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केंद्र ने जीसटी क्षतिपूर्ति के 14,103 करोड़ रुपये राज्यों को जारी किए, और राशि जल्द

सूत्रों ने बताया कि इस ताजा भुगतान के साथ वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर और नवंबर के लिये जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में करीब 34,000 करोड़ रुपये लंबित बकाया का भुगतान कर दिया है. सूत्रों के अनुसार पहली किस्त में 19,950 करोड़ रुपये 17 फरवरी को जबकि शेष राशि 14,103 करोड़ रुपये राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को मंगलवार को जारी की गयी.

केंद्र ने जीसटी क्षतिपूर्ति के 14,103 करोड़ रुपये राज्यों को जारी किए, और राशि जल्द
केंद्र ने जीसटी क्षतिपूर्ति के 14,103 करोड़ रुपये राज्यों को जारी किए, और राशि जल्द
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Published : Apr 8, 2020, 6:44 PM IST

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के बीच राज्यों की मदद के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति के तहत उन्हें करीब 34,000 करोड़ रुपये दो चरणों में जारी किया है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में राज्यों को राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिये यह राशि दी गयी है. इसमें से 14,130 करोड़ रुपये मंगलवार को जारी किए गए.

सूत्रों ने बताया कि इस ताजा भुगतान के साथ वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर और नवंबर के लिये जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में करीब 34,000 करोड़ रुपये लंबित बकाया का भुगतान कर दिया है. सूत्रों के अनुसार पहली किस्त में 19,950 करोड़ रुपये 17 फरवरी को जबकि शेष राशि 14,103 करोड़ रुपये राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को मंगलवार को जारी की गयी.

केंद्र से 34,053 करोड़ रुपये ऐसे समय जारी किए गए हैं जब कि राज्य सरकारें कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये 'लॉकडाउन' के कारण नकदी की समस्या से जूझ रही हैं' सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय दिसंबर और जनवरी के लंबित बकाये के भुगतान पर भी गौर कर रहा है और इसे चरणबद्ध तरीके से जल्द जारी किया जा सकता है.

सूत्रों के अनुसार सरकार ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर मद में करीब 1.35 लाख करोड़ रुपये जारी किया है. जीएसटी कानून में राज्यों को माल एवं सेवा कर क्रियान्वयन के पहले पांच साल में राजस्व में किसी भी प्रकार के नुकसान की भरपाई की गारंटी दी गयी है. जीएसटी कानून एक जुलाई 2017 को अमल में आया. कमी का आकलन आधार वर्ष 2015-16 से जीएसटी संग्रह में 14 प्रतिशत सालाना वृद्धि को मानकर किया जाता है.

जीएसटी के तहत वस्तुओं पर कर 5,12,18 और 28 प्रतिशत के स्लैब में लगाया जाता है. आरामदायक (लग्जरी) और समाज के लिये अहितकर वस्तुओं पर उच्च कर की श्रेणी ऊपर उपकर लगाया जाता है और उस राशि का उपयोग राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये किया जाता है. केंद्र ने एक जुलाई 2017 को जीएसटी के अमल में आने के बाद से राज्यों को क्षतिपूर्ति के रूप में 2.45 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

ये भी पढ़ें: कोरोना संकट का किफायती आवास उद्यम पर पड़ सकता है बुरा असर

जीएसटी संग्रह मार्च में एक लाख करोड़ रुपये के मनौवज्ञानिक स्तर से नीचे 97,597 करोड़ रुपये रहा. चार महीने में पहली बार था जब जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से नीचे रहा. इसका कारण कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये जारी देशव्यापी बंद है. इस साल मार्च में जीएसटी संग्रह पिछले साल के इसी महीने में वसूले गये 1.06 लाख करोड़ रुपये के मुकबले 8.4 प्रतिशत कम है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के बीच राज्यों की मदद के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति के तहत उन्हें करीब 34,000 करोड़ रुपये दो चरणों में जारी किया है. माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था में राज्यों को राजस्व नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिये यह राशि दी गयी है. इसमें से 14,130 करोड़ रुपये मंगलवार को जारी किए गए.

सूत्रों ने बताया कि इस ताजा भुगतान के साथ वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर और नवंबर के लिये जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में करीब 34,000 करोड़ रुपये लंबित बकाया का भुगतान कर दिया है. सूत्रों के अनुसार पहली किस्त में 19,950 करोड़ रुपये 17 फरवरी को जबकि शेष राशि 14,103 करोड़ रुपये राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को मंगलवार को जारी की गयी.

केंद्र से 34,053 करोड़ रुपये ऐसे समय जारी किए गए हैं जब कि राज्य सरकारें कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये 'लॉकडाउन' के कारण नकदी की समस्या से जूझ रही हैं' सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय दिसंबर और जनवरी के लंबित बकाये के भुगतान पर भी गौर कर रहा है और इसे चरणबद्ध तरीके से जल्द जारी किया जा सकता है.

सूत्रों के अनुसार सरकार ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर मद में करीब 1.35 लाख करोड़ रुपये जारी किया है. जीएसटी कानून में राज्यों को माल एवं सेवा कर क्रियान्वयन के पहले पांच साल में राजस्व में किसी भी प्रकार के नुकसान की भरपाई की गारंटी दी गयी है. जीएसटी कानून एक जुलाई 2017 को अमल में आया. कमी का आकलन आधार वर्ष 2015-16 से जीएसटी संग्रह में 14 प्रतिशत सालाना वृद्धि को मानकर किया जाता है.

जीएसटी के तहत वस्तुओं पर कर 5,12,18 और 28 प्रतिशत के स्लैब में लगाया जाता है. आरामदायक (लग्जरी) और समाज के लिये अहितकर वस्तुओं पर उच्च कर की श्रेणी ऊपर उपकर लगाया जाता है और उस राशि का उपयोग राज्यों को राजस्व में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये किया जाता है. केंद्र ने एक जुलाई 2017 को जीएसटी के अमल में आने के बाद से राज्यों को क्षतिपूर्ति के रूप में 2.45 लाख करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

ये भी पढ़ें: कोरोना संकट का किफायती आवास उद्यम पर पड़ सकता है बुरा असर

जीएसटी संग्रह मार्च में एक लाख करोड़ रुपये के मनौवज्ञानिक स्तर से नीचे 97,597 करोड़ रुपये रहा. चार महीने में पहली बार था जब जीएसटी संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से नीचे रहा. इसका कारण कोरोना वायरस की रोकथाम के लिये जारी देशव्यापी बंद है. इस साल मार्च में जीएसटी संग्रह पिछले साल के इसी महीने में वसूले गये 1.06 लाख करोड़ रुपये के मुकबले 8.4 प्रतिशत कम है.

(पीटीआई-भाषा)

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