नई दिल्ली: एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक (एआईआईबी) ने बुधवार को कहा कि उसने भारत को अपने यहां गरीब और वंचित परिवारों पर कोविड-19 के दुष्प्रभावों के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिये 75 करोड़ डॉलर (5,714 करोड़ रुपये) का ऋण मंजूर किया है. इस बहुपक्षीय बैंक का मुख्यालय चीन (बीजिंग) में है.
इस बहुपक्षीय एजेंसी ने एक वक्तव्य में कहा, "इस कर्ज सहायता के जरिये जरूरतमंदों के लिये सामाजिक सुरक्षा नेट का विस्तार करने के साथ ही देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत बनाय जा सकेगा."
एजेंसी ने कहा है कि विश्वबैंक के मुताबिक भारत की करीब 27 करोड़ लोगों की आबादी अभी भी गरीबी में है. महामारी के आगे गरीबों की स्थिति बड़ी संवेदनशील है. इसके साथ ही देश में 8 करोड़ से अधिक लोग भीड़भाड़ वाली घनी आबादी में रहते हैं और उनके लिए स्वास्थ्य सुविधाएं कम हैं.
इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बुधवार को भारत में कोविड- 19 के कारण एक दिन में सबसे ज्यादा 2,003 मौतें हुई हैं. इसे मिलाकर कोविड संक्रमण से मरने वालों की संख्या 11,903 तक पहुंच गई जबकि कुल संक्रमितों की संख्या साढे तीन लाख के आंकड़े को पार करती हुई 3,54,065 तक पहुंच गई. इसके मुताबिक 10,974 नये मामले सामने आये हैं.
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एआईआईबी के उपाध्यक्ष, निवेश परिचालन डी जे पांडियन के मुताबिक, "दुनिया की निम्न और मध्यम आय वाले कई देश अभी स्वास्थ्य संकट के शुरुआती दौर में है लेकिन वह महामारी का असर महसूस करने लगे हैं. भारत में लाखों लोगों के समक्ष बड़ा जोखिम खड़ा हो गया है खासकर उन लोगों के समक्ष जो कि हाल ही में गरीबी से बाहर निकले हैं."
एआईआईबी की ओर से भारत सरकार को कुल मंजूर रिण 3.06 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. इसमें 50 करोड़ डालर का हाल ही में मंजूर कोविड- 19 आपात प्रतिक्रिया ऋण भी शामिल है. मौजूदा ऋण भारत के लिये एआईआईबी के कोविड-19 संकट से पार पाने की सुविधा के तहत दूसरा रिण होगा.
(पीटीआई-भाषा)