नई दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने कर्ज के बोझ से दबी आईएलएंडएफएस को उसके समूह की चार कंपनियों में पेंशन और भविष्य निधि कोषों द्वारा किए गए निवेश का ब्योरा मांगा है.
इसके अलावा न्यायाधिकरण ने इन इकाइयों की वित्तीय देनदारियों की भी जानकारी मांगी है.
ये चार 'अंबर' कंपनियां हैं, हजारीबाग रांची एक्सप्रेसवे, झारखंड रोड प्रोजेक्ट इंप्लिमेंटेशन कंपनी, मुरादाबाद बरेली एक्सप्रेसवे और वेस्ट गुजरात एक्सप्रेसवे.
एनसीएलएटी ने यह भी स्पष्ट किया है कि उसने आईएलएंडएफएस और उसके समूह की कंपनियों को निपटान प्रक्रिया में जाने से रोका नहीं है.
अपीलीय न्यायाधिकरण में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने निष्कर्ष दिया कि पेंशन कोष और भविष्य निधि कोष द्वारा आईएलएंडएफएस समूह की कंपनियों में किया गया निवेश पहले जारी किया जाएगा.
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