ETV Bharat / business

अगस्त में थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति बढ़कर 11.39 प्रतिशत पर पहुंची, खाद्य कीमतों में नरमी - उद्योग मंत्रालय

अगस्त 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से गैर-खाद्य वस्तुओं, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मूल धातुओं जैसे विनिर्मित उत्पादों, खाद्य उत्पादों, वस्त्रों, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि का मुख्य कारण है.

थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति
थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति
author img

By

Published : Sep 14, 2021, 2:33 PM IST

नई दिल्ली : थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में मामूली रूप से बढ़कर 11.39 प्रतिशत हो गई है. जिसका मुख्य कारण विनिर्मित वस्तुओं की ऊंची कीमतें थीं, जबकि, खाद्य पदार्थों की कीमतों में कम हो गई थी. दो महीने की सहजता की प्रवृत्ति को तोड़ते हुए थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति अगस्त में बढ़ी और लगातार पांचवें महीने दोहरे अंकों में रही.

बता दें कि जुलाई 2021 में WPI मुद्रास्फीति 11.16 प्रतिशत थी और अगस्त 2020 में, WPI मुद्रास्फीति 0.41 प्रतिशत थी. अगस्त 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से गैर-खाद्य वस्तुओं, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मूल धातुओं जैसे विनिर्मित उत्पादों, खाद्य उत्पादों, वस्त्रों, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि का कारण है.

पिछले वर्ष के इसी महीने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति लगातार चौथे महीने कम हुई है. अगस्त में 1.29 प्रतिशत दर्ज की गई है, जुलाई में शून्य प्रतिशत रही है.

इसे भी पढे़ं-भारतीय कंपनियों ने अगस्त में 8.4 अरब डॉलर के 219 सौदे किए : रिपोर्ट

प्याज की महंगाई दर 62.78 फीसदी जबकि दालों की महंगाई दर 9.41 फीसदी रही. कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की मुद्रास्फीति अगस्त में 40.03 प्रतिशत थी. विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति अगस्त में 11.39 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 11.20 प्रतिशत थी.

जानकार कहते हैं कि आरबीआई जो मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है, पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर अपरिवर्तित रखा है. 2021-22 के दौरान सीपीआई या खुदरा मुद्रास्फीति को 5.7 प्रतिशत पर अनुमानित किया जो इसके पहले के 5.1 प्रतिशत के अनुमान से अधिक था.

जारी आंकड़ों से पता चलता है कि खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.3 प्रतिशत पर आ गई है. जो पिछले महीने में 5.59 प्रतिशत थी. जिसका नेतृत्व खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण हुआ.

(पीटीआई)

नई दिल्ली : थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अगस्त में मामूली रूप से बढ़कर 11.39 प्रतिशत हो गई है. जिसका मुख्य कारण विनिर्मित वस्तुओं की ऊंची कीमतें थीं, जबकि, खाद्य पदार्थों की कीमतों में कम हो गई थी. दो महीने की सहजता की प्रवृत्ति को तोड़ते हुए थोक मूल्य सूचकांक मुद्रास्फीति अगस्त में बढ़ी और लगातार पांचवें महीने दोहरे अंकों में रही.

बता दें कि जुलाई 2021 में WPI मुद्रास्फीति 11.16 प्रतिशत थी और अगस्त 2020 में, WPI मुद्रास्फीति 0.41 प्रतिशत थी. अगस्त 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से गैर-खाद्य वस्तुओं, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, मूल धातुओं जैसे विनिर्मित उत्पादों, खाद्य उत्पादों, वस्त्रों, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में वृद्धि का कारण है.

पिछले वर्ष के इसी महीने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति लगातार चौथे महीने कम हुई है. अगस्त में 1.29 प्रतिशत दर्ज की गई है, जुलाई में शून्य प्रतिशत रही है.

इसे भी पढे़ं-भारतीय कंपनियों ने अगस्त में 8.4 अरब डॉलर के 219 सौदे किए : रिपोर्ट

प्याज की महंगाई दर 62.78 फीसदी जबकि दालों की महंगाई दर 9.41 फीसदी रही. कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की मुद्रास्फीति अगस्त में 40.03 प्रतिशत थी. विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति अगस्त में 11.39 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई में यह 11.20 प्रतिशत थी.

जानकार कहते हैं कि आरबीआई जो मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है, पिछले महीने अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर अपरिवर्तित रखा है. 2021-22 के दौरान सीपीआई या खुदरा मुद्रास्फीति को 5.7 प्रतिशत पर अनुमानित किया जो इसके पहले के 5.1 प्रतिशत के अनुमान से अधिक था.

जारी आंकड़ों से पता चलता है कि खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर चार महीने के निचले स्तर 5.3 प्रतिशत पर आ गई है. जो पिछले महीने में 5.59 प्रतिशत थी. जिसका नेतृत्व खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण हुआ.

(पीटीआई)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.