नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिशेष और मुनाफे को सरकार को हस्तांतरित किए जाने के मसले पर केंद्रीय बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता वाली समिति फिर बैठक कर अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप देगी.
समिति में वित्त मंत्रालय से मनोनीत सदस्य पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का तबादला दूसरे मंत्रालय में हो गया है, जिससे उनका स्थान रिक्त हो गया है.
समिति के अध्यक्ष बिमल जालान ने बताया, "आरबीआई फैसला करेगा कि सही मायने में क्या किया जाना चाहिए. लिहाजा, मैं इस वक्त कोई टिप्पणी नहीं कर सकता हूं.
आरबीआई और सरकार द्वारा इस खालीपन को भरने पर फैसला किया जाएगा. "उनसे जब पूछा गया कि क्या समिति की बैठक फिर होगी तो उन्होंने कहा, "ज्यादातर संभावना है."
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अभी तक जो स्थिति है उसमें पूर्व वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का तदाबला विद्युत मंत्रालय में होने के बाद समिति की दोबारा बैठक हो सकती है. हालांकि इस बात की अभी पुष्टि नहीं की जा सकती है.
रिपोर्ट पर पिछली बैठक में जो फैसला हुआ था, वहीं रहेगा लेकिन सरकार के नए मनोनीत सदस्य के उस पर हस्ताक्षर होंगे या वित्त मंत्रालय के नए सदस्य के साथ उसी मसले पर फिर विचार-विमर्श किया जाएगा.
वित्त मंत्रालय में गर्ग की जगह अतनू चक्रवर्ती आर्थिक मामलों के सचिव बने हैं.
सरकार ने अभी तक नए वित्त सचिव के नाम की घोषणा नहीं की है, जबकि वित्त मंत्रालय में बैंकिंग सचिव राजीव कुमार सबसे वरिष्ठ आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी हैं.
आरबीआई की आर्थिक पूंजी रूपरेखा (फ्रेमवर्क) पर बिमल जालान समिति विचार-विमर्श पूरा करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपने वाली थी, लेकिन समिति को गर्ग का तबादला होने के बाद मनोनीत सदस्य बदलने पर सरकार के फैसले का इंतजार करना होगा.
गर्ग छह सदस्यीय इस समिति में शामिल थे, और वह अकेले ऐसे सदस्य थे, जिन्होंने समिति के फैसले का विरोध करते हुए उस पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था.
आरबीआई के केंद्रीय बोर्ड की बैठक 16 अगस्त को होगी. पिछली बार समिति की बैठक 18 जुलाई को हुई थी, जिसमें आरबीआई द्वारा सरकार को किए जाने वाले हस्तांरण की राशि पर फैसला किया गया था.