नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि बैंक एनबीएफसी और खुदरा कर्ज लेने वालों के साथ 400 जिलों में बैठकें करेंगे. ये बैठकें अगले सप्ताह से शुरू होंगी. इसका मकसद मकान खरीदारों और किसानों समेत कर्ज चाहने वालों को ऋण सुलभ कराना है.
सीतारमण ने कहा कि खुले रूप से ये बैठकें दो चरणों में होगी. पहली बैठक मंगलवार 24 सितंबर से 29 सितंबर को 200 जिलों में होगी. उसके बाद 10 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच 200 अन्य जिलों में इसी प्रकार की बैठकें होंगी.
उन्होंने कहा कि इसके पीछे सोच यह है कि त्योहारों के दौरान ज्यादा-से-ज्यादा कर्ज देना सुनिश्चित किया जा सके. दिवाली अक्टूबर में है और इसे देश में खरीदारी का सबसे अच्छा समय माना जाता है.
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खुली बैठकों के दौरान खुदरा, कृषि और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों) और आवास एवं अन्य क्षेत्रों के लिये कर्ज उपलब्ध कराये जाएंगे.
मंत्री ने बताया कि बैंकों से दबाव वाले किसी भी एमएसएमई कर्ज को 31 मार्च 2020 तक फंसा कर्ज (एनपीए) घोषित नहीं करने को कहा गया है.