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स्नैपडील ने दो साल में जोड़े 60,000 से ज्यादा नये विक्रेता

स्नैपडील के पास पांच लाख से ज्यादा पंजीकृत विक्रेता हैं जिनके पास बाजार में 20 करोड़ से ज्यादा उत्पाद हैं. पिछले दो साल में स्नैपडील ने 60,000 से ज्यादा नये विक्रेता भागीदार जोड़े हैं जिन्होंने इस मंच पर पांच करोड़ नये उत्पाद सूची बद्ध किए हैं.

स्नैपडील ने दो साल में जोड़े 60,000 से ज्यादा नये विक्रेता
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Published : Jul 25, 2019, 11:24 PM IST

जयपुर: ई-वाणिज्य कंपनी स्नैपडील ने बीते दो साल में 60,000 से अधिक नये विक्रेता भागीदार जोड़े हैं. इस दौरान उसके यहां सूचीबद्ध उत्पादों की संख्या में पांच करोड़ से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. कंपनी को उम्मीद है कि कुल खुदरा कारोबार में ऑनलाइन बाजार की हिस्सेदारी आने वाले कुछ साल में बढ़कर 10 प्रतिशत तक हो जाएगी.

स्नैपडील के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कारपोरेट संवाद) रजनीश वाही ने यहां 'भाषा' से कहा, "स्नैपडील के पास पांच लाख से ज्यादा पंजीकृत विक्रेता हैं जिनके पास बाजार में 20 करोड़ से ज्यादा उत्पाद हैं. पिछले दो साल में स्नैपडील ने 60,000 से ज्यादा नये विक्रेता भागीदार जोड़े हैं जिन्होंने इस मंच पर पांच करोड़ नये उत्पाद सूची बद्ध किए हैं."

उन्होंने कहा कि स्नैपडील के 80 प्रतिशत से ज्यादा ग्राहक भारत के छोटे शहरों व कस्बों से आते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी ऐसे ग्राहकों पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं जो ज्याद महंगे नहीं बल्कि दैनिक उपयोग में काम आने वाले उत्पाद खरीदने में विश्वास रखते हैं.

ये भी पढ़ें: बाजार पूंजीकरण के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज को पीछे छोड़ टीसीएस फिर पहले स्थान पर

ई-वाणिज्य बाजार में आय का बड़ा हिस्सा इसी तरह के ग्राहकों से आता है. वाही ने कहा कि भारत का खुदरा कारोबार इस समय 56 लाख करोड़ रुपये का है. इसके 2025 तक 138 लाख करोड़ रुपये का होने का अनुमान है.

उन्होंने कहा कि कुल खुदरा कारोबार में ऑनलाइन खरीदारी का हिस्सा केवल 2-3 प्रतिशत है जिसके 2025 तक बढ़कर 10 प्रतिशत होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि राजस्थान के 25,000 से ज्यादा विक्रेता अपने उत्पाद स्नैपडील के जरिए बेच रहे हैं.

जयपुर: ई-वाणिज्य कंपनी स्नैपडील ने बीते दो साल में 60,000 से अधिक नये विक्रेता भागीदार जोड़े हैं. इस दौरान उसके यहां सूचीबद्ध उत्पादों की संख्या में पांच करोड़ से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. कंपनी को उम्मीद है कि कुल खुदरा कारोबार में ऑनलाइन बाजार की हिस्सेदारी आने वाले कुछ साल में बढ़कर 10 प्रतिशत तक हो जाएगी.

स्नैपडील के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कारपोरेट संवाद) रजनीश वाही ने यहां 'भाषा' से कहा, "स्नैपडील के पास पांच लाख से ज्यादा पंजीकृत विक्रेता हैं जिनके पास बाजार में 20 करोड़ से ज्यादा उत्पाद हैं. पिछले दो साल में स्नैपडील ने 60,000 से ज्यादा नये विक्रेता भागीदार जोड़े हैं जिन्होंने इस मंच पर पांच करोड़ नये उत्पाद सूची बद्ध किए हैं."

उन्होंने कहा कि स्नैपडील के 80 प्रतिशत से ज्यादा ग्राहक भारत के छोटे शहरों व कस्बों से आते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी ऐसे ग्राहकों पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं जो ज्याद महंगे नहीं बल्कि दैनिक उपयोग में काम आने वाले उत्पाद खरीदने में विश्वास रखते हैं.

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ई-वाणिज्य बाजार में आय का बड़ा हिस्सा इसी तरह के ग्राहकों से आता है. वाही ने कहा कि भारत का खुदरा कारोबार इस समय 56 लाख करोड़ रुपये का है. इसके 2025 तक 138 लाख करोड़ रुपये का होने का अनुमान है.

उन्होंने कहा कि कुल खुदरा कारोबार में ऑनलाइन खरीदारी का हिस्सा केवल 2-3 प्रतिशत है जिसके 2025 तक बढ़कर 10 प्रतिशत होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि राजस्थान के 25,000 से ज्यादा विक्रेता अपने उत्पाद स्नैपडील के जरिए बेच रहे हैं.

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जयपुर: ई-वाणिज्य कंपनी स्नैपडील ने बीते दो साल में 60,000 से अधिक नये विक्रेता भागीदार जोड़े हैं. इस दौरान उसके यहां सूचीबद्ध उत्पादों की संख्या में पांच करोड़ से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है. कंपनी को उम्मीद है कि कुल खुदरा कारोबार में ऑनलाइन बाजार की हिस्सेदारी आने वाले कुछ साल में बढ़कर 10 प्रतिशत तक हो जाएगी.

स्नैपडील के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (कारपोरेट संवाद) रजनीश वाही ने यहां 'भाषा' से कहा, "स्नैपडील के पास पांच लाख से ज्यादा पंजीकृत विक्रेता हैं जिनके पास बाजार में 20 करोड़ से ज्यादा उत्पाद हैं. पिछले दो साल में स्नैपडील ने 60,000 से ज्यादा नये विक्रेता भागीदार जोड़े हैं जिन्होंने इस मंच पर पांच करोड़ नये उत्पाद सूची बद्ध किए हैं."

उन्होंने कहा कि स्नैपडील के 80 प्रतिशत से ज्यादा ग्राहक भारत के छोटे शहरों व कस्बों से आते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए कंपनी ऐसे ग्राहकों पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं जो ज्याद महंगे नहीं बल्कि दैनिक उपयोग में काम आने वाले उत्पाद खरीदने में विश्वास रखते हैं.

ई-वाणिज्य बाजार में आय का बड़ा हिस्सा इसी तरह के ग्राहकों से आता है. वाही ने कहा कि भारत का खुदरा कारोबार इस समय 56 लाख करोड़ रुपये का है. इसके 2025 तक 138 लाख करोड़ रुपये का होने का अनुमान है.

उन्होंने कहा कि कुल खुदरा कारोबार में ऑनलाइन खरीदारी का हिस्सा केवल 2-3 प्रतिशत है जिसके 2025 तक बढ़कर 10 प्रतिशत होने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि राजस्थान के 25,000 से ज्यादा विक्रेता अपने उत्पाद स्नैपडील के जरिए बेच रहे हैं.

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