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केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिये राज्यों को जारी किये 30,000 करोड़ रुपये

केंद्र सरकार ने 27 मार्च को 2020-21 के लिये राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में 30,000 करोड़ रुपये जारी किये. इस वित्त वर्ष में अबतक क्षतिपूर्ति के लिये कुल 70,000 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं.

केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिये राज्यों को जारी किये 30,000 करोड़ रुपये
केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति के लिये राज्यों को जारी किये 30,000 करोड़ रुपये
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Published : Mar 31, 2021, 5:03 PM IST

Updated : Apr 1, 2021, 3:46 PM IST

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के तदर्थ निपटान के माध्यम से 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 14,000 करोड़ रुपये जारी किए, जो केंद्र द्वारा एकत्र किया जाता है लेकिन केंद्र और राज्यों के बीच समान रूप से विभाजित होता है. इसके अलावा, केंद्र ने शनिवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 30,000 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा जारी किया.

मंगलवार को 14,000 करोड़ रुपये के आईजीएसटी निपटान के हस्तांतरण के साथ, केंद्र सरकार ने पिछले चार दिनों में जीएसटी मुआवजा बकाया और आईजीएसटी निपटान के रूप में कुल 44,000 करोड़ रुपये राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को हस्तांतरित किए हैं. चालू वित्त वर्ष के करीब 63,000 करोड़ रुपये लंबित है.

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति मद में 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में अबतक 70,000 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. यह चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह में कमी के लिये क्षतिपूर्ति को लेकर विशेष उधारी व्यवस्था के तहत राज्यों को जारी किये गये 1.10 लाख करोड़ रुपये के अलावा है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'केंद्र सरकार ने 27 मार्च को 2020-21 के लिये राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में 30,000 करोड़ रुपये जारी किये. इस वित्त वर्ष में अबतक क्षतिपूर्ति के लिये कुल 70,000 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं.'

ये भी पढ़ें : एक बार चार्ज करने पर 500 किलोमीटर चल सकती है किआ की इलेक्ट्रिक कार

इसके अलावा, केंद्र ने एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) मद में 28,000 करोड़ रुपये का निपटान किया है. इसमें से 14,000 करोड़ रुपये राज्यों एवं केंद्र के बीच समान रूप से साझा किये गये हैं.

मंत्रालय के अनुसार, 'अबतक जारी की गयी जीएसटी क्षतिपूर्ति, उधारी और आईजीएसटी निपटान पर गौर करने के बाद जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों का 2020-21 के लिये शेष केवल 63,000 करोड़ रुपये लंबित है.'

63,000 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया

पिछले चार दिनों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी क्षतिपूर्ति देय और आईजीएसटी निपटान के भुगतान के रूप में 44,000 करोड़ रुपये के भुगतान के बाद भी, केंद्र जीएसटी क्षतिपूर्ति अधिनियम, 2017 के तहत वर्ष के लिए अपने कानूनी दायित्वों का निर्वहन करने में सक्षम नहीं है.

सरकार ने कहा कि जीएसटी मुआवजे, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक विशेष विंडो के माध्यम से ऋण की व्यवस्था की गई और आईजीएसटी निपटान के जारी होने के बाद, लगभग 63,000 रुपये का शेष राशि राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को उनके जीएसटी मुआवजे के रूप में भुगतान किया जाना बाकि है.

30,000 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया

शनिवार को 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिए गए 30,000 करोड़ रुपये के जीएसटी मुआवजे के बकाए का सबसे बड़ा लाभार्थी महाराष्ट्र रहा. उसे जीएसटी क्षतिपूर्ति देय राशि में 4,446 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.

महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक (2,970 करोड़ रुपये), गुजरात (2,574 करोड़ रुपये), तमिलनाडु (2,193 करोड़ रुपये), उत्तर प्रदेश (2,094 करोड़ रुपये) और दिल्ली (1,748 करोड़ रुपये) रहे.

छह अन्य राज्यों ने शनिवार को जीएसटी क्षतिपूर्ति देय राशि में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए. ये हैं पंजाब (1,707 करोड़ रुपये), पश्चिम बंगाल (1,309 करोड़ रुपये), केरल (1,378 करोड़ रुपये), राजस्थान (1,176 करोड़ रुपये), मध्य प्रदेश (1,108 करोड़ रुपये), और हरियाणा (1,020 करोड़ रुपये).

आंध्र प्रदेश को 742 करोड़ रुपये मिले, असम को 308 करोड़ रुपये मिले, बिहार को 818 करोड़ रुपये मिले, छत्तीसगढ़ को 635 करोड़ रुपये मिले, गोवा (246 करोड़ रुपये), हिमाचल प्रदेश (338 करोड़ रुपये), जम्मू और कश्मीर (419 करोड़ रुपये) मिले. झारखंड (461 करोड़ रुपये), मेघालय (42 करोड़ रुपये), ओडिशा (786 करोड़ रुपये), पुदुचेरी (140 करोड़ रुपये), सिक्किम (3.7 करोड़ रुपये), तेलंगाना (771 करोड़ रुपये), त्रिपुरा (47 करोड़ रुपये) और उत्तराखंड (517 करोड़ रुपये) मिले.

14,000 करोड़ रुपये का आईजीएसटी निपटान

केंद्र ने मंगलवार को 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडहॉक आईजीएसटी निपटान के रूप में 14,000 करोड़ रुपये जारी किए.

पांच राज्यों ने मंगलवार को एडहॉक आईजीएसटी निपटान में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए. ये महाराष्ट्र (2,115 करोड़ रुपये), कर्नाटक (1,263 करोड़ रुपये), उत्तर प्रदेश (1,167 करोड़ रुपये), तमिलनाडु (1,041 करोड़ रुपये), और गुजरात (1,009 करोड़ रुपये) हैं.

ये भी पढ़ें : नए लेखांकन नियमों से लगेगी धोखाधड़ी, बैकडेटिंग प्रविष्टियों पर लगाम

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने मंगलवार को एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) के तदर्थ निपटान के माध्यम से 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 14,000 करोड़ रुपये जारी किए, जो केंद्र द्वारा एकत्र किया जाता है लेकिन केंद्र और राज्यों के बीच समान रूप से विभाजित होता है. इसके अलावा, केंद्र ने शनिवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को 30,000 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा जारी किया.

मंगलवार को 14,000 करोड़ रुपये के आईजीएसटी निपटान के हस्तांतरण के साथ, केंद्र सरकार ने पिछले चार दिनों में जीएसटी मुआवजा बकाया और आईजीएसटी निपटान के रूप में कुल 44,000 करोड़ रुपये राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को हस्तांतरित किए हैं. चालू वित्त वर्ष के करीब 63,000 करोड़ रुपये लंबित है.

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्षतिपूर्ति मद में 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में अबतक 70,000 करोड़ रुपये जारी किये गये हैं. यह चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह में कमी के लिये क्षतिपूर्ति को लेकर विशेष उधारी व्यवस्था के तहत राज्यों को जारी किये गये 1.10 लाख करोड़ रुपये के अलावा है.

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'केंद्र सरकार ने 27 मार्च को 2020-21 के लिये राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में 30,000 करोड़ रुपये जारी किये. इस वित्त वर्ष में अबतक क्षतिपूर्ति के लिये कुल 70,000 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं.'

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इसके अलावा, केंद्र ने एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) मद में 28,000 करोड़ रुपये का निपटान किया है. इसमें से 14,000 करोड़ रुपये राज्यों एवं केंद्र के बीच समान रूप से साझा किये गये हैं.

मंत्रालय के अनुसार, 'अबतक जारी की गयी जीएसटी क्षतिपूर्ति, उधारी और आईजीएसटी निपटान पर गौर करने के बाद जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों का 2020-21 के लिये शेष केवल 63,000 करोड़ रुपये लंबित है.'

63,000 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया

पिछले चार दिनों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जीएसटी क्षतिपूर्ति देय और आईजीएसटी निपटान के भुगतान के रूप में 44,000 करोड़ रुपये के भुगतान के बाद भी, केंद्र जीएसटी क्षतिपूर्ति अधिनियम, 2017 के तहत वर्ष के लिए अपने कानूनी दायित्वों का निर्वहन करने में सक्षम नहीं है.

सरकार ने कहा कि जीएसटी मुआवजे, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक विशेष विंडो के माध्यम से ऋण की व्यवस्था की गई और आईजीएसटी निपटान के जारी होने के बाद, लगभग 63,000 रुपये का शेष राशि राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों को उनके जीएसटी मुआवजे के रूप में भुगतान किया जाना बाकि है.

30,000 करोड़ रुपये का जीएसटी बकाया

शनिवार को 27 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिए गए 30,000 करोड़ रुपये के जीएसटी मुआवजे के बकाए का सबसे बड़ा लाभार्थी महाराष्ट्र रहा. उसे जीएसटी क्षतिपूर्ति देय राशि में 4,446 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.

महाराष्ट्र के बाद कर्नाटक (2,970 करोड़ रुपये), गुजरात (2,574 करोड़ रुपये), तमिलनाडु (2,193 करोड़ रुपये), उत्तर प्रदेश (2,094 करोड़ रुपये) और दिल्ली (1,748 करोड़ रुपये) रहे.

छह अन्य राज्यों ने शनिवार को जीएसटी क्षतिपूर्ति देय राशि में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए. ये हैं पंजाब (1,707 करोड़ रुपये), पश्चिम बंगाल (1,309 करोड़ रुपये), केरल (1,378 करोड़ रुपये), राजस्थान (1,176 करोड़ रुपये), मध्य प्रदेश (1,108 करोड़ रुपये), और हरियाणा (1,020 करोड़ रुपये).

आंध्र प्रदेश को 742 करोड़ रुपये मिले, असम को 308 करोड़ रुपये मिले, बिहार को 818 करोड़ रुपये मिले, छत्तीसगढ़ को 635 करोड़ रुपये मिले, गोवा (246 करोड़ रुपये), हिमाचल प्रदेश (338 करोड़ रुपये), जम्मू और कश्मीर (419 करोड़ रुपये) मिले. झारखंड (461 करोड़ रुपये), मेघालय (42 करोड़ रुपये), ओडिशा (786 करोड़ रुपये), पुदुचेरी (140 करोड़ रुपये), सिक्किम (3.7 करोड़ रुपये), तेलंगाना (771 करोड़ रुपये), त्रिपुरा (47 करोड़ रुपये) और उत्तराखंड (517 करोड़ रुपये) मिले.

14,000 करोड़ रुपये का आईजीएसटी निपटान

केंद्र ने मंगलवार को 37 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडहॉक आईजीएसटी निपटान के रूप में 14,000 करोड़ रुपये जारी किए.

पांच राज्यों ने मंगलवार को एडहॉक आईजीएसटी निपटान में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए. ये महाराष्ट्र (2,115 करोड़ रुपये), कर्नाटक (1,263 करोड़ रुपये), उत्तर प्रदेश (1,167 करोड़ रुपये), तमिलनाडु (1,041 करोड़ रुपये), और गुजरात (1,009 करोड़ रुपये) हैं.

ये भी पढ़ें : नए लेखांकन नियमों से लगेगी धोखाधड़ी, बैकडेटिंग प्रविष्टियों पर लगाम

Last Updated : Apr 1, 2021, 3:46 PM IST
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