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मोदी सरकार के 100 दिन: कृषि क्षेत्र में कैसा रहा प्रदर्शन और क्या हैं उम्मीदें ?

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Published : Sep 6, 2019, 12:04 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 2:42 PM IST

देखें इंडियन काउंसिल फ़ॉर फूड एंड एग्रीकल्चर के चेयरमैन एमजे खान से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत.

मोदी सरकार के 100 दिन: कृषि क्षेत्र में कैसा रहा प्रदर्शन और क्या हैं उम्मीदें ?

नई दिल्ली: मोदी सरकार 2.0 के सौ दिन का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है और इन सौ दिनों में कृषि क्षेत्र में कुछ बड़े फैसले हुए हैं तो किसानों को सरकार ने कुछ सौगात भी दिये हैं.

हालांकि कई विशेषज्ञ लगातार इस बात के लिये मोदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं की 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करना संभव नहीं है, लेकिन कृषि क्षेत्र में एक्सपोर्ट को दुगना करना, फसलों पर लागत से डेढ़ गुना कीमत (एमएसपी) तय करना और इन तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने मोदी सरकार के 100 दिन के प्रदर्शन पर कृषि विशेषज्ञ और इंडियन काउंसिल फ़ॉर फूड एंड एग्रीकल्चर के चेयरमैन एमजे खान से बातचीत की है.

देखें इंडियन काउंसिल फ़ॉर फूड एंड एग्रीकल्चर के चेयरमैन एमजे खान से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत.

ये भी पढ़ें- भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने को लेकर प्रतिबद्ध: मोदी

एमजे खान मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले सौ दिन के प्रदर्शन को कृषि क्षेत्र के लिये अच्छा मानते हैं.

लिये गए ये बड़े फैसले :

1. सबके लिये पीएम-किसान
सरकार बनते ही पहले कैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की रकम को सभी किसानों के लिये खोल दिया गया. इससे पहले केवल वही किसान इस योजना का लाभ उठा सकते थे जिनके पास दो एकड़ या उससे कम जमीन है. आपको बता दें कि पीएम किसान योजना के तहत सरकार सभी किसानों को ₹6000 सालाना तीन किश्तों में सीधे उनके खाते तक पहुंचा रही है.

2. पेंशन योजना
जैसा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में भी कहा था कि वो वृद्ध किसानों को पेंशन देगी. सरकार बनते ही इस योजना को शुरू करने की घोषणा हुई और अब ये शुरु भी हो चुकी है. योजना के तहत 18 वर्ष से 40 वर्ष तक आयु के किसान खुद को पंजीकृत करवा सकते हैं जिन्हें 60 वर्ष की आयु के बाद ₹3000 महीना पेंशन सरकार देगी.


3. कृषि में एक्सपोर्ट को दोगुना करने पर हुई बात
ये मांग हमेशा से उठ रही थी कि कृषि क्षेत्र में एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना चाहिये और अब खुद प्रधानमंत्री ने भी ये कहा है कि वो हर राज्य के हर जिले से कृषि उत्पादों को निर्यात करने की व्यवस्था करना चाहते हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि ये एक सकारात्मक कदम होगा और इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

4. पशु स्वास्थ्य के लिये 14,000 करोड़ की राशी
मोदी सरकार 2.0 में न केवल मवेशी और मछली पालन को कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिये अलग से मंत्रालय बनाया गया बल्कि पहली ही कैबिनेट की बैठक के बाद घोषणा की गई कि पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर ₹14,000 करोड़ खर्च किये जायेंगे.

5. गन्ना किसानों के लिये बड़ी सौगात
अभी हाल में ही गन्ना किसानों के लिये बड़ी घोषणा करते हुए निर्यात पर 10 रुपये 45 पैसे प्रति किलो सब्सिडी देने का निर्णय मोदी सरकार ने लिया है. सब्सिडी की राशी सीधे गन्ना किसानों के खाते में पहुंचेगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे देश मे चीनी के अतिरिक्त स्टॉक को भी कम करने में मदद मिलेगी और चीनी मिलों को भी राहत मिल सकेंगी. गौरगलब है कि देश भर के किसानों का चीनी मिलों पर ₹19000 करोड़ से ज्यादा का बकाया है. एमजे खान का कहना है कि ये निर्यात पर सब्सिडी स्वागत योग्य कदम है लेकिन साथ ही चीनी के कीमत को भी बढ़ा देना चाहिये. इससे किसानों को फायदा मिलेगा.

आइसीएफए के चेयरमैन ने कहा कि किसानों के लिये ज्यादातर घोषणाएं और योजनाएं 2019 लोकसभा चुनाव से पहले ही हो चुकी थी और अपने दूसरे कार्यकाल में अब मोदी सरकार उन्हें लागू करने का काम कर रही है. हालांकि उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि सरकार बनने के महज कुछ दिन के भीतर ही सरकार अपनी घोषणाओं का क्रियान्वयन शुरू कर देगी.

कुल मिलाकर कृषि क्षेत्र में मोदी सरकार 2.0 के प्रदर्शन को संतोषजनक मानते हुए एमजे खान ने सरकार के लिये कुछ जरूरी सुझाव भी दिये हैं.

नई दिल्ली: मोदी सरकार 2.0 के सौ दिन का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है और इन सौ दिनों में कृषि क्षेत्र में कुछ बड़े फैसले हुए हैं तो किसानों को सरकार ने कुछ सौगात भी दिये हैं.

हालांकि कई विशेषज्ञ लगातार इस बात के लिये मोदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं की 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करना संभव नहीं है, लेकिन कृषि क्षेत्र में एक्सपोर्ट को दुगना करना, फसलों पर लागत से डेढ़ गुना कीमत (एमएसपी) तय करना और इन तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने मोदी सरकार के 100 दिन के प्रदर्शन पर कृषि विशेषज्ञ और इंडियन काउंसिल फ़ॉर फूड एंड एग्रीकल्चर के चेयरमैन एमजे खान से बातचीत की है.

देखें इंडियन काउंसिल फ़ॉर फूड एंड एग्रीकल्चर के चेयरमैन एमजे खान से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत.

ये भी पढ़ें- भारत 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने को लेकर प्रतिबद्ध: मोदी

एमजे खान मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले सौ दिन के प्रदर्शन को कृषि क्षेत्र के लिये अच्छा मानते हैं.

लिये गए ये बड़े फैसले :

1. सबके लिये पीएम-किसान
सरकार बनते ही पहले कैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की रकम को सभी किसानों के लिये खोल दिया गया. इससे पहले केवल वही किसान इस योजना का लाभ उठा सकते थे जिनके पास दो एकड़ या उससे कम जमीन है. आपको बता दें कि पीएम किसान योजना के तहत सरकार सभी किसानों को ₹6000 सालाना तीन किश्तों में सीधे उनके खाते तक पहुंचा रही है.

2. पेंशन योजना
जैसा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में भी कहा था कि वो वृद्ध किसानों को पेंशन देगी. सरकार बनते ही इस योजना को शुरू करने की घोषणा हुई और अब ये शुरु भी हो चुकी है. योजना के तहत 18 वर्ष से 40 वर्ष तक आयु के किसान खुद को पंजीकृत करवा सकते हैं जिन्हें 60 वर्ष की आयु के बाद ₹3000 महीना पेंशन सरकार देगी.


3. कृषि में एक्सपोर्ट को दोगुना करने पर हुई बात
ये मांग हमेशा से उठ रही थी कि कृषि क्षेत्र में एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना चाहिये और अब खुद प्रधानमंत्री ने भी ये कहा है कि वो हर राज्य के हर जिले से कृषि उत्पादों को निर्यात करने की व्यवस्था करना चाहते हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि ये एक सकारात्मक कदम होगा और इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

4. पशु स्वास्थ्य के लिये 14,000 करोड़ की राशी
मोदी सरकार 2.0 में न केवल मवेशी और मछली पालन को कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिये अलग से मंत्रालय बनाया गया बल्कि पहली ही कैबिनेट की बैठक के बाद घोषणा की गई कि पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर ₹14,000 करोड़ खर्च किये जायेंगे.

5. गन्ना किसानों के लिये बड़ी सौगात
अभी हाल में ही गन्ना किसानों के लिये बड़ी घोषणा करते हुए निर्यात पर 10 रुपये 45 पैसे प्रति किलो सब्सिडी देने का निर्णय मोदी सरकार ने लिया है. सब्सिडी की राशी सीधे गन्ना किसानों के खाते में पहुंचेगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे देश मे चीनी के अतिरिक्त स्टॉक को भी कम करने में मदद मिलेगी और चीनी मिलों को भी राहत मिल सकेंगी. गौरगलब है कि देश भर के किसानों का चीनी मिलों पर ₹19000 करोड़ से ज्यादा का बकाया है. एमजे खान का कहना है कि ये निर्यात पर सब्सिडी स्वागत योग्य कदम है लेकिन साथ ही चीनी के कीमत को भी बढ़ा देना चाहिये. इससे किसानों को फायदा मिलेगा.

आइसीएफए के चेयरमैन ने कहा कि किसानों के लिये ज्यादातर घोषणाएं और योजनाएं 2019 लोकसभा चुनाव से पहले ही हो चुकी थी और अपने दूसरे कार्यकाल में अब मोदी सरकार उन्हें लागू करने का काम कर रही है. हालांकि उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि सरकार बनने के महज कुछ दिन के भीतर ही सरकार अपनी घोषणाओं का क्रियान्वयन शुरू कर देगी.

कुल मिलाकर कृषि क्षेत्र में मोदी सरकार 2.0 के प्रदर्शन को संतोषजनक मानते हुए एमजे खान ने सरकार के लिये कुछ जरूरी सुझाव भी दिये हैं.

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मोदी सरकार के 100 दिन: कृषि क्षेत्र में कैसा रहा प्रदर्शन और क्या हैं उम्मीदें ? 

नई दिल्ली: मोदी सरकार 2.0 के सौ दिन का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है और इन सौ दिनों में कृषि क्षेत्र में कुछ बड़े फैसले हुए हैं तो किसानों को सरकार ने कुछ सौगात भी दिये हैं. 

हालांकि कई विशेषज्ञ लगातार इस बात के लिये मोदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं की 2022 तक किसानों की आमदनी दुगनी करना संभव नहीं है, लेकिन कृषि क्षेत्र में एक्सपोर्ट को दुगना करना, फसलों पर लागत से डेढ़ गुना कीमत (एमएसपी) तय करना और इन तमाम मुद्दों पर ईटीवी भारत ने मोदी सरकार के 100 दिन के प्रदर्शन पर कृषि विशेषज्ञ और इंडियन काउंसिल फ़ॉर फूड एंड एग्रीकल्चर के चेयरमैन एमजे खान से बातचीत की है. एमजे खान मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले सौ दिन के प्रदर्शन को कृषि क्षेत्र के लिये अच्छा मानते हैं. 



लिये गए ये बड़े फैसले :

1. सबके लिये पीएम-किसान

सरकार बनते ही पहले कैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की रकम को सभी किसानों के लिये खोल दिया गया. इससे पहले केवल वही किसान इस योजना का लाभ उठा सकते थे जिनके पास दो एकड़ या उससे कम जमीन है. आपको बता दें कि पीएम किसान योजना के तहत सरकार सभी किसानों को ₹6000 सालाना तीन किश्तों में सीधे उनके खाते तक पहुंचा रही है.



2. पेंशन योजना 

जैसा कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में भी कहा था कि वो वृद्ध किसानों को पेंशन देगी. सरकार बनते ही इस योजना को शुरू करने की घोषणा हुई और अब ये शुरु भी हो चुकी है. योजना के तहत 18 वर्ष से 40 वर्ष तक आयु के किसान खुद को पंजीकृत करवा सकते हैं जिन्हें 60 वर्ष की आयु के बाद ₹3000 महीना पेंशन सरकार देगी.



3. कृषि में एक्सपोर्ट को दोगुना करने पर हुई बात

ये मांग हमेशा से उठ रही थी कि कृषि क्षेत्र में एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना चाहिये और अब खुद प्रधानमंत्री ने भी ये कहा है कि वो हर राज्य के हर जिले से कृषि उत्पादों को निर्यात करने की व्यवस्था करना चाहते हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि ये एक सकारात्मक कदम होगा और इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में भी मदद मिलेगी.

4. पशु स्वास्थ्य के लिये 14,000 करोड़ की राशी

मोदी सरकार 2.0 में न केवल मवेशी और मछली पालन को कृषि क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिये अलग से मंत्रालय बनाया गया बल्कि पहली ही कैबिनेट की बैठक के बाद घोषणा की गई कि पशुओं के स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर ₹14,000 करोड़ खर्च किये जायेंगे.

5. गन्ना किसानों के लिये बड़ी सौगात

अभी हाल में ही गन्ना किसानों के लिये बड़ी घोषणा करते हुए निर्यात पर 10 रुपये 45 पैसे प्रति किलो सब्सिडी देने का निर्णय मोदी सरकार ने लिया है. सब्सिडी की राशी सीधे गन्ना किसानों के खाते में पहुंचेगी. विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे देश मे चीनी के अतिरिक्त स्टॉक को भी कम करने में मदद मिलेगी और चीनी मिलों को भी राहत मिल सकेंगी. गौरगलब है कि देश भर के किसानों का चीनी मिलों पर ₹19000 करोड़ से ज्यादा का बकाया है. एमजे खान का कहना है कि ये निर्यात पर सब्सिडी स्वागत योग्य कदम है लेकिन साथ ही चीनी के कीमत को भी बढ़ा देना चाहिये. इससे किसानों को फायदा मिलेगा.

आइसीएफए के चेयरमैन ने कहा कि किसानों के लिये ज्यादातर घोषणाएं और योजनाएं 2019 लोकसभा चुनाव से पहले ही हो चुकी थी और अपने दूसरे कार्यकाल में अब मोदी सरकार उन्हें लागू करने का काम कर रही है. हालांकि उन्हें इस बात की उम्मीद नहीं थी कि सरकार बनने के महज कुछ दिन के भीतर ही सरकार अपनी घोषणाओं का क्रियान्वयन शुरू कर देगी.

कुल मिलाकर कृषि क्षेत्र में मोदी सरकार 2.0 के प्रदर्शन को संतोषजनक मानते हुए एमजे खान ने सरकार के लिये कुछ जरूरी सुझाव भी दिये हैं.

देखें इंडियन काउंसिल फ़ॉर फूड एंड एग्रीकल्चर के चेयरमैन एमजे खान से ईटीवी भारत की विशेष बातचीत. 


Conclusion:
Last Updated : Sep 29, 2019, 2:42 PM IST
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