ETV Bharat / business

बैंकों को चौथी तिमाही में भी नकदी स्थिति सख्त बने रहने के आसार: सर्वेक्षण

author img

By

Published : Feb 18, 2019, 11:47 AM IST

नई दिल्ली: देश के अधिकतर बैंकों को स्थिति में हल्के सुधार के बावजूद चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में भी नकदी की स्थिति सख्त बने रहने के आसार लगते हैं. सार्वजनिक, निजी, विदेशी और लघु वित्त क्षेत्र के 23 बैंकों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में नकदी तरलता परिदृश्य घाटे में ही रहा था.

कांसेप्ट इमेज

यह जानकारी 'फिक्की-भारतीय बैंक संघ' के सर्वेक्षण में सामने आयी है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि अधिकतर बैंकों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में तरलता परिदृश्य कमी वाला रहा है और भले ही इसमें हल्की बेहतरी हुई है लेकिन चौथी तिमाही में भी नकदी की स्थिति तंग बने रहने की संभावना है.

ये भी पढ़ें- आरबीआई बोर्ड की बैठक आज, वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे संबोधित

इसकी वजह आगामी चुनाव, उच्च राजकोषीय घाटा, कर का बाह्य प्रवाह और साल के अंत में नकदी की मांग बढ़ना है. बैंक इस बात पर भी सहमत हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक ने तरलता को बनाए रखने के लिए खुले बाजार से खरीद के माध्यम से पर्याप्त कदम उठाए हैं और सुझाव दिया कि केंद्रीय बैंक को वित्त वर्ष की बची अवधि में खुले बाजार परिचालन के जरिये खरीद जारी रखनी चाहिए ताकि तंत्र में नकदी की स्थिति उचित स्तर पर बनी रहे. आठवें दौर के इस सर्वेक्षण में 23 बैंकों ने भाग लिया. सर्वेक्षण जुलाई से दिसंबर 2018 अवधि के दौरान किया गया.

(भाषा)

undefined

यह जानकारी 'फिक्की-भारतीय बैंक संघ' के सर्वेक्षण में सामने आयी है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि अधिकतर बैंकों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में तरलता परिदृश्य कमी वाला रहा है और भले ही इसमें हल्की बेहतरी हुई है लेकिन चौथी तिमाही में भी नकदी की स्थिति तंग बने रहने की संभावना है.

ये भी पढ़ें- आरबीआई बोर्ड की बैठक आज, वित्त मंत्री अरुण जेटली करेंगे संबोधित

इसकी वजह आगामी चुनाव, उच्च राजकोषीय घाटा, कर का बाह्य प्रवाह और साल के अंत में नकदी की मांग बढ़ना है. बैंक इस बात पर भी सहमत हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक ने तरलता को बनाए रखने के लिए खुले बाजार से खरीद के माध्यम से पर्याप्त कदम उठाए हैं और सुझाव दिया कि केंद्रीय बैंक को वित्त वर्ष की बची अवधि में खुले बाजार परिचालन के जरिये खरीद जारी रखनी चाहिए ताकि तंत्र में नकदी की स्थिति उचित स्तर पर बनी रहे. आठवें दौर के इस सर्वेक्षण में 23 बैंकों ने भाग लिया. सर्वेक्षण जुलाई से दिसंबर 2018 अवधि के दौरान किया गया.

(भाषा)

undefined
Intro:Body:

बैंकों को चौथी तिमाही में भी नकदी स्थिति सख्त बने रहने के आसार: सर्वेक्षण

नई दिल्ली: देश के अधिकतर बैंकों को स्थिति में हल्के सुधार के बावजूद चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में भी नकदी की स्थिति सख्त बने रहने के आसार लगते हैं. सार्वजनिक, निजी, विदेशी और लघु वित्त क्षेत्र के 23 बैंकों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में नकदी तरलता परिदृश्य घाटे में ही रहा था.    

यह जानकारी 'फिक्की-भारतीय बैंक संघ' के सर्वेक्षण में सामने आयी है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि अधिकतर बैंकों का मानना है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में तरलता परिदृश्य कमी वाला रहा है और भले ही इसमें हल्की बेहतरी हुई है लेकिन चौथी तिमाही में भी नकदी की स्थिति तंग बने रहने की संभावना है.

ये भी पढ़ें-

इसकी वजह आगामी चुनाव, उच्च राजकोषीय घाटा, कर का बाह्य प्रवाह और साल के अंत में नकदी की मांग बढ़ना है. बैंक इस बात पर भी सहमत हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक ने तरलता को बनाए रखने के लिए खुले बाजार से खरीद के माध्यम से पर्याप्त कदम उठाए हैं और सुझाव दिया कि केंद्रीय बैंक को वित्त वर्ष की बची अवधि में खुले बाजार परिचालन के जरिये खरीद जारी रखनी चाहिए ताकि तंत्र में नकदी की स्थिति उचित स्तर पर बनी रहे. आठवें दौर के इस सर्वेक्षण में 23 बैंकों ने भाग लिया. सर्वेक्षण जुलाई से दिसंबर 2018 अवधि के दौरान किया गया.

(भाषा)


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.