नई दिल्ली: केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने सोमवार को पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों के करदाताओं के लिए अग्रिम कर की तीसरी किस्त भरने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर दी.
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के चलते इन राज्यों में इंटरनेट सेवा बाधित हुई है. इसी के मद्देनजर अग्रिम कर भरने की समय-सीमा बढ़ाई गई है. इससे पहले अग्रिम कर की यह किस्त भरने के लिये 15 दिसंबर अंतिम तिथि थी.
सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा गया है, "पूर्वोत्तर के राज्यों-असम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर और मिजोरम में बड़े पैमाने पर इंटरनेट सेवाओं की गड़बड़ी के कारण केनद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने आयकर कानून की धारा 119 के उपबंध (ए), उप-धारा (2) के तहत उपलब्ध अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए वित्त वर्ष 2019-20 की दिसंबर किस्त की अंतिम तिथि को 15 दिसंबर 2019 से आगे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2019 कर दिया है. बढ़ी हुई यह तिथि इन सभी राज्यों में स्थित कंपनियों और कंपनियों से इत्तर सभी तरह के करदाताओं के लिए मान्य होगी."
ये भी पढ़ें: 'सबका विश्वास योजना' 31 दिसंबर के बाद आगे बढ़ने की संभावना नहीं: अधिकारी
आयकर कानून की धारा 208 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति जिसकी वित्त वर्ष में कर देनदारी 10,000 रुपये अथवा इससे अधिक है, तो उसे अपने कर की अग्रिम कर के रूप में अदायगी करनी होगी. प्रत्यक्ष कर श्रेणी में अग्रिम कर का भुगतान वित्त वर्ष में चार बार किया जाता है. अग्रिम कर का भुगतान 15 जून को, 15 सितंबर, 15 दिसंबर और अंतिम किस्त 15 मार्च को भरनी होती है.
असम की राजधानी गुवाहटी में सोमवार को कर्फ्यू में प्रात: छह बजे से शाम नौ बजे तक कफ्यू में ढील दी गई. संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ एक सप्ताह तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद राज्य में धीरे धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं. गुवाहटी में हालांकि, रात का कर्फ्यू जारी रहेगा, जबकि पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य राज्यों में स्थिति सामान्य बताई गई है.