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रुचि सोया अगले साल लाएगी एफपीओ: स्वामी रामदेव

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Published : Nov 16, 2020, 7:47 PM IST

रामदेव ने कहा कि उसके बाद से कंपनी सही तरीके से काम कर रही है और चालू वित्त वर्ष में ऊंची वृद्धि की उम्मीद है. पिछले साल पतंजलि ने दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही रुचि सोया का अधिग्रहण 4,350 करोड़ रुपये में किया था.

रुचि सोया अगले साल लाएगी एफपीओ: स्वामी रामदेव
रुचि सोया अगले साल लाएगी एफपीओ: स्वामी रामदेव

नई दिल्ली: पतंजलि आयुर्वेद के मालिकाना हक वाली तेल कंपनी रुचि सोया अगले साल अपना अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) पेश करेगी. स्वामी रामदेव ने कहा कि इसका मसकद कंपनी के प्रवर्तकों की शेयरधारिता को नीचे लाना है. पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल रुचि सोया का अधिग्रहण किया था.

रामदेव ने कहा कि उसके बाद से कंपनी सही तरीके से काम कर रही है और चालू वित्त वर्ष में ऊंची वृद्धि की उम्मीद है. पिछले साल पतंजलि ने दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही रुचि सोया का अधिग्रहण 4,350 करोड़ रुपये में किया था. कंपनी के प्रवर्तकों की अभी कंपनी में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

सूचीबद्ध कंपनी होने के नाते रुचि सोया के प्रवर्तकों को अपनी शेयरधारिता कम करनी होगी ताकि न्यूनतम 25 प्रतिशत शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के नियम का अनुपालन किया जा सके.

रामदेव ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हम अगले साल एफपीओ लाने जा रहे हैं. यह कंपनी में हमारी शेयरधारिता को कम करेगा."

ये भी पढ़ें: फॉर्म 26एएस में जीएसटी कारोबार को लेकर करदाता पर अनुपालन का अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा

कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमानुसार कंपनी के प्रवर्तकों को जून 2021 तक अपनी 10 प्रतिशत शेयरधारिता कम करनी होगी और 25 प्रतिशत तक 36 महीनों के भीतर कम करनी होगी.

इस संबंध में कंपनी का निदेशक मंडल प्रस्ताव मंजूर कर चुका है. हालांकि रामदेव ने प्रस्तावित एफपीओ के आकार को लेकर कोई घोषणा नहीं की.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: पतंजलि आयुर्वेद के मालिकाना हक वाली तेल कंपनी रुचि सोया अगले साल अपना अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) पेश करेगी. स्वामी रामदेव ने कहा कि इसका मसकद कंपनी के प्रवर्तकों की शेयरधारिता को नीचे लाना है. पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले साल रुचि सोया का अधिग्रहण किया था.

रामदेव ने कहा कि उसके बाद से कंपनी सही तरीके से काम कर रही है और चालू वित्त वर्ष में ऊंची वृद्धि की उम्मीद है. पिछले साल पतंजलि ने दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही रुचि सोया का अधिग्रहण 4,350 करोड़ रुपये में किया था. कंपनी के प्रवर्तकों की अभी कंपनी में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

सूचीबद्ध कंपनी होने के नाते रुचि सोया के प्रवर्तकों को अपनी शेयरधारिता कम करनी होगी ताकि न्यूनतम 25 प्रतिशत शेयर बाजार में सूचीबद्ध होने के नियम का अनुपालन किया जा सके.

रामदेव ने पीटीआई-भाषा से कहा, "हम अगले साल एफपीओ लाने जा रहे हैं. यह कंपनी में हमारी शेयरधारिता को कम करेगा."

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कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमानुसार कंपनी के प्रवर्तकों को जून 2021 तक अपनी 10 प्रतिशत शेयरधारिता कम करनी होगी और 25 प्रतिशत तक 36 महीनों के भीतर कम करनी होगी.

इस संबंध में कंपनी का निदेशक मंडल प्रस्ताव मंजूर कर चुका है. हालांकि रामदेव ने प्रस्तावित एफपीओ के आकार को लेकर कोई घोषणा नहीं की.

(पीटीआई-भाषा)

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