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मार्च तिमाही में स्पाइसजेट को हुआ 807 करोड़ रुपये का घाटा - स्पाइसजेट

कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 की समान तिमाही में 56.3 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. कंपनी ने एक बयान में बताया कि पूरे वित्त वर्ष के हिसाब से 2019-20 में उसका घाटा 2018-19 के 316.1 करोड़ रुपये से बढ़कर 934.8 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

मार्च तिमाही में स्पाइसजेट को हुआ 807 करोड़ रुपये का घाटा
मार्च तिमाही में स्पाइसजेट को हुआ 807 करोड़ रुपये का घाटा
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Published : Jul 29, 2020, 10:17 PM IST

नई दिल्ली: किफायती विमानन सेवा प्रदाता कंपनी स्पाइसजेट को कोरोना वायरस महामारी के कारण परिचालन बाधित होने से मार्च में समाप्त पिछले वित्त वर्ष (2019-20) की चौथी तिमाही में 807.1 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. कंपनी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी.

कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 की समान तिमाही में 56.3 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. कंपनी ने एक बयान में बताया कि पूरे वित्त वर्ष के हिसाब से 2019-20 में उसका घाटा 2018-19 के 316.1 करोड़ रुपये से बढ़कर 934.8 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

कंपनी ने बयान में यह भी बताया कि उसके मुख्य वित्तीय अधिकारी किरण कोटेश्वर ने विदेश में कोई बड़ा अवसर मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया है. हालांकि वह 31 अगस्त तक कंपनी के साथ बने रहेंगे. आलोच्य तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय साल भर पहले के 2,571.8 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,057.3 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी.

पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भी कंपनी की कुल आय 2018-19 के 9,258 करोड़ रुपये से बढ़कर 13,206 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी. आलोच्य तिमाही के दौरान कंपनी का कुल व्यय साल भर पहले के 2,515.5 करोड़ से बढ़कर 3,864.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वित्त वर्ष 2018-19 के 9,510 करोड़ रुपये की तुलना में कंपनी का कुल व्यय 2019-20 में 14,141 करोड़ रुपये हो गया.

स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, "दो महत्वपूर्ण कारक जिन्होंने हमारे प्रदर्शन और लाभ पर प्रतिकूल प्रभाव डाला, वे कोविड-19 महामारी और 737 मैक्स विमानों को उड़ान से बाहर किया जाना है. महामारी के कारण फरवरी के मध्य से मांग पर असर पड़ा है जबकि 737 मैक्स को सेवा से बाहर हुए साल भर हो गये हैं."

ये भी पढ़ें: राफेल पर बवाल: राहुल ने मोदी सरकार से पूछा- दिवालिया अनिल को क्यों दिए ₹30 हजार करोड़

सिंह ने कहा कि 737 मैक्स विमानों के परिचालन से बाहर होने को साल भर होने को आ गये, लेकिन कोविड-19 महामारी के सामने आने से पहले तक कंपनी ने लाभ का कारोबार किया.

उन्होंने कहा कि विमानन उद्योग भारत के साथ ही दुनिया भर में अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है. इस बीच कंपनी के स्वतंत्र ऑडिटर एस आर बाटलिबोई एंड एसोसिएट्स एलएलपी ने कहा कि कंपनी के वित्तीय विवरण से उसे भारी घाटा होने और देनदारियों के कुल संपत्ति से अधिक हो जाने के संकेत मिलते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: किफायती विमानन सेवा प्रदाता कंपनी स्पाइसजेट को कोरोना वायरस महामारी के कारण परिचालन बाधित होने से मार्च में समाप्त पिछले वित्त वर्ष (2019-20) की चौथी तिमाही में 807.1 करोड़ रुपये का घाटा हुआ. कंपनी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी.

कंपनी को वित्त वर्ष 2018-19 की समान तिमाही में 56.3 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. कंपनी ने एक बयान में बताया कि पूरे वित्त वर्ष के हिसाब से 2019-20 में उसका घाटा 2018-19 के 316.1 करोड़ रुपये से बढ़कर 934.8 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.

कंपनी ने बयान में यह भी बताया कि उसके मुख्य वित्तीय अधिकारी किरण कोटेश्वर ने विदेश में कोई बड़ा अवसर मिलने के कारण इस्तीफा दे दिया है. हालांकि वह 31 अगस्त तक कंपनी के साथ बने रहेंगे. आलोच्य तिमाही के दौरान कंपनी की कुल आय साल भर पहले के 2,571.8 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,057.3 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी.

पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भी कंपनी की कुल आय 2018-19 के 9,258 करोड़ रुपये से बढ़कर 13,206 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी. आलोच्य तिमाही के दौरान कंपनी का कुल व्यय साल भर पहले के 2,515.5 करोड़ से बढ़कर 3,864.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. वित्त वर्ष 2018-19 के 9,510 करोड़ रुपये की तुलना में कंपनी का कुल व्यय 2019-20 में 14,141 करोड़ रुपये हो गया.

स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा, "दो महत्वपूर्ण कारक जिन्होंने हमारे प्रदर्शन और लाभ पर प्रतिकूल प्रभाव डाला, वे कोविड-19 महामारी और 737 मैक्स विमानों को उड़ान से बाहर किया जाना है. महामारी के कारण फरवरी के मध्य से मांग पर असर पड़ा है जबकि 737 मैक्स को सेवा से बाहर हुए साल भर हो गये हैं."

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सिंह ने कहा कि 737 मैक्स विमानों के परिचालन से बाहर होने को साल भर होने को आ गये, लेकिन कोविड-19 महामारी के सामने आने से पहले तक कंपनी ने लाभ का कारोबार किया.

उन्होंने कहा कि विमानन उद्योग भारत के साथ ही दुनिया भर में अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहा है. इस बीच कंपनी के स्वतंत्र ऑडिटर एस आर बाटलिबोई एंड एसोसिएट्स एलएलपी ने कहा कि कंपनी के वित्तीय विवरण से उसे भारी घाटा होने और देनदारियों के कुल संपत्ति से अधिक हो जाने के संकेत मिलते हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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