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जनवरी-मार्च के दौरान आरकॉम प्रवर्तकों की हिस्सेदारी कंपनी में गिरकर हुई 22 फीसदी

इससे पहले अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में प्रवर्तकों एवं कर्ज में डूबी आरकॉम के प्रवर्तकों के समूह की हिस्सेदारी 53.08 प्रतिशत पर थी.

अनिल अंबानी (फाइल फोटो)।
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Published : Apr 18, 2019, 6:58 PM IST

नई दिल्ली : रिलायंस कम्युनिकेशन्स (आरकॉम) के प्रवर्तकों की हिस्सेदारी जनवरी से मार्च, 2019 की तिमाही में घटकर 22 प्रतिशत रह गयी. परिवार और समूह की कंपनियों ने संयुक्त रूप से कंपनी में अपने आधे से अधिक शेयर गवां बैठे हैं.

इससे पहले अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में प्रवर्तकों एवं कर्ज में डूबी आरकॉम के प्रवर्तकों के समूह की हिस्सेदारी 53.08 प्रतिशत पर थी.

कंपनी ने गुरुवार को जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में अंबानी परिवार के सदस्यों के पास संयुक्त रूप से कंपनी के 145.48 करोड़ इक्विटी शेयर थे, जो चौथी तिमाही के आखिर में घटकर 59.79 करोड़ रह गए.

प्रवर्तक समूह की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन्स एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के शेयर 72.31 करोड़ से घटकर 36.56 करोड़ रह गए. रिकार्ड के मुताबिक कंपनी के ऋणदाताओं के पास गिरवी रखे ज्यादातर शेयरों को बैंकों और ऋणदाताओं ने जनवरी- मार्च 2019 के दौरान बेच दिया.

आरकॉम 45,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण बोझ तले दबी है. कंपनी ने मामले के निपटारे के लिये एनसीएलटी का रुख किया है. कंपनी ऋणदाताओं का भुगतान नहीं कर पाई, इसलिये उसने दिवाला कानून का सहारा लिया है.
ये भी पढ़ें : मोदी के कार्यकाल में वित्त वर्ष 2019 में सबसे ज्यादा हो सकता है तेल आयात बिल

नई दिल्ली : रिलायंस कम्युनिकेशन्स (आरकॉम) के प्रवर्तकों की हिस्सेदारी जनवरी से मार्च, 2019 की तिमाही में घटकर 22 प्रतिशत रह गयी. परिवार और समूह की कंपनियों ने संयुक्त रूप से कंपनी में अपने आधे से अधिक शेयर गवां बैठे हैं.

इससे पहले अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में प्रवर्तकों एवं कर्ज में डूबी आरकॉम के प्रवर्तकों के समूह की हिस्सेदारी 53.08 प्रतिशत पर थी.

कंपनी ने गुरुवार को जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में अंबानी परिवार के सदस्यों के पास संयुक्त रूप से कंपनी के 145.48 करोड़ इक्विटी शेयर थे, जो चौथी तिमाही के आखिर में घटकर 59.79 करोड़ रह गए.

प्रवर्तक समूह की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन्स एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के शेयर 72.31 करोड़ से घटकर 36.56 करोड़ रह गए. रिकार्ड के मुताबिक कंपनी के ऋणदाताओं के पास गिरवी रखे ज्यादातर शेयरों को बैंकों और ऋणदाताओं ने जनवरी- मार्च 2019 के दौरान बेच दिया.

आरकॉम 45,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण बोझ तले दबी है. कंपनी ने मामले के निपटारे के लिये एनसीएलटी का रुख किया है. कंपनी ऋणदाताओं का भुगतान नहीं कर पाई, इसलिये उसने दिवाला कानून का सहारा लिया है.
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नई दिल्ली : रिलायंस कम्युनिकेशन्स (आरकॉम) के प्रवर्तकों की हिस्सेदारी जनवरी से मार्च, 2019 की तिमाही में घटकर 22 प्रतिशत रह गयी. परिवार और समूह की कंपनियों ने संयुक्त रूप से कंपनी में अपने आधे से अधिक शेयर गवां बैठे हैं.

इससे पहले अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में प्रवर्तकों एवं कर्ज में डूबी आरकॉम के प्रवर्तकों के समूह की हिस्सेदारी 53.08 प्रतिशत पर थी.

कंपनी ने गुरुवार को जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में अंबानी परिवार के सदस्यों के पास संयुक्त रूप से कंपनी के 145.48 करोड़ इक्विटी शेयर थे, जो चौथी तिमाही के आखिर में घटकर 59.79 करोड़ रह गए.

प्रवर्तक समूह की कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशन्स एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के शेयर 72.31 करोड़ से घटकर 36.56 करोड़ रह गए. रिकार्ड के मुताबिक कंपनी के ऋणदाताओं के पास गिरवी रखे ज्यादातर शेयरों को बैंकों और ऋणदाताओं ने जनवरी- मार्च 2019 के दौरान बेच दिया.

आरकॉम 45,000 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण बोझ तले दबी है. कंपनी ने मामले के निपटारे के लिये एनसीएलटी का रुख किया है. कंपनी ऋणदाताओं का भुगतान नहीं कर पाई, इसलिये उसने दिवाला कानून का सहारा लिया है.

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