कोलकाता : चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 15 प्रतिशत की उच्च उत्पादन वृद्धि दर रहने के बाद कोल इंडिया ने पूरे वर्ष के लिए 65.2 करोड़ टन के आतंरिक लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास किया, लेकिन चीजें कोल इंडिया की योजना के मुताबिक नहीं हो सकी. कोल इंडिया ने कहा कि उसने कोयला उत्पादन और उठाव दोनों के 61 करोड़ टन रहने के लिए कोयला मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.
कोल इंडिया ने कहा कि कोयले के उत्पादन पर नजर रखने वाले एक विश्लेषक ने कहा कि मौजूदा रुख के आधार पर उत्पादन करीब 59 करोड़ टन रह सकता है. फरवरी अंत में कंपनी की खदानों में 3.76 करोड़ टन का कोयला भंडार पड़ा था. महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के उत्पादन में फरवरी 2019 में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में क्रमश: 17 प्रतिशत और 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.
कोल इंडिया के कुल उत्पादन में इन दोनों की अनुषंगी कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 50 प्रतिशत है लेकिन हड़ताल और काम में व्यवधान के चलते दोनों कंपनियों का उत्पादन प्रभावित हुआ. अधिकारियों ने कहा कि इन दिक्कतों को दूर करने की कोशिश की जा रही है, हालांकि चुनाव का समय पास है, फिर भी हमें सकारात्मक उम्मीदें हैं.
कोल इंडिया का कुल उत्पादन चालू वित्त वर्ष में फरवरी तक 6.6 प्रतिशत बढ़कर 52.8 करोड़ टन रहा. इस दौरान कोयले का उठाव 54.8 करोड़ टन रहा. बिजली क्षेत्र का कुल कोयला उठाव फरवरी 2019 तक 44.08 करोड़ टन रहा. यह एक साल पहले की इसी अवधि की तुलना में 7.1 प्रतिशत अधिक रहा है.
(भाषा)
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