कंपनी ने एक बयान में कहा कि इस कदम के साथ ही पेटीएम ने अपनी भाषाई पहुंच का विस्तार किया है और भारत की पहली ऐसी डिजिटल पेमेंट कंपनी बन गई है जो अपने एप पर सबसे ज्यादा भाषाओं का विकल्प दे रही है.
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कंपनी का कहना है कि अपने पांच वर्षों के परिचालन में पेटीएम करीब 88 प्रतिशत भारतीय गांवों तक पहुंच चुकी है और इसके 60 प्रतिशत से ज्यादा उपभोक्ता छोटे और मझोले शहरों से हैं. 11 भाषाओं के इस नए जुड़ाव से, पसंदीदा डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म के तौर पर पेटीएम की स्थिति और ज्यादा पुख्ता होगी.
कंपनी ने बताया कि पेटीएम के 35 प्रतिशत से अधिक उपभोक्ता अपनी प्रादेशिक भाषा में एप को इस्तेमाल करना पसंद करते हैं. पेटीएम पर अंग्रेजी के बाद हिंदी सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा है, इसके बाद गुजराती, तेलुगू, मराठी, बांग्ला, तमिल और कन्नड़ भाषाओं का नंबर आता है.
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पेटीएम के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक एबॉट ने कहा, "आज करोड़ों भारतीय अपनी रोजाना की जरूरतों के लिए पेटीएम का उपयोग कर रहे हैं और इसे अपनाने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है. हम लोगों को पहले से ज्यादा भाषाई विकल्प दे रहे हैं और ग्राहकों के लिए सुविधा में बढ़ोतरी कर रहे हैं. अपने एप पर सभी भारतीय भाषाओं को उपलब्ध कराने के लिए हमने कड़ी मेहनत की है, हमने हर चीज को शब्दश: अनुवादित नहीं किया है बल्कि सही संदर्भ को प्रस्तुत किया है जिसकी उपभोक्ताओं ने बहुत सराहना की है."
(आईएएनएस)