नई दिल्ली : कारोबारी सुगमता को बढ़ाने और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों को उदार बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों से भारत को इस साल अब तक रिकॉर्ड एफडीआई हासिल करने में मदद मिली है और प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना, एकल खिड़की मंजूरी और जीआईएस मानचित्रित भूमि जैसे उपायों से इसमें 2022 के दौरान और बढ़ोतरी की उम्मीद है.
वैश्विक मंदी और कोविड-19 महामारी के बावजूद भारत में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 2020-21 में बढ़कर 81.72 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया.
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान देश में एफडीआई 62 प्रतिशत बढ़कर 27.37 अरब डॉलर हो गया.
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) में सचिव ने कहा अनुराग जैन ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘बढ़ता एफडीआई भारत की वृद्धि गाथा में वैश्विक विश्वास को दर्शाता है. दुनिया भरोसेमंद साझेदार चाहती है. भारत वृद्धि के वे सभी मानदंड मुहैया कर रहा है, जो निवेशक निवेश से पहले देखना चाहेंगे.’’
उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी), (PM Gati Shakti plan) एकल खिड़की मंजूरी और जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) मानचित्रित भूमि बैंक जैसे कदमों से आगे निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि सरकार कारोबारी सुगमता के लिए चौतरफा कोशिश कर रही है और पिछले कुछ वर्षों में 25,000 से अधिक अनुपालनों में सरलता आई है.
जैन ने कहा, ‘‘संरचनात्मक सुधार और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के उपायों, स्टार्टअप कार्यक्रम और एफडीआई नीति के उदारीकरण से औद्योगिक परिदृश्य में आमूलचूल बदलाव आ रहे हैं.’’
उन्होंने कहा कि स्टार्टअप परिवेश का समर्थन करने के लिए केंद्र के प्रयासों के चलते भारत की दुनिया भर के व्यापार और निवेश क्षेत्र में चर्चा है.
उन्होंने कहा कि अब तक केंद्र सरकार के 19 मंत्रालय / विभाग और 10 राज्य राष्ट्रीय एकल खिड़की मंजूरी प्रणाली में शामिल हो चुके हैं.
इसी तरह भारत औद्योगिक भूमि बैंक जीआईएस सक्षम है और इसके तहत 4,500 से अधिक औद्योगिक पार्कों की मैपिंग की गई है तथा निवेश के लिए उपलब्ध खाली औद्योगिक भूखंडों को ऑनलाइन देखा जा सकता है.
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सरकार ने कई क्षेत्रों में कोयला खनन, रक्षा उत्पादन, अनुबंध विनिर्माण और एकल-ब्रांड खुदरा व्यापार में एफडीआई नियमों में ढील दी है.