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कृषि पर गठित मुख्यमंत्रियों की समिति अनुदान राशि का आवंटन सुधारों के साथ जोड़ने के पक्ष में

बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए उच्च अधिकार प्राप्त समिति के संयोजक फड़णवीस ने कहा कि कृषि और वाणिज्य मंत्रालयों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए क्योंकि एक उत्पादन से जुड़ा है जबकि दूसरा विपणन से.

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Published : Jul 18, 2019, 10:28 PM IST

Updated : Jul 18, 2019, 11:11 PM IST

कृषि पर गठित मुख्यमंत्रियों की समिति अनुदान राशि का आवंटन सुधारों के साथ जोड़ने के पक्ष में

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार को वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्यों को दिये जाने वाले कोष और अनुदान को कृषि क्षेत्र में किये जाने वाले सुधारों के साथ जोड़ना चाहिए.

कृषि पर गठित मुख्यमंत्रियों की समिति अनुदान राशि का आवंटन सुधारों के साथ जोड़ने के पक्ष में

कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक बदलाव को लेकर गठित मुख्यमंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की पहली बैठक में इस आशय के प्रस्ताव पर चर्चा की गयी.

बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए उच्च अधिकार प्राप्त समिति के संयोजक फड़णवीस ने कहा कि कृषि और वाणिज्य मंत्रालयों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए क्योंकि एक उत्पादन से जुड़ा है जबकि दूसरा विपणन से.

ये भी पढ़ें: गोयल की अगले महीने अमेरिका की यात्रा, विवादित व्यापार मुद्दों का हल ढूंढने का होगा प्रयास

उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाने वाला अनुदान और वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर कोष का आबंटन राज्यों में कृषि क्षेत्र में होने वाले सुधारों से जोड़ा जाना चाहिए."

यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि राज्यों में एक साथ सुधार हों. फड़णवीस ने आगे कहा कि जब तक सभी राज्य एक साथ नहीं आते हैं, देश में कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव नहीं आएगा.

अन्य बातों के अलावा समिति के कुछ सदस्यों ने खाद्य क्षेत्र में आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए), 1955 की उपयोगिता पर भी सवाल उठाये हैं.

उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ईसीए, 1955 को समाप्त करने के पक्ष में थे."

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार को वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्यों को दिये जाने वाले कोष और अनुदान को कृषि क्षेत्र में किये जाने वाले सुधारों के साथ जोड़ना चाहिए.

कृषि पर गठित मुख्यमंत्रियों की समिति अनुदान राशि का आवंटन सुधारों के साथ जोड़ने के पक्ष में

कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक बदलाव को लेकर गठित मुख्यमंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की पहली बैठक में इस आशय के प्रस्ताव पर चर्चा की गयी.

बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए उच्च अधिकार प्राप्त समिति के संयोजक फड़णवीस ने कहा कि कृषि और वाणिज्य मंत्रालयों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए क्योंकि एक उत्पादन से जुड़ा है जबकि दूसरा विपणन से.

ये भी पढ़ें: गोयल की अगले महीने अमेरिका की यात्रा, विवादित व्यापार मुद्दों का हल ढूंढने का होगा प्रयास

उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाने वाला अनुदान और वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर कोष का आबंटन राज्यों में कृषि क्षेत्र में होने वाले सुधारों से जोड़ा जाना चाहिए."

यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि राज्यों में एक साथ सुधार हों. फड़णवीस ने आगे कहा कि जब तक सभी राज्य एक साथ नहीं आते हैं, देश में कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव नहीं आएगा.

अन्य बातों के अलावा समिति के कुछ सदस्यों ने खाद्य क्षेत्र में आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए), 1955 की उपयोगिता पर भी सवाल उठाये हैं.

उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ईसीए, 1955 को समाप्त करने के पक्ष में थे."

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार को वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्यों को दिये जाने वाले कोष और अनुदान को कृषि क्षेत्र में किये जाने वाले सुधारों के साथ जोड़ना चाहिए.

कृषि क्षेत्र में संरचनात्मक बदलाव को लेकर गठित मुख्यमंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की पहली बैठक में इस आशय के प्रस्ताव पर चर्चा की गयी.

बैठक के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए उच्च अधिकार प्राप्त समिति के संयोजक फड़णवीस ने कहा कि कृषि और वाणिज्य मंत्रालयों के बीच बेहतर तालमेल होना चाहिए क्योंकि एक उत्पादन से जुड़ा है जबकि दूसरा विपणन से.

उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार की तरफ से दिया जाने वाला अनुदान और वित्त आयोग की सिफारिशों के आधार पर कोष का आबंटन राज्यों में कृषि क्षेत्र में होने वाले सुधारों से जोड़ा जाना चाहिए."

यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि राज्यों में एक साथ सुधार हों. फड़णवीस ने आगे कहा कि जब तक सभी राज्य एक साथ नहीं आते हैं, देश में कृषि क्षेत्र में व्यापक बदलाव नहीं आएगा.

अन्य बातों के अलावा समिति के कुछ सदस्यों ने खाद्य क्षेत्र में आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए), 1955 की उपयोगिता पर भी सवाल उठाये हैं.

उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ईसीए, 1955 को समाप्त करने के पक्ष में थे."

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Last Updated : Jul 18, 2019, 11:11 PM IST
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