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साल 2025 तक 8.5 करोड़ लोगों की जगह ले सकती हैं मशीनें: डब्ल्यूईएफ रिपोर्ट

रिपोर्ट में कहा गया कि नियोक्ताओं को इस बात की उम्मीद है कि साल 2025 तक कार्यबल में 15.4 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक की गिरावट आएगी और साथ ही नए कामों में भी 7.8 फीसदी से लेकर 13.5 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.

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Published : Oct 21, 2020, 3:35 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 5:03 PM IST

2025 तक 8.5 करोड़ लोगों की जगह ले सकती हैं मशीनें: डब्ल्यूईएफ रिपोर्ट
2025 तक 8.5 करोड़ लोगों की जगह ले सकती हैं मशीनें: डब्ल्यूईएफ रिपोर्ट

नई दिल्ली: भविष्य में नई-नई तकनीकों की मदद से जैसे-जैसे देश व दुनिया का विकास होता जाएगा, वैसे-वैसे इंसानों की नौकरियां भी खतरे में पड़ती जाएंगी. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) या विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाले वर्षो में 8.7 करोड़ लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं.

'फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2020' में हालांकि यह भी बात सामने आई है कि 9.7 करोड़ कई नई ऐसी भूमिकाओं का भी विकास होगा, जो मानव, मशीनें और नई प्रक्रियाओं के बीच सामंजस्य लाने में मददगार साबित होगा.

ये भी पढ़ें- सेबी प्रमुख ने कहा- महामारी के झटके के बाद बड़े शेयरों ही नहीं, मिड कैप, स्मॉल कैप में भी सुधार हुआ

रिपोर्ट के मुताबिक, "हालांकि आने वाले समय में जिन नई नौकरियों का विकास होगा, वे खत्म हो रही नौकरियों पर हावी रहेंगी, ठीक बीते वर्षो के विपरीत, जहां नौकरियों का निर्माण धीमा रहा, जबकि नौकरियों के खत्म होने के आंकड़ों में तेजी देखी गई."

रिपोर्ट में कहा गया कि नियोक्ताओं को इस बात की उम्मीद है कि साल 2025 तक कार्यबल में 15.4 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक की गिरावट आएगी और साथ ही नए कामों में भी 7.8 फीसदी से लेकर 13.5 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.

इसमें आगे बताया गया, "इन आंकड़ों के आधार पर हम अनुमान लगाते हैं कि 2025 तक 8.7 करोड़ नौकरियां इंसानों से मशीनों में विस्थापित होंगी, जबकि 9.7 करोड़ नई भूमिकाओं का इजात होगा, जो कि मशीन, इंसानी कार्यबल और नई प्रक्रियाओं के बीच सामंजस्य स्थापित करता हुआ दिखाई देगा."

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: भविष्य में नई-नई तकनीकों की मदद से जैसे-जैसे देश व दुनिया का विकास होता जाएगा, वैसे-वैसे इंसानों की नौकरियां भी खतरे में पड़ती जाएंगी. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) या विश्व आर्थिक मंच की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. रिपोर्ट में बताया गया है कि आने वाले वर्षो में 8.7 करोड़ लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं.

'फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2020' में हालांकि यह भी बात सामने आई है कि 9.7 करोड़ कई नई ऐसी भूमिकाओं का भी विकास होगा, जो मानव, मशीनें और नई प्रक्रियाओं के बीच सामंजस्य लाने में मददगार साबित होगा.

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रिपोर्ट के मुताबिक, "हालांकि आने वाले समय में जिन नई नौकरियों का विकास होगा, वे खत्म हो रही नौकरियों पर हावी रहेंगी, ठीक बीते वर्षो के विपरीत, जहां नौकरियों का निर्माण धीमा रहा, जबकि नौकरियों के खत्म होने के आंकड़ों में तेजी देखी गई."

रिपोर्ट में कहा गया कि नियोक्ताओं को इस बात की उम्मीद है कि साल 2025 तक कार्यबल में 15.4 फीसदी से लेकर 9 फीसदी तक की गिरावट आएगी और साथ ही नए कामों में भी 7.8 फीसदी से लेकर 13.5 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.

इसमें आगे बताया गया, "इन आंकड़ों के आधार पर हम अनुमान लगाते हैं कि 2025 तक 8.7 करोड़ नौकरियां इंसानों से मशीनों में विस्थापित होंगी, जबकि 9.7 करोड़ नई भूमिकाओं का इजात होगा, जो कि मशीन, इंसानी कार्यबल और नई प्रक्रियाओं के बीच सामंजस्य स्थापित करता हुआ दिखाई देगा."

(आईएएनएस)

Last Updated : Oct 21, 2020, 5:03 PM IST
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