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15वें वित्त आयोग ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

आयोग के चेयरमैन एन के सिंह ने अन्य सदस्यों के साथ यह रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी है. आयोग के अन्य सदस्यों में अजय नारायण झा, अनूप सिंह, अशोक लाहिड़ी और रमेश चंद शामिल हैं.

15वें वित्त आयोग ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट
15वें वित्त आयोग ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट
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Published : Nov 9, 2020, 5:00 PM IST

नई दिल्ली: पंद्रहवें वित्त आयोग ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दी. एन.के. सिंह की अध्यक्षता वाले इस आयोग ने 2021- 22 से लेकर 2025- 26 पांच साल की अवधि की रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट को ‘कोविड काल में वित्त आयोग’ नाम दिया गया है.

आयोग के चेयरमैन एन के सिंह ने अन्य सदस्यों के साथ यह रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी है. आयोग के अन्य सदस्यों में अजय नारायण झा, अनूप सिंह, अशोक लाहिड़ी और रमेश चंद शामिल हैं.

वित्त आयोग ने पिछले साल ही 2020- 21 की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी. केन्द्र सरकार ने इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया और 30 जनवरी, 2020 को संसद के पटल पर रख दिया था.

एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है ‘‘चेयरमैन एन के सिंह के नेतृत्व में 15वें वित्त आयोग ने आज अपनी 2021- 22 से 2025- 26 अवधि की रिपोर्ट माननीय राष्ट्रपति को सौंप दी है.’’

आयोग की सेवा शर्तों के अनुसार आयोग को 2021- 22 से लेकर 2025- 26 की पांच साल की अवधि के लिये अपनी सिफारिशें सौंपने को कहा गया था. आयोग को विभिन्न मुद्दों पर अपने सिफारिशें देने को कहा गया था.

केन्द्र और राज्यों के बीच कर विभाजन, स्थानीय सरकारों को दिया जाने वाला अनुदान, आपदा प्रबंधन अनुदान, सहित अन्य कई मुद्दों पर सिफारिशें देने को कहा गया था. इसके साथ ही राज्यों के लिये बिजली, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण अपनाने, ठोस कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रोत्साहन आधारित सिफारिशों देने को भी कहा गया था.

ये भी पढ़ें: बाइडेन की जीत पर जेफ बेजोस, बिल गेट्स की कुछ ऐसी रही प्रतिक्रिया

आयोग से यह भी कहा गया था कि क्या रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के लिये कोष उपलब्ध कराने के वास्ते एक अलग प्रणाली स्थापित की जानी चाहिये. ऐसा होता है तो इस प्रकार की प्रणाली को किस प्रकार से संचालित किया जा सकता है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि आयोग ने अपनी इस रिपोर्ट में सभी संदर्भ शर्तों पर गौर करने की पहल की है.

यह रिपोर्ट चार खंडों में है, पहले और दूसरे खंड में पहले की तरह मुख्य रिपोर्ट है और उसके साथ के पूरक संदर्भ दिये गये हैं. तीसरा खंड केन्द्र सरकार के लिये है जिसमें मुख्य विभागों को गहराई से जांचा परखा गया है. उनके लिये मध्यम अवधि की चुनौतियां और आगे की दिशा के बारे में बताया गया है. चौथा खंड पूरी तरह से राज्यों को समर्पित है. रिपोर्ट में संसद में पेश करने के बाद सार्वजनिक किया जायेगा.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: पंद्रहवें वित्त आयोग ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंप दी. एन.के. सिंह की अध्यक्षता वाले इस आयोग ने 2021- 22 से लेकर 2025- 26 पांच साल की अवधि की रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट को ‘कोविड काल में वित्त आयोग’ नाम दिया गया है.

आयोग के चेयरमैन एन के सिंह ने अन्य सदस्यों के साथ यह रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी है. आयोग के अन्य सदस्यों में अजय नारायण झा, अनूप सिंह, अशोक लाहिड़ी और रमेश चंद शामिल हैं.

वित्त आयोग ने पिछले साल ही 2020- 21 की रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी. केन्द्र सरकार ने इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया और 30 जनवरी, 2020 को संसद के पटल पर रख दिया था.

एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है ‘‘चेयरमैन एन के सिंह के नेतृत्व में 15वें वित्त आयोग ने आज अपनी 2021- 22 से 2025- 26 अवधि की रिपोर्ट माननीय राष्ट्रपति को सौंप दी है.’’

आयोग की सेवा शर्तों के अनुसार आयोग को 2021- 22 से लेकर 2025- 26 की पांच साल की अवधि के लिये अपनी सिफारिशें सौंपने को कहा गया था. आयोग को विभिन्न मुद्दों पर अपने सिफारिशें देने को कहा गया था.

केन्द्र और राज्यों के बीच कर विभाजन, स्थानीय सरकारों को दिया जाने वाला अनुदान, आपदा प्रबंधन अनुदान, सहित अन्य कई मुद्दों पर सिफारिशें देने को कहा गया था. इसके साथ ही राज्यों के लिये बिजली, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण अपनाने, ठोस कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रोत्साहन आधारित सिफारिशों देने को भी कहा गया था.

ये भी पढ़ें: बाइडेन की जीत पर जेफ बेजोस, बिल गेट्स की कुछ ऐसी रही प्रतिक्रिया

आयोग से यह भी कहा गया था कि क्या रक्षा और आंतरिक सुरक्षा के लिये कोष उपलब्ध कराने के वास्ते एक अलग प्रणाली स्थापित की जानी चाहिये. ऐसा होता है तो इस प्रकार की प्रणाली को किस प्रकार से संचालित किया जा सकता है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि आयोग ने अपनी इस रिपोर्ट में सभी संदर्भ शर्तों पर गौर करने की पहल की है.

यह रिपोर्ट चार खंडों में है, पहले और दूसरे खंड में पहले की तरह मुख्य रिपोर्ट है और उसके साथ के पूरक संदर्भ दिये गये हैं. तीसरा खंड केन्द्र सरकार के लिये है जिसमें मुख्य विभागों को गहराई से जांचा परखा गया है. उनके लिये मध्यम अवधि की चुनौतियां और आगे की दिशा के बारे में बताया गया है. चौथा खंड पूरी तरह से राज्यों को समर्पित है. रिपोर्ट में संसद में पेश करने के बाद सार्वजनिक किया जायेगा.

(पीटीआई-भाषा)

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