ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
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इसके तहत सेबी और कॉर्पोरेट मंत्रालय स्वचालित और नियमित आधार पर आंकड़ों को एक - दूसरे के साथ साझा करेंगे.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, इस समझौता ज्ञापन से दोनों को निलंबित कंपनियों, पंजीकरण रद्द होने वाली कंपनियों, कंपनियों की ओर से रजिस्ट्रार के जमा किए गए वित्तीय विवरणों, शेयरों के आवंटन पर रिटर्न, कंपनियों से जुड़ी ऑडिट रिपोर्ट जैसी विशिष्ट जानकारियों को साझा करने में मदद मिलेगी.
सेबी और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय किसी भी प्रकार की जांच, निरीक्षण और अभियोजन के लिए अपने डेटाबेस में उपलब्ध कोई भी जानकारी का एक - दूसरे के अनुरोध पर आदान - प्रदान कर सकेंगे.
कॉर्पोरेट मंत्रालय और सेबी शुरू करेंगे आंकड़ों का आदान-प्रदान - Corporate Ministry
यह कदम वित्तीय अनियमितताओं और वित्तीय कदाचार के मामलों के बीच कंपनी संचालन गतिविधियों को देखते हुए उठाया गया है.
नई दिल्ली: सफेदपोश लोगों की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कॉर्पोरेट मंत्रालय और बाजार नियामक सेबी स्वचालित व्यवस्था के तहत आपस में आकंड़ों को साझा करने का काम शुरू करेंगे.
यह कदम वित्तीय अनियमितताओं और वित्तीय कदाचार के मामलों के बीच कंपनी संचालन गतिविधियों को देखते हुए उठाया गया है.
आंकड़ों के आदान - प्रदान के लिए मंत्रालय और सेबी ने शुक्रवार को औपचारिक रूप से समझौते ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
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इसके तहत सेबी और कॉर्पोरेट मंत्रालय स्वचालित और नियमित आधार पर आंकड़ों को एक - दूसरे के साथ साझा करेंगे.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, इस समझौता ज्ञापन से दोनों को निलंबित कंपनियों, पंजीकरण रद्द होने वाली कंपनियों, कंपनियों की ओर से रजिस्ट्रार के जमा किए गए वित्तीय विवरणों, शेयरों के आवंटन पर रिटर्न, कंपनियों से जुड़ी ऑडिट रिपोर्ट जैसी विशिष्ट जानकारियों को साझा करने में मदद मिलेगी.
सेबी और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय किसी भी प्रकार की जांच, निरीक्षण और अभियोजन के लिए अपने डेटाबेस में उपलब्ध कोई भी जानकारी का एक - दूसरे के अनुरोध पर आदान - प्रदान कर सकेंगे.
कॉर्पोरेट मंत्रालय और सेबी शुरू करेंगे आंकड़ों का आदान-प्रदान
नई दिल्ली: सफेदपोश लोगों की धोखाधड़ी को रोकने के लिए कॉर्पोरेट मंत्रालय और बाजार नियामक सेबी स्वचालित व्यवस्था के तहत आपस में आकंड़ों को साझा करने का काम शुरू करेंगे.
यह कदम वित्तीय अनियमितताओं और वित्तीय कदाचार के मामलों के बीच कंपनी संचालन गतिविधियों को देखते हुए उठाया गया है.
आंकड़ों के आदान - प्रदान के लिए मंत्रालय और सेबी ने शुक्रवार को औपचारिक रूप से समझौते ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.
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इसके तहत सेबी और कॉर्पोरेट मंत्रालय स्वचालित और नियमित आधार पर आंकड़ों को एक - दूसरे के साथ साझा करेंगे.
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, इस समझौता ज्ञापन से दोनों को निलंबित कंपनियों, पंजीकरण रद्द होने वाली कंपनियों, कंपनियों की ओर से रजिस्ट्रार के जमा किए गए वित्तीय विवरणों, शेयरों के आवंटन पर रिटर्न, कंपनियों से जुड़ी ऑडिट रिपोर्ट जैसी विशिष्ट जानकारियों को साझा करने में मदद मिलेगी.
सेबी और कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय किसी भी प्रकार की जांच, निरीक्षण और अभियोजन के लिए अपने डेटाबेस में उपलब्ध कोई भी जानकारी का एक - दूसरे के अनुरोध पर आदान - प्रदान कर सकेंगे.
Conclusion: