सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था की वार्षिक आर्थिक वृद्धि की रफ्तार पिछले एक दशक के सबसे निचले स्तर पर आ गयी. बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जून में समाप्त वर्ष में ऑस्ट्रेलिया की जीडीपी वृद्धि दर महज 1.4 प्रतिशत पर रही.
ऑस्ट्रेलिया एक जुलाई से अगले साल के 30 जून तक के समय को एक वित्त वर्ष मानता है. ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार महज 0.40 प्रतिशत रही.
ये भी पढ़ें- आईसीआईसीआई बैंक ने कर्ज पर ब्याज दर 0.10 प्रतिशत घटाई
ऑस्ट्रेलिया करीब 28 साल से मंदी को टालने में कामयाब रहा है लेकिन बुधवार को जारी आंकड़ों से देश के आर्थिक परिदृश्य को लेकर चिंता की स्थिति पैदा हो गयी है.
देश के केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों की कमजोर खरीद धारणा के कारण मंगलवार को मुख्य ब्याज दर को घटाकर रिकॉर्ड एक प्रतिशत पर कर दिया. विश्लेषकों का मानना है कि बैंक अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं.
हालांकि, प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिशन इस बात को लेकर आश्वस्त दिखे कि देश मंदी के इस दौर से बाहर निकलने में कामयाब रहेगा. स्थानीय रेडियो से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि हाल में कर दर में की गयी कटौती से चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था को नयी मजबूती मिलेगी.
दुनियाभर में गंभीर मंदी की आहटः ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर एक दशक के सबसे निचले स्तर पर - Australian Economy
ऑस्ट्रेलिया एक जुलाई से अगले साल के 30 जून तक के समय को एक वित्त वर्ष मानता है. ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार महज 0.40 प्रतिशत रही.
सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था की वार्षिक आर्थिक वृद्धि की रफ्तार पिछले एक दशक के सबसे निचले स्तर पर आ गयी. बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जून में समाप्त वर्ष में ऑस्ट्रेलिया की जीडीपी वृद्धि दर महज 1.4 प्रतिशत पर रही.
ऑस्ट्रेलिया एक जुलाई से अगले साल के 30 जून तक के समय को एक वित्त वर्ष मानता है. ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार महज 0.40 प्रतिशत रही.
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ऑस्ट्रेलिया करीब 28 साल से मंदी को टालने में कामयाब रहा है लेकिन बुधवार को जारी आंकड़ों से देश के आर्थिक परिदृश्य को लेकर चिंता की स्थिति पैदा हो गयी है.
देश के केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों की कमजोर खरीद धारणा के कारण मंगलवार को मुख्य ब्याज दर को घटाकर रिकॉर्ड एक प्रतिशत पर कर दिया. विश्लेषकों का मानना है कि बैंक अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं.
हालांकि, प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिशन इस बात को लेकर आश्वस्त दिखे कि देश मंदी के इस दौर से बाहर निकलने में कामयाब रहेगा. स्थानीय रेडियो से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि हाल में कर दर में की गयी कटौती से चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था को नयी मजबूती मिलेगी.
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सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई अर्थव्यवस्था की वार्षिक आर्थिक वृद्धि की रफ्तार पिछले एक दशक के सबसे निचले स्तर पर आ गयी. बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जून में समाप्त वर्ष में ऑस्ट्रेलिया की जीडीपी वृद्धि दर महज 1.4 प्रतिशत पर रही.
ऑस्ट्रेलिया एक जुलाई से अगले साल के 30 जून तक के समय को एक वित्त वर्ष मानता है. ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल से जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार महज 0.40 प्रतिशत रही.
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देश के केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों की कमजोर खरीद धारणा के कारण मंगलवार को मुख्य ब्याज दर को घटाकर रिकॉर्ड एक प्रतिशत पर कर दिया. विश्लेषकों का मानना है कि बैंक अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए आने वाले महीनों में ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं.
हालांकि, प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिशन इस बात को लेकर आश्वस्त दिखे कि देश मंदी के इस दौर से बाहर निकलने में कामयाब रहेगा. स्थानीय रेडियो से बातचीत में उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि हाल में कर दर में की गयी कटौती से चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था को नयी मजबूती मिलेगी.
Conclusion: