मुंबई: पतंजलि आयुर्वेद ने खाद्य तेल कंपनी रूचि सोया के लिये विस्तृत समाधान योजना जमा करने को लेकर बुधवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण से और समय देने का अनुरोध किया. योग गुरू बाबा रामदेव की अगुवाई वाली कंपनी 4,325 करोड़ रुपये में रूचि सोया के अधिग्रहण पर सहमति जतायी है.
रूचि सोया कंपनी पर एसबीआई की अगुवाई में मिल कर वित्त पोषण करने वाले बैंकों का 9,345 करोड़ रुपये का बकाया है. बैंकों ने करीब 96 प्रतिशत बहुमत से पतंजलि की दूसरी संशोधित बोली के साथ जाने पर सहमति जतायी. अपनी शुरूआती पेशकश में 4,160 करोड़ रुपये के साथ 1,700 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी देने की बात कही गयी थी.
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इस सौदे से बैंकों को कुल कर्ज का 51 प्रतिशत से अधिक कटौती की है. इस बारे में संपर्क किये जाने पर पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने बोली को मिली मंजूरी की पुष्टि की. उन्होंने कहा, "मतदान हमारे पक्ष में हुआ. कल वे हमें वोट का परिणाम देंगे और उसके बाद हम आगे कदम उठाएंगे."
न्यायमूर्ति वी पी सिंह और रविकुमार दुरईसामी ने पंतजलि को समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिये सात मई की तारीख मुकर्रर की है. अडाणी विलमर के पीछे हटने के बाद रूचि सोया को खरीदने के लिये मैदान में अब पतंजलि ही बोलीदाता बची है. अडाणी विलमर कुछ महीने पहले सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी थी. बाद में वह मैदान से हट गयी. रूचि सोया के अधिग्रहण के साथ पंतजलि सोयाबीन तेल तथा अन्य उत्पादों के मामले में एक बड़ी कंपनी होगी.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण (एनसीएलटी) ने स्टैन्डर्ड चार्टर्ड बैंक तथा डीबीएस बैंक के आवेदन पर रूचि सोया के मामले को दिवाला कानून के तहत समाधान के लिए भेज दिया था. ऋण समाधान प्रक्रिया के लिये शैलेन्द्र अजमेरा को समाधान पेशेवर नियुक्त किया गया. पतंजलि ने अपनी बोली करीब 140 करेाड़ रुपये बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपये की.
पेशकश में 1,700 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी शामिल नहीं है. रुचि सोया पर भारतीय स्टेट बैंक का सर्वाधिक 1800 करोड़ रुपये बकाया है. उसके बाद क्रमश: सेंट्रल बैंक आफ इंडिया (816 करोड़ रुपये), पंजाब नेशनल बैंक (743 करोड़ रुपये) तथा स्टैन्डर्ड चार्टर्ड बैंक इंडिया (608 करोड़ रुपये) का स्थान है. रूचि सोया के कई विनिर्माण संयंत्र हैं. इसके ब्रांड में न्यूट्रिला, रूचि स्टार और रूचि गोल्ड जैसे ब्रांड शामिल हैं.
रूचि सोया: पतंजलि को समाधान योजना के लिये सात मई तक का समय मिला
रूचि सोया कंपनी पर एसबीआई की अगुवाई में मिल कर वित्त पोषण करने वाले बैंकों का 9,345 करोड़ रुपये का बकाया है. बैंकों ने करीब 96 प्रतिशत बहुमत से पतंजलि की दूसरी संशोधित बोली के साथ जाने पर सहमति जतायी.
मुंबई: पतंजलि आयुर्वेद ने खाद्य तेल कंपनी रूचि सोया के लिये विस्तृत समाधान योजना जमा करने को लेकर बुधवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण से और समय देने का अनुरोध किया. योग गुरू बाबा रामदेव की अगुवाई वाली कंपनी 4,325 करोड़ रुपये में रूचि सोया के अधिग्रहण पर सहमति जतायी है.
रूचि सोया कंपनी पर एसबीआई की अगुवाई में मिल कर वित्त पोषण करने वाले बैंकों का 9,345 करोड़ रुपये का बकाया है. बैंकों ने करीब 96 प्रतिशत बहुमत से पतंजलि की दूसरी संशोधित बोली के साथ जाने पर सहमति जतायी. अपनी शुरूआती पेशकश में 4,160 करोड़ रुपये के साथ 1,700 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी देने की बात कही गयी थी.
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इस सौदे से बैंकों को कुल कर्ज का 51 प्रतिशत से अधिक कटौती की है. इस बारे में संपर्क किये जाने पर पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने बोली को मिली मंजूरी की पुष्टि की. उन्होंने कहा, "मतदान हमारे पक्ष में हुआ. कल वे हमें वोट का परिणाम देंगे और उसके बाद हम आगे कदम उठाएंगे."
न्यायमूर्ति वी पी सिंह और रविकुमार दुरईसामी ने पंतजलि को समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिये सात मई की तारीख मुकर्रर की है. अडाणी विलमर के पीछे हटने के बाद रूचि सोया को खरीदने के लिये मैदान में अब पतंजलि ही बोलीदाता बची है. अडाणी विलमर कुछ महीने पहले सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी थी. बाद में वह मैदान से हट गयी. रूचि सोया के अधिग्रहण के साथ पंतजलि सोयाबीन तेल तथा अन्य उत्पादों के मामले में एक बड़ी कंपनी होगी.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण (एनसीएलटी) ने स्टैन्डर्ड चार्टर्ड बैंक तथा डीबीएस बैंक के आवेदन पर रूचि सोया के मामले को दिवाला कानून के तहत समाधान के लिए भेज दिया था. ऋण समाधान प्रक्रिया के लिये शैलेन्द्र अजमेरा को समाधान पेशेवर नियुक्त किया गया. पतंजलि ने अपनी बोली करीब 140 करेाड़ रुपये बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपये की.
पेशकश में 1,700 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी शामिल नहीं है. रुचि सोया पर भारतीय स्टेट बैंक का सर्वाधिक 1800 करोड़ रुपये बकाया है. उसके बाद क्रमश: सेंट्रल बैंक आफ इंडिया (816 करोड़ रुपये), पंजाब नेशनल बैंक (743 करोड़ रुपये) तथा स्टैन्डर्ड चार्टर्ड बैंक इंडिया (608 करोड़ रुपये) का स्थान है. रूचि सोया के कई विनिर्माण संयंत्र हैं. इसके ब्रांड में न्यूट्रिला, रूचि स्टार और रूचि गोल्ड जैसे ब्रांड शामिल हैं.
रूचि सोया: पतंजलि को समाधान योजना के लिये सात मई तक का समय मिला
मुंबई: पतंजलि आयुर्वेद ने खाद्य तेल कंपनी रूचि सोया के लिये विस्तृत समाधान योजना जमा करने को लेकर बुधवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण से और समय देने का अनुरोध किया. योग गुरू बाबा रामदेव की अगुवाई वाली कंपनी 4,325 करोड़ रुपये में रूचि सोया के अधिग्रहण पर सहमति जतायी है.
रूचि सोया कंपनी पर एसबीआई की अगुवाई में मिल कर वित्त पोषण करने वाले बैंकों का 9,345 करोड़ रुपये का बकाया है. बैंकों ने करीब 96 प्रतिशत बहुमत से पतंजलि की दूसरी संशोधित बोली के साथ जाने पर सहमति जतायी. अपनी शुरूआती पेशकश में 4,160 करोड़ रुपये के साथ 1,700 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी देने की बात कही गयी थी.
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इस सौदे से बैंकों को कुल कर्ज का 51 प्रतिशत से अधिक कटौती की है. इस बारे में संपर्क किये जाने पर पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने बोली को मिली मंजूरी की पुष्टि की. उन्होंने कहा, "मतदान हमारे पक्ष में हुआ. कल वे हमें वोट का परिणाम देंगे और उसके बाद हम आगे कदम उठाएंगे."
न्यायमूर्ति वी पी सिंह और रविकुमार दुरईसामी ने पंतजलि को समय देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिये सात मई की तारीख मुकर्रर की है. अडाणी विलमर के पीछे हटने के बाद रूचि सोया को खरीदने के लिये मैदान में अब पतंजलि ही बोलीदाता बची है. अडाणी विलमर कुछ महीने पहले सबसे बड़ी बोलीदाता के रूप में उभरी थी. बाद में वह मैदान से हट गयी. रूचि सोया के अधिग्रहण के साथ पंतजलि सोयाबीन तेल तथा अन्य उत्पादों के मामले में एक बड़ी कंपनी होगी.
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि प्राधिकरण (एनसीएलटी) ने स्टैन्डर्ड चार्टर्ड बैंक तथा डीबीएस बैंक के आवेदन पर रूचि सोया के मामले को दिवाला कानून के तहत समाधान के लिए भेज दिया था. ऋण समाधान प्रक्रिया के लिये शैलेन्द्र अजमेरा को समाधान पेशेवर नियुक्त किया गया. पतंजलि ने अपनी बोली करीब 140 करेाड़ रुपये बढ़ाकर 4,350 करोड़ रुपये की.
पेशकश में 1,700 करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी शामिल नहीं है. रुचि सोया पर भारतीय स्टेट बैंक का सर्वाधिक 1800 करोड़ रुपये बकाया है. उसके बाद क्रमश: सेंट्रल बैंक आफ इंडिया (816 करोड़ रुपये), पंजाब नेशनल बैंक (743 करोड़ रुपये) तथा स्टैन्डर्ड चार्टर्ड बैंक इंडिया (608 करोड़ रुपये) का स्थान है. रूचि सोया के कई विनिर्माण संयंत्र हैं. इसके ब्रांड में न्यूट्रिला, रूचि स्टार और रूचि गोल्ड जैसे ब्रांड शामिल हैं.
Conclusion: