नई दिल्ली/रायबरेली : केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की राष्ट्रीय इस्पात निगम लि. (आरआईएनएल) का फोर्जिंग पहियों का संयंत्र अगले महीने (अक्टूबर) तक चालू होने की उम्मीद है. कुलस्ते ने उत्तर प्रदेश में रायबरेली के लालगंज स्थित संयंत्र का दौरा किया है.
आपको बता दें कि कारखना (फोर्ज्ड व्हील संयंत्र) लखनऊ से करीब 80 किलोमीटर दूर है. मंत्री ने कहा हम सितंबर-अक्तूबर तक फोर्जिंग पहियों का वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने पर गौर कर रहे हैं.फोर्जिंग विनिर्माण की एक पद्धति है.इस प्रक्रिया से विनिर्मित पहिए ज्यादा मजबूत माने जाते हैं.
उन्होंने कहा कि परीक्षण के तौर पर उत्पादन का काम पूरा हो गया है. अंतिम दौर के कुछ परीक्षण बचे हैं और उसके बाद संयंत्र चालू होने के लिए तैयार हो जाएगा. संयंत्र में बनने वाले पहियों को भारतीय रेलवे को आपूर्ति की जाएगी.
इस्पात मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली विशाखापत्तनम की कंपनी आरआईएनएल ने रायबरेली में ₹1,680 करोड़ की लागत से यह संयंत्र लगाया है. इस संयंत्र की उत्पादन क्षमता सालाना एक लाख 'फोर्ज्ड व्हील' के उत्पादन की है. इससे पहले कंपनी ने मार्च-अप्रैल से वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने की योजना बनाई थी. लेकिन कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए 'लॉकडाउन' से इसे चालू नहीं किया जा सका.
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आरआईएनएल के महाप्रबंधक (परियोजना) संजय कुमार झा ने कहा कि मंत्री ने कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को संयंत्र यथाशीघ्र चालू करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि पहियों की भारतीय रेलवे को डिब्बों के लिए आपूर्ति की जाएगी.
उन्होंने कहा कि रेलवे बोर्ड के अंतर्गत काम करने वाले अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने भी संयंत्र में नमूने के तौर पर उत्पादित पहियों का परीक्षण किया है और हम इस सप्ताह उनकी मंजूरी की उम्मीद कर रहे हैं.
(पीटीआई-भाषा)