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जेट एयरवेज को खरीदने में अब कोई दिलचस्पी नहीं: अनिल अग्रवाल - Jet Airways

अग्रवाल की निवेश कंपनी वोल्कन इन्वेस्टमेंट ने रविवार को कहा कि जेट एयरवेज को खरीदने के लिए उसने शनिवार को रुचि पत्र (ईओआई) जमा किया था. शनिवार को बोली प्रक्रिया का आखिरी दिन था.

जेट एयरवेज को खरीदने में अब कोई दिलचस्पी नहीं: अनिल अग्रवाल
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Published : Aug 13, 2019, 12:24 PM IST

Updated : Sep 26, 2019, 8:37 PM IST

मुंबई: वेदांता रिसोर्सेज के मुखिया अनिल अग्रवाल के हाथ पीछे खींचने से जेट एयरवेज की समाधान कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है. अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज को खरीदने में अब उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है.

कर्ज में डूबी जेट एयरवेज का मामला दिवाला संहिता के तहत एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) के समक्ष विचाराधीन है. अग्रवाल की निवेश कंपनी वोल्कन इन्वेस्टमेंट ने रविवार को कहा कि जेट एयरवेज को खरीदने के लिए उसने शनिवार को रुचि पत्र (ईओआई) जमा किया था. शनिवार को बोली प्रक्रिया का आखिरी दिन था.

हालांकि , अग्रवाल ने सोमवार को बयान में कहा, "जेट एयरवेज के लिए वोल्कन ने जो रुचि पत्र जमा किया था वह शुरुआती खोजबीन के आधार पर था. आगे की जांच-पड़ताल और अन्य प्राथमिकताओं पर विचार करने के बाद हमने इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाने का फैसला किया है."

ये भी पढ़ें-तेलंगाना में विश्व का सबसे बड़ा पंपिंग स्टेशन शुरू

बयान में कहा गया है कि वोल्कन ने जेट एयरवेज के लिए ईओआई इसलिए जमा किया था क्योंकि वह कंपनी और उद्योग के लिए कारोबारी परिदृश्य को समझना चाहती थी.

वहीं, एतिहाद ने भी दूसरे दौर में भाग लेने से किनारा कर लिया है. एतिहाद ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि देनदारी से जुड़े मुद्दे नहीं सुलझने से उसने जेट एयरवेज में फिर से निवेश के लिए ईओआई जमा से मना कर दिया है.

जेट एयरवेज के ऋणदाताओं ने पहले रुचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि तीन अगस्त रखी थी लेकिन बोली नहीं मिलने से इसे बढ़ाकर 10 अगस्त किया गया.

इससे पहले भी जेट को उस समय इसी तरह की स्थिति का सामना अप्रैल में भी करना पड़ा था जब एतिहाद और टीपीजी पार्टनर्स समेत चार पक्षों ने रुचि पत्र जमा किया था लेकिन उनमें से काई भी सौदे को परवान चढ़ाने की दिशा में आगे नहीं बढ़ा.

अग्रवाल के इस कदम के बाद अब एयरलाइन की संपत्तियों को खरीदने की दौड़ में सिर्फ दो कंपनियां रह गई हैं. वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अप्रैल में परिचालन बंद कर दिया है.

मुंबई: वेदांता रिसोर्सेज के मुखिया अनिल अग्रवाल के हाथ पीछे खींचने से जेट एयरवेज की समाधान कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है. अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज को खरीदने में अब उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है.

कर्ज में डूबी जेट एयरवेज का मामला दिवाला संहिता के तहत एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) के समक्ष विचाराधीन है. अग्रवाल की निवेश कंपनी वोल्कन इन्वेस्टमेंट ने रविवार को कहा कि जेट एयरवेज को खरीदने के लिए उसने शनिवार को रुचि पत्र (ईओआई) जमा किया था. शनिवार को बोली प्रक्रिया का आखिरी दिन था.

हालांकि , अग्रवाल ने सोमवार को बयान में कहा, "जेट एयरवेज के लिए वोल्कन ने जो रुचि पत्र जमा किया था वह शुरुआती खोजबीन के आधार पर था. आगे की जांच-पड़ताल और अन्य प्राथमिकताओं पर विचार करने के बाद हमने इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाने का फैसला किया है."

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बयान में कहा गया है कि वोल्कन ने जेट एयरवेज के लिए ईओआई इसलिए जमा किया था क्योंकि वह कंपनी और उद्योग के लिए कारोबारी परिदृश्य को समझना चाहती थी.

वहीं, एतिहाद ने भी दूसरे दौर में भाग लेने से किनारा कर लिया है. एतिहाद ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि देनदारी से जुड़े मुद्दे नहीं सुलझने से उसने जेट एयरवेज में फिर से निवेश के लिए ईओआई जमा से मना कर दिया है.

जेट एयरवेज के ऋणदाताओं ने पहले रुचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि तीन अगस्त रखी थी लेकिन बोली नहीं मिलने से इसे बढ़ाकर 10 अगस्त किया गया.

इससे पहले भी जेट को उस समय इसी तरह की स्थिति का सामना अप्रैल में भी करना पड़ा था जब एतिहाद और टीपीजी पार्टनर्स समेत चार पक्षों ने रुचि पत्र जमा किया था लेकिन उनमें से काई भी सौदे को परवान चढ़ाने की दिशा में आगे नहीं बढ़ा.

अग्रवाल के इस कदम के बाद अब एयरलाइन की संपत्तियों को खरीदने की दौड़ में सिर्फ दो कंपनियां रह गई हैं. वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अप्रैल में परिचालन बंद कर दिया है.

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जेट एयरवेज को खरीदने में अब कोई दिलचस्पी नहीं: अनिल अग्रवाल

मुंबई: वेदांता रिसोर्सेज के मुखिया अनिल अग्रवाल के हाथ पीछे खींचने से जेट एयरवेज की समाधान कोशिशों को तगड़ा झटका लगा है. अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि बंद पड़ी एयरलाइन जेट एयरवेज को खरीदने में अब उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है. 

कर्ज में डूबी जेट एयरवेज का मामला दिवाला संहिता के तहत एनसीएलटी (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) के समक्ष विचाराधीन है. अग्रवाल की निवेश कंपनी वोल्कन इन्वेस्टमेंट ने रविवार को कहा कि जेट एयरवेज को खरीदने के लिए उसने शनिवार को रुचि पत्र (ईओआई) जमा किया था. शनिवार को बोली प्रक्रिया का आखिरी दिन था.  

हालांकि , अग्रवाल ने सोमवार को बयान में कहा , " जेट एयरवेज के लिए वोल्कन ने जो रुचि पत्र जमा किया था वह शुरुआती खोजबीन के आधार पर था. आगे की जांच-पड़ताल और अन्य प्राथमिकताओं पर विचार करने के बाद हमने इस दिशा में कदम नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. " 

बयान में कहा गया है कि वोल्कन ने जेट एयरवेज के लिए ईओआई इसलिए जमा किया था क्योंकि वह कंपनी और उद्योग के लिए कारोबारी परिदृश्य को समझना चाहती थी. 

वहीं, एतिहाद ने भी दूसरे दौर में भाग लेने से किनारा कर लिया है. एतिहाद ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि देनदारी से जुड़े मुद्दे नहीं सुलझने से उसने जेट एयरवेज में फिर से निवेश के लिए ईओआई जमा से मना कर दिया है. 

जेट एयरवेज के ऋणदाताओं ने पहले रुचि पत्र जमा करने की अंतिम तिथि तीन अगस्त रखी थी लेकिन बोली नहीं मिलने से इसे बढ़ाकर 10 अगस्त किया गया. 

 इससे पहले भी जेट को उस समय इसी तरह की स्थिति का सामना अप्रैल में भी करना पड़ा था जब एतिहाद और टीपीजी पार्टनर्स समेत चार पक्षों ने रुचि पत्र जमा किया था लेकिन उनमें से काई भी सौदे को परवान चढ़ाने की दिशा में आगे नहीं बढ़ा. 

अग्रवाल के इस कदम के बाद अब एयरलाइन की संपत्तियों को खरीदने की दौड़ में सिर्फ दो कंपनियां रह गई हैं. वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अप्रैल में परिचालन बंद कर दिया है. 


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Last Updated : Sep 26, 2019, 8:37 PM IST
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