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बजट 2019: एसोचैम ने कर छूट सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का दिया सुझाव

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Published : Jun 9, 2019, 8:01 PM IST

मंत्रालय को सौंपे ज्ञापन में उद्योग मंडल ने कहा, "वर्षों से मुद्रास्फीति के प्रभाव को देखते हुए व्यक्तिगत आय कर छूट सीमा 2,50,000 रुपये से बढ़ाकर 5,00,000 रुपये किया जाना चाहिए."

बजट 2019: एसोचैम ने कर छूट सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का दिया सुझाव

नई दिल्ली: उद्योग मंडल एसोचैम ने मुद्रास्फीति दबाव का हवाला देते हुए व्यक्तिगत आयकर सीमा 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है. वित्त मंत्रालय को बजट पूर्व दिये ज्ञापन में एसोचैम ने यह सुझाव दिया है.

मंत्रालय को सौंपे ज्ञापन में उद्योग मंडल ने कहा, "वर्षों से मुद्रास्फीति के प्रभाव को देखते हुए व्यक्तिगत आय कर छूट सीमा 2,50,000 रुपये से बढ़ाकर 5,00,000 रुपये किया जाना चाहिए."

सरकार चालू वित्त वर्ष का अपना पूर्ण बजट पांच जुलाई को पेश करेगी. उद्योग मंडल ने यह भी सुझाव दिया कि वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी करदाताओं के बीच जरूरी समानता लाने के लिये मानक कटौती को फिर से कानूनी रूप से बहाल किये जाने पर गौर किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- बजट 2019: आर्थिक विकास और रोजगार बढ़ाने पर होगा वित्त मंत्रालय का जोर

इसमें कहा गया है कि अधिकतम मान लिया जाए 1,00,000 रुपये तक के सकल वेतन का करीब 20 प्रतिशत मानक कटौती के लिये विचार किया जा सकता है.

उद्योग मंडल ने कहा कि वेतन भोगी और कारोबार / अपना काम करने वालों के बीच अंतर है. इसके कारण वेतनभोगियों को अधिक कर देना होता है.

एसोचैम ने आम करदाताओं के आत अधिक खर्च योग्य आय छोड़ने के लिये चिकित्सा व्यय, अवकाश यात्रा व्यय जैसे खर्तो पर कर राहत का सुझाव दिया है.

एलटीसी के लिये कर छूट फिलहाल केवल यात्रा के लिये है और इसमें रहने या खाने पर होना वाला खर्च शामिल नहीं है.

नई दिल्ली: उद्योग मंडल एसोचैम ने मुद्रास्फीति दबाव का हवाला देते हुए व्यक्तिगत आयकर सीमा 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है. वित्त मंत्रालय को बजट पूर्व दिये ज्ञापन में एसोचैम ने यह सुझाव दिया है.

मंत्रालय को सौंपे ज्ञापन में उद्योग मंडल ने कहा, "वर्षों से मुद्रास्फीति के प्रभाव को देखते हुए व्यक्तिगत आय कर छूट सीमा 2,50,000 रुपये से बढ़ाकर 5,00,000 रुपये किया जाना चाहिए."

सरकार चालू वित्त वर्ष का अपना पूर्ण बजट पांच जुलाई को पेश करेगी. उद्योग मंडल ने यह भी सुझाव दिया कि वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी करदाताओं के बीच जरूरी समानता लाने के लिये मानक कटौती को फिर से कानूनी रूप से बहाल किये जाने पर गौर किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- बजट 2019: आर्थिक विकास और रोजगार बढ़ाने पर होगा वित्त मंत्रालय का जोर

इसमें कहा गया है कि अधिकतम मान लिया जाए 1,00,000 रुपये तक के सकल वेतन का करीब 20 प्रतिशत मानक कटौती के लिये विचार किया जा सकता है.

उद्योग मंडल ने कहा कि वेतन भोगी और कारोबार / अपना काम करने वालों के बीच अंतर है. इसके कारण वेतनभोगियों को अधिक कर देना होता है.

एसोचैम ने आम करदाताओं के आत अधिक खर्च योग्य आय छोड़ने के लिये चिकित्सा व्यय, अवकाश यात्रा व्यय जैसे खर्तो पर कर राहत का सुझाव दिया है.

एलटीसी के लिये कर छूट फिलहाल केवल यात्रा के लिये है और इसमें रहने या खाने पर होना वाला खर्च शामिल नहीं है.

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एसोचैम का बजट में कर छूट सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का सुझाव

नई दिल्ली: उद्योग मंडल एसोचैम ने मुद्रास्फीति दबाव का हवाला देते हुए व्यक्तिगत आयकर सीमा 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है. वित्त मंत्रालय को बजट पूर्व दिये ज्ञापन में एसोचैम ने यह सुझाव दिया है.

मंत्रालय को सौंपे ज्ञापन में उद्योग मंडल ने कहा, "वर्षों से मुद्रास्फीति के प्रभाव को देखते हुए व्यक्तिगत आय कर छूट सीमा 2,50,000 रुपये से बढ़ाकर 5,00,000 रुपये किया जाना चाहिए."

सरकार चालू वित्त वर्ष का अपना पूर्ण बजट पांच जुलाई को पेश करेगी. उद्योग मंडल ने यह भी सुझाव दिया कि वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी करदाताओं के बीच जरूरी समानता लाने के लिये मानक कटौती को फिर से कानूनी रूप से बहाल किये जाने पर गौर किया जाना चाहिए.

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इसमें कहा गया है कि अधिकतम मान लिया जाए 1,00,000 रुपये तक के सकल वेतन का करीब 20 प्रतिशत मानक कटौती के लिये विचार किया जा सकता है. 

उद्योग मंडल ने कहा कि वेतन भोगी और कारोबार / अपना काम करने वालों के बीच अंतर है. इसके कारण वेतनभोगियों को अधिक कर देना होता है.

एसोचैम ने आम करदाताओं के आत अधिक खर्च योग्य आय छोड़ने के लिये चिकित्सा व्यय, अवकाश यात्रा व्यय जैसे खर्तो पर कर राहत का सुझाव दिया है. 

एलटीसी के लिये कर छूट फिलहाल केवल यात्रा के लिये है और इसमें रहने या खाने पर होना वाला खर्च शामिल नहीं है.


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