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टाटा संस फैसला: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की एनसीएलएटी के आदेश में कुछ संशोधन के लिए अपील - Tata Sons verdict

एनसीएलएटी ने 18 दिसंबर को जारी आदेश में टाटा संस के बर्खास्त चेयरमैन साइरस मिस्त्री को फिर बहाल करने का निर्देश दिया था. साथ ही अपीलीय न्यायाधिकरण ने टाटा संस को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने के फैसले को गैरकानूनी करार दिया था.

टाटा संस फैसला: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की एनसीएलएटी के आदेश में कुछ संशोधन के लिए अपील
टाटा संस फैसला: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की एनसीएलएटी के आदेश में कुछ संशोधन के लिए अपील
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Published : Dec 23, 2019, 2:59 PM IST

नई दिल्ली: टाटा संस मामले में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से कंपनी को पब्लिक की जगह प्राइवेट बनाने जैसे कुछ मुद्दों पर हाल के अपने आदेश में संशोधन की अपील की है.

कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने सोमवार को एनसीएलएटी में अपील दायर कर इस आदेश में संशोधन की अपील की. इसमें खास कर टाटा संस को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने के लिए गैरकानूनी के प्रयोग को हटाने का आग्रह किया है. आरओसी की इस याचिका के बारे में एनसीएलएटी के समक्ष सोमवार को उल्लेख किया गया.

ये भी पढ़ें- मार्च तक एनपीए को लेकर अच्छी हो जाएगी अधिकांश बैंकों की स्थिति: एसबीआई चेयरमैन

एनसीएलएटी ने इस मामले को दो जनवरी, 2020 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. अपनी याचिका में आरओसी ने संबंधित अनुच्छेद में जरूरी संशोधन करने का आग्रह किया है. याचिका में कहा गया है कि 18 दिसंबर को आए आदेश में जरूरी संशोधन किया जाए ताकि आरओसी मुंबई का कार्य गैरकानूनी नहीं दिखे.

आरओसी ने यह कदम कंपनी कानून के प्रावधानों के साथ नियमों के तहत उठाया था. इसके अलावा आरओसी ने एनसीएलएटी से इस आक्षेप को भी हटाने को कहा है जिसमें कहा गया था कि आरओसी मुंबई ने टाटा संस की जल्दबाजी में मदद की.

आरओसी ने कहा कि उसने उचित तरीके से काम किया और टाटा संस लि. की ओर से जब इसकी सूचना दी गई तो अपीलीय न्यायाधिकरण ने नौ जुलाई, 2018 के आदेश पर किसी तरह का स्थगन नहीं दिया.

एनसीएलएटी ने 18 दिसंबर को जारी आदेश में टाटा संस के बर्खास्त चेयरमैन साइरस मिस्त्री को फिर बहाल करने का निर्देश दिया था. साथ ही अपीलीय न्यायाधिकरण ने टाटा संस को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने के फैसले को गैरकानूनी करार दिया था.

नई दिल्ली: टाटा संस मामले में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से कंपनी को पब्लिक की जगह प्राइवेट बनाने जैसे कुछ मुद्दों पर हाल के अपने आदेश में संशोधन की अपील की है.

कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने सोमवार को एनसीएलएटी में अपील दायर कर इस आदेश में संशोधन की अपील की. इसमें खास कर टाटा संस को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने के लिए गैरकानूनी के प्रयोग को हटाने का आग्रह किया है. आरओसी की इस याचिका के बारे में एनसीएलएटी के समक्ष सोमवार को उल्लेख किया गया.

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एनसीएलएटी ने इस मामले को दो जनवरी, 2020 को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया. अपनी याचिका में आरओसी ने संबंधित अनुच्छेद में जरूरी संशोधन करने का आग्रह किया है. याचिका में कहा गया है कि 18 दिसंबर को आए आदेश में जरूरी संशोधन किया जाए ताकि आरओसी मुंबई का कार्य गैरकानूनी नहीं दिखे.

आरओसी ने यह कदम कंपनी कानून के प्रावधानों के साथ नियमों के तहत उठाया था. इसके अलावा आरओसी ने एनसीएलएटी से इस आक्षेप को भी हटाने को कहा है जिसमें कहा गया था कि आरओसी मुंबई ने टाटा संस की जल्दबाजी में मदद की.

आरओसी ने कहा कि उसने उचित तरीके से काम किया और टाटा संस लि. की ओर से जब इसकी सूचना दी गई तो अपीलीय न्यायाधिकरण ने नौ जुलाई, 2018 के आदेश पर किसी तरह का स्थगन नहीं दिया.

एनसीएलएटी ने 18 दिसंबर को जारी आदेश में टाटा संस के बर्खास्त चेयरमैन साइरस मिस्त्री को फिर बहाल करने का निर्देश दिया था. साथ ही अपीलीय न्यायाधिकरण ने टाटा संस को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने के फैसले को गैरकानूनी करार दिया था.

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टाटा संस फैसला: कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की एनसीएलएटी के आदेश में कुछ संशोधन के लिए अपील

नई दिल्ली: टाटा संस मामले में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) से कंपनी को पब्लिक की जगह प्राइवेट बनाने जैसे कुछ मुद्दों पर हाल के अपने आदेश में संशोधन की अपील की है. 

कंपनी पंजीयक (आरओसी) ने सोमवार को एनसीएलएटी में अपील दायर कर इस आदेश में संशोधन की अपील की. इसमें खास कर टाटा संस को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने के लिए गैरकानूनी के प्रयोग को हटाने का आग्रह किया है. आरओसी की इस याचिका के बारे में एनसीएलएटी के समक्ष सोमवार को उल्लेख किया गया. 

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आरओसी ने यह कदम कंपनी कानून के प्रावधानों के साथ नियमों के तहत उठाया था. इसके अलावा आरओसी ने एनसीएलएटी से इस आक्षेप को भी हटाने को कहा है जिसमें कहा गया था कि आरओसी मुंबई ने टाटा संस की जल्दबाजी में मदद की. 

आरओसी ने कहा कि उसने उचित तरीके से काम किया और टाटा संस लि. की ओर से जब इसकी सूचना दी गई तो अपीलीय न्यायाधिकरण ने नौ जुलाई, 2018 के आदेश पर किसी तरह का स्थगन नहीं दिया. 

एनसीएलएटी ने 18 दिसंबर को जारी आदेश में टाटा संस के बर्खास्त चेयरमैन साइरस मिस्त्री को फिर बहाल करने का निर्देश दिया था. साथ ही अपीलीय न्यायाधिकरण ने टाटा संस को पब्लिक से प्राइवेट कंपनी में बदलने के फैसले को गैरकानूनी करार दिया था.


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