नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉन्ड योजना को वापस लेने के सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि यह देश के नागरिकों के लिए झटका है और ऐसे में लोगों को इसकी तत्काल बहाली की मांग करनी चाहिए.
पूर्व वित्त मंत्री ने ट्वीट किया, "सरकार ने बचत करने वाले नागरिकों खासकर वरिष्ठ नागरिकों को एक और झटका दिया है. इसने 7.75 प्रतिशत बचत आरबीआई बॉन्ड योजना को वापस ले लिया है. "
उन्होंने कहा, "सरकार ने जनवरी, 2018 में भी ऐसा किया था. मैंने इसका पुरजोर विरोध किया था. अगले ही दिन सरकार ने बॉन्ड को फिर शुरू कर दिया लेकिन ब्याज दर को आठ फीसदी से घटाकर 7.75 फीसदी कर दिया." चिदंबरम ने कहा, " कर लगने के बाद इस पर सिर्फ 4.4 प्रतिशत का लाभ होगा. अब यह भी वापस ले लिया गया है. क्यों? मैं इस कदम की निंदा करता हूं."
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उनके मुताबिक हर सरकार अपने नागरिकों को कम से कम एक सुरक्षित जोखिम मुक्त निवेश का विकल्प उपलब्ध कराने को बाध्य है. यह 2003 से आरबीआई बॉन्ड था.
उन्होंने कहा, "पीपीएफ और लघु बचत योजनाओं पर ब्याज घटाने के बाद आरबीआई बॉन्ड को खत्म करना एक और बेरहम झटका है. सभी नागरिकों को मांग करनी चाहिए कि आरबीआई बॉन्ड को तत्काल बहाल किया जाए."
गौरतलब है कि सरकार ने 7.75 प्रतिशत बचत (करयोग्य) बॉन्ड योजना को बृहस्पतिवार को बैंकिंग कारोबार समाप्त होने के समय से वापस लेने का फैसला किया है. सरकार ने यह निर्णय घटती ब्याज दरों को देखते हुए किया है.
सरकार के इन बॉन्ड को सामान्य तौर पर आरबीआई बॉन्ड अथवा भारत सरकार के बॉन्ड के नाम से जाना जाता है. खुदरा निवेशकों के बीच ये बॉन्ड काफी पसंद किया जाता है. इन बॉन्ड में निवेश करने वाले अपनी मूल राशि की सुरक्षा के साथ साथ नियमित आय को ध्यान में रखते हुये निवेश करते हैं. प्रवासी भारतीय इन बॉन्ड में निवेश के पात्र नहीं हैं.
रिजर्व बैंक की बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है, "भारत सरकार एतत् द्वारा यह अधिसूचित करती है कि 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉन्ड, 2018 ... बृहस्पतिवार, 28 मई 2020 को बैंकिंग कार्य समय समाप्त होने के समय से निवेश के लिये उपलब्ध नहीं होंगे."
(पीटीआई-भाषा)