नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) विधेयक 2019 में लाये गये आधिकारिक बदलावों को मंजूरी दे दी है. कानून के इससंशोधन के तहत एक नया प्रावधान शामिल किया जा रहा है जिससे की आधार आंकड़ों का इस्तेमाल राज्य योजनाओं और सब्सिडी के लिए किया जा सकेगा.
आधार कानून में संशोधन के बाद राज्य के समेकित कोष द्वारा वित्तपोषित योजनाओं के लिए राज्य सरकारें राष्ट्रीय बायोमीट्रिक पहचान का इस्तेमाल कर सकेंगी. सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को संवाददाताओं को मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य इसकी मांग कर रहे थे. उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार ऐसे मामलों में आधार के इस्तेमाल की अनुमति है, जहां कोष सीधे केंद्र सरकार से आता है. इससे इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
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केंद्रीय योजनाओं के लिए जिस तरीके से केंद्रीय कोष से सब्सिडी लाभार्थी को स्थानांतरित की जाती है उसी तरह आधार के इस्तेमाल से राज्य सब्सिडी को भी स्थानांतरित किया जा सकेगा. संसद में इससे पहले इसी महीने आधार एवं अन्य कानून में संशोधनों को मंजूरी दी गई थी.
यह संशोधन मोबाइल फोन का सिम कार्ड लेने या बैंक खाता खोलने के लिए 12 अंकों की इस विशिष्ट पहचान संख्या का इस्तेमाल स्वैच्छिक रूप से करने की अनुमति दिये जाने से संबंधित था. सरकार ने अब इसमें एक नया प्रावधान जोड़ने के लिये संशोधन का प्रस्ताव किया है जिसमें कि राज्यों को अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए आधार के इस्तेमाल की अनुमति दिये जाने का प्रावधान है.
एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि विधेयक को संसद में पेश किए जाने के बाद संबंधित प्रावधान को जोड़ा गया है ऐसे में मंत्रिमंडल की मंजूरी बाद में दी गई सहमति की तरह है. आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 में एक नई धारा 5ए को जोड़ा गया है. इसमें कहा गया है कि प्रमुख कानून की धारा 7 में भारत के समेकित कोष के साथ ही राज्य का समेकित कोष शब्द जोड़ा गया है.