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40 दिवसीय लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को 320 अरब डॉलर नुकसान का अनुमान: रिपोर्ट

इंक42 द्वारा तैयार की गई डेटालैब की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रैवेल और मोबिलिटी सेक्टर पर बहुत बुरा असर पड़ा है और ओयो, ओला, मेकमायट्रिप के राजस्व में भारी गिरावट का अनुमान है.

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Published : May 4, 2020, 11:32 AM IST

40 दिवसीय लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को 320 अरब डॉलर नुकसान का अनुमान: रिपोर्ट
40 दिवसीय लॉकडाउन से भारतीय अर्थव्यवस्था को 320 अरब डॉलर नुकसान का अनुमान: रिपोर्ट

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के कारण 40 दिवसीय लॉकडाउन के बाद दैनिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था को लगभग 320 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है. यह बात एक रिपोर्ट में कही गई है. भारत का दैनिक जीडीपी लगभग आठ अरब डॉलर हो सकता है.

इंक42 द्वारा तैयार की गई डेटालैब की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रैवेल और मोबिलिटी सेक्टर पर बहुत बुरा असर पड़ा है और ओयो, ओला, मेकमायट्रिप के राजस्व में भारी गिरावट का अनुमान है.

अक्सर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर को छोटी फैक्टरियां बंद करनी पड़ीं और वे बहुत कम श्रमशक्ति के साथ काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1,500 अंक गिरा; निफ्टी 9,400 के नीचे

'कोविड-19 स्टार्टअप इंपैक्ट रिपोर्ट-थ्रीट्स एंड अपॉर्च्यूनिटीज फॉर द इंडियन इकॉनॉमी' नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महामारी ने एमएसएमई के राजस्व को कहीं अधिक खत्म किया है.

कुछ सेक्टरों के लिए तो यह महामारी ताबूत की अंतिम कील साबित हुई है. लेकिन सप्लाई चेन बाधित होने से विनिर्माण पर हर जगह प्रभाव पड़ा है.

हालांकि इन व्यवधानों के बीच भी उपभोक्ताओं में आए स्वभावगत बदलावों के कारण कुछ सेक्टर शिखर पर पहुंच गए हैं.

हाइपरलोकल डिलिवरीज, मीडिया एंड कंटेंट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य उद्यम संबंधित टेक एप्लीकेशंस जैसी सेवाओं की मांग में अचानक हुई वृद्धि से कुछ भारतीय स्टार्टअप्स की राजस्व संभावनाओं में आगामी वित्त वर्षो में और वृद्धि होगी.

(आईएएनएस)

नई दिल्ली: कोविड-19 महामारी के कारण 40 दिवसीय लॉकडाउन के बाद दैनिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के संदर्भ में भारतीय अर्थव्यवस्था को लगभग 320 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है. यह बात एक रिपोर्ट में कही गई है. भारत का दैनिक जीडीपी लगभग आठ अरब डॉलर हो सकता है.

इंक42 द्वारा तैयार की गई डेटालैब की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रैवेल और मोबिलिटी सेक्टर पर बहुत बुरा असर पड़ा है और ओयो, ओला, मेकमायट्रिप के राजस्व में भारी गिरावट का अनुमान है.

अक्सर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) सेक्टर को छोटी फैक्टरियां बंद करनी पड़ीं और वे बहुत कम श्रमशक्ति के साथ काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 1,500 अंक गिरा; निफ्टी 9,400 के नीचे

'कोविड-19 स्टार्टअप इंपैक्ट रिपोर्ट-थ्रीट्स एंड अपॉर्च्यूनिटीज फॉर द इंडियन इकॉनॉमी' नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस महामारी ने एमएसएमई के राजस्व को कहीं अधिक खत्म किया है.

कुछ सेक्टरों के लिए तो यह महामारी ताबूत की अंतिम कील साबित हुई है. लेकिन सप्लाई चेन बाधित होने से विनिर्माण पर हर जगह प्रभाव पड़ा है.

हालांकि इन व्यवधानों के बीच भी उपभोक्ताओं में आए स्वभावगत बदलावों के कारण कुछ सेक्टर शिखर पर पहुंच गए हैं.

हाइपरलोकल डिलिवरीज, मीडिया एंड कंटेंट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और अन्य उद्यम संबंधित टेक एप्लीकेशंस जैसी सेवाओं की मांग में अचानक हुई वृद्धि से कुछ भारतीय स्टार्टअप्स की राजस्व संभावनाओं में आगामी वित्त वर्षो में और वृद्धि होगी.

(आईएएनएस)

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