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औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अप्रैल में 3 अंक बढ़ा - उपभोक्ता मूल्य सूचकांक

सीपीआई-आईडब्ल्यू पर आधारित वर्ष-दर-वर्ष मुद्रास्फीति अप्रैल, 2019 के लिए 8.33 प्रतिशत पर थी, जबकि पिछले महीने यह 7.67 प्रतिशत और पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान 3.97 प्रतिशत थी. इसी तरह खाद्य महंगाई दर अप्रैल, 2019 में 4.92 प्रतिशत, पिछले महीने 3.96 प्रतिशत और 1.33 प्रतिशत पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान रही.

औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अप्रैल में 3 अंक बढ़ा
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Published : Jun 3, 2019, 3:46 PM IST

नई दिल्ली: अप्रैल, 2019 के लिए अखिल भारतीय उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक सीपीआई-आईडब्ल्यू 3 अंकों की वृद्धि के साथ 312 पर आ गई. एक महीने के प्रतिशत बदलाव पर इसमें मार्च और अप्रैल, 2019 के बीच 0.97 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले वर्ष इसी महीनों के बीच इसमें 0.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

कुल बदलाव में वर्तमान सूचकांक में अधिकतम ऊपरी दबाव में खाद्य समूह 2.26 प्रतिशत अंक का योगदान देता है. अरहर दाल, ताज़ा मछली, बकरी का मांस, पोल्ट्री (चिकन), ताज़ा दूध, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक, प्याज, सेब, केला, नींबू, बैंगन, गोभी, गाजर, फूलगोभी, फ्रेंच बीन, हरा धनिया पत्‍ता, भिंडी, मेथी, पालक, मटर, आलू, मूली, टमाटर, तोरई, बिजली शुल्क, आभूषण ग्लास आदि सूचकांक में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं.

ये भी पढ़ें: सरकार 16 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को दे सकती है सस्ती दर पर चीनी

हालांकि, सूचकांक में इस वृद्धि में निचला दबाव डालते हुए अंडे (मुर्गी), इमली, करेला, परवल, ककड़ी, खरबूजा, आम (पके), फूल/फूल माला इत्‍यादि बाधा डालने का काम करते है.

सीपीआई-आईडब्ल्यू पर आधारित वर्ष-दर-वर्ष मुद्रास्फीति अप्रैल, 2019 के लिए 8.33 प्रतिशत पर थी, जबकि पिछले महीने यह 7.67 प्रतिशत और पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान 3.97 प्रतिशत थी. इसी तरह खाद्य महंगाई दर अप्रैल, 2019 में 4.92 प्रतिशत, पिछले महीने 3.96 प्रतिशत और 1.33 प्रतिशत पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान रही.

केंद्र स्तर पर राउरकेला, हावड़ा और सिलीगुड़ी में मैसूर, मुंगेर-जमालपुर और वाराणसी (6 अंक प्रत्येक) के बाद 7 अंकों की अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई. इसके अलावा, 8 केंद्रों के सूचकांक में 5 अंक की वृद्धि, 8 केंद्रों के सूचकांक में 4 अंक, 15 केंद्रों के सूचकांक में 3 अंक, 23 केंद्रों के सूचकांक में 2 अंक और 10 केंद्रों के सूचकांक में 1 अंक की वृद्धि दर्ज की गई. बाकी 8 केंद्रों के सूचकांक स्थिर रहे.

35 केंद्रों के सूचकांक अखिल भारतीय सूचकांक से ऊपर हैं और 43 केंद्रों के सूचकांक राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं.

नई दिल्ली: अप्रैल, 2019 के लिए अखिल भारतीय उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक सीपीआई-आईडब्ल्यू 3 अंकों की वृद्धि के साथ 312 पर आ गई. एक महीने के प्रतिशत बदलाव पर इसमें मार्च और अप्रैल, 2019 के बीच 0.97 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले वर्ष इसी महीनों के बीच इसमें 0.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

कुल बदलाव में वर्तमान सूचकांक में अधिकतम ऊपरी दबाव में खाद्य समूह 2.26 प्रतिशत अंक का योगदान देता है. अरहर दाल, ताज़ा मछली, बकरी का मांस, पोल्ट्री (चिकन), ताज़ा दूध, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक, प्याज, सेब, केला, नींबू, बैंगन, गोभी, गाजर, फूलगोभी, फ्रेंच बीन, हरा धनिया पत्‍ता, भिंडी, मेथी, पालक, मटर, आलू, मूली, टमाटर, तोरई, बिजली शुल्क, आभूषण ग्लास आदि सूचकांक में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं.

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हालांकि, सूचकांक में इस वृद्धि में निचला दबाव डालते हुए अंडे (मुर्गी), इमली, करेला, परवल, ककड़ी, खरबूजा, आम (पके), फूल/फूल माला इत्‍यादि बाधा डालने का काम करते है.

सीपीआई-आईडब्ल्यू पर आधारित वर्ष-दर-वर्ष मुद्रास्फीति अप्रैल, 2019 के लिए 8.33 प्रतिशत पर थी, जबकि पिछले महीने यह 7.67 प्रतिशत और पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान 3.97 प्रतिशत थी. इसी तरह खाद्य महंगाई दर अप्रैल, 2019 में 4.92 प्रतिशत, पिछले महीने 3.96 प्रतिशत और 1.33 प्रतिशत पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान रही.

केंद्र स्तर पर राउरकेला, हावड़ा और सिलीगुड़ी में मैसूर, मुंगेर-जमालपुर और वाराणसी (6 अंक प्रत्येक) के बाद 7 अंकों की अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई. इसके अलावा, 8 केंद्रों के सूचकांक में 5 अंक की वृद्धि, 8 केंद्रों के सूचकांक में 4 अंक, 15 केंद्रों के सूचकांक में 3 अंक, 23 केंद्रों के सूचकांक में 2 अंक और 10 केंद्रों के सूचकांक में 1 अंक की वृद्धि दर्ज की गई. बाकी 8 केंद्रों के सूचकांक स्थिर रहे.

35 केंद्रों के सूचकांक अखिल भारतीय सूचकांक से ऊपर हैं और 43 केंद्रों के सूचकांक राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं.

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नई दिल्ली: अप्रैल, 2019 के लिए अखिल भारतीय उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक सीपीआई-आईडब्ल्यू 3 अंकों की वृद्धि के साथ 312 पर आ गई. एक महीने के प्रतिशत बदलाव पर इसमें मार्च और अप्रैल, 2019 के बीच 0.97 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले वर्ष इसी महीनों के बीच इसमें 0.35 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.

कुल बदलाव में वर्तमान सूचकांक में अधिकतम ऊपरी दबाव में खाद्य समूह 2.26 प्रतिशत अंक का योगदान देता है. अरहर दाल, ताज़ा मछली, बकरी का मांस, पोल्ट्री (चिकन), ताज़ा दूध, हरी मिर्च, लहसुन, अदरक, प्याज, सेब, केला, नींबू, बैंगन, गोभी, गाजर, फूलगोभी, फ्रेंच बीन, हरा धनिया पत्‍ता, भिंडी, मेथी, पालक, मटर, आलू, मूली, टमाटर, तोरई, बिजली शुल्क, आभूषण ग्लास आदि सूचकांक में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं.

हालांकि, सूचकांक में इस वृद्धि में निचला दबाव डालते हुए अंडे (मुर्गी), इमली, करेला, परवल, ककड़ी, खरबूजा, आम (पके), फूल/फूल माला इत्‍यादि बाधा डालने का काम करते है.

सीपीआई-आईडब्ल्यू पर आधारित वर्ष-दर-वर्ष मुद्रास्फीति अप्रैल, 2019 के लिए 8.33 प्रतिशत पर थी, जबकि पिछले महीने यह 7.67 प्रतिशत और पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान 3.97 प्रतिशत थी. इसी तरह खाद्य महंगाई दर अप्रैल, 2019 में 4.92 प्रतिशत, पिछले महीने 3.96 प्रतिशत और 1.33 प्रतिशत पिछले वर्ष के इसी महीने के दौरान रही.

केंद्र स्तर पर राउरकेला, हावड़ा और सिलीगुड़ी में मैसूर, मुंगेर-जमालपुर और वाराणसी (6 अंक प्रत्येक) के बाद 7 अंकों की अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई. इसके अलावा, 8 केंद्रों के सूचकांक में 5 अंक की वृद्धि, 8 केंद्रों के सूचकांक में 4 अंक, 15 केंद्रों के सूचकांक में 3 अंक, 23 केंद्रों के सूचकांक में 2 अंक और 10 केंद्रों के सूचकांक में 1 अंक की वृद्धि दर्ज की गई. बाकी 8 केंद्रों के सूचकांक स्थिर रहे.

35 केंद्रों के सूचकांक अखिल भारतीय सूचकांक से ऊपर हैं और 43 केंद्रों के सूचकांक राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं.

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