गांधीनगर: माइक्रोसॉफ्ट ने भारत के छोटे शहरों के स्टार्टअप को परामर्श और समर्थन देने के लिए मंगलवार को एक नई पहल की शुरुआत की, जिसे 'हाइवे टू हंड्रेड यूनिकॉर्न्स' नाम दिया गया है.
यहां इस तरह के पहले आयोजन को इंडस्ट्रीज कमिश्नरेट और गुजरात के इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन ब्यूरो (आईएनडीईएक्सटीबी) के सहयोग से किया गया, जिसमें 250 से अधिक स्टार्टअप शामिल हुए.
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माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह छोटे शहरों में आउटरीच कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से नवोन्मेषकों और उद्यमियों के साथ जुड़ेगी और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी.
माइक्रोसॉफ्ट फॉर स्टार्टअप (एमईएनए और सार्क) की कंट्री हेड लतिका पाई ने कहा, "हाइवे टू हंड्रेड यूनिकॉर्न्स' के माध्यम से हम छोटे शहरों के स्टार्टअप तक पहुचेंगे और उनका समर्थन करेंगे."
स्टार्टअप के सामने सबसे बड़ी समस्या अपने कारोबार को विस्तार करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का अभाव और पारिस्थितिकी तंत्र के सहयोगियों द्वारा परामर्श की कमी होती है.
उन्होंने कहा, "हमारी तकनीकी विशेषज्ञता और कुछ सबसे सफल भारतीय स्टार्टअप के साथ जुड़ने का अनुभव देशभर में नवप्रवर्तनकर्ताओं को उद्यम के लिए तैयार होने में मदद करेगा और भारत और विश्व स्तर पर अपने कारोबार को बढ़ाने में मदद करेगा."
माइक्रोसॉफ्ट देश के छोटे शहरों के स्टार्टअप की करेगी मदद - माइक्रोसॉफ्ट
माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह छोटे शहरों में आउटरीच कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से नवोन्मेषकों और उद्यमियों के साथ जुड़ेगी और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी.
गांधीनगर: माइक्रोसॉफ्ट ने भारत के छोटे शहरों के स्टार्टअप को परामर्श और समर्थन देने के लिए मंगलवार को एक नई पहल की शुरुआत की, जिसे 'हाइवे टू हंड्रेड यूनिकॉर्न्स' नाम दिया गया है.
यहां इस तरह के पहले आयोजन को इंडस्ट्रीज कमिश्नरेट और गुजरात के इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन ब्यूरो (आईएनडीईएक्सटीबी) के सहयोग से किया गया, जिसमें 250 से अधिक स्टार्टअप शामिल हुए.
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माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह छोटे शहरों में आउटरीच कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से नवोन्मेषकों और उद्यमियों के साथ जुड़ेगी और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी.
माइक्रोसॉफ्ट फॉर स्टार्टअप (एमईएनए और सार्क) की कंट्री हेड लतिका पाई ने कहा, "हाइवे टू हंड्रेड यूनिकॉर्न्स' के माध्यम से हम छोटे शहरों के स्टार्टअप तक पहुचेंगे और उनका समर्थन करेंगे."
स्टार्टअप के सामने सबसे बड़ी समस्या अपने कारोबार को विस्तार करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का अभाव और पारिस्थितिकी तंत्र के सहयोगियों द्वारा परामर्श की कमी होती है.
उन्होंने कहा, "हमारी तकनीकी विशेषज्ञता और कुछ सबसे सफल भारतीय स्टार्टअप के साथ जुड़ने का अनुभव देशभर में नवप्रवर्तनकर्ताओं को उद्यम के लिए तैयार होने में मदद करेगा और भारत और विश्व स्तर पर अपने कारोबार को बढ़ाने में मदद करेगा."
माइक्रोसॉफ्ट देश के छोटे शहरों के स्टार्टअप की करेगी मदद
गांधीनगर: माइक्रोसॉफ्ट ने भारत के छोटे शहरों के स्टार्टअप को परामर्श और समर्थन देने के लिए मंगलवार को एक नई पहल की शुरुआत की, जिसे 'हाइवे टू हंड्रेड यूनिकॉर्न्स' नाम दिया गया है.
यहां इस तरह के पहले आयोजन को इंडस्ट्रीज कमिश्नरेट और गुजरात के इंडस्ट्रियल एक्सटेंशन ब्यूरो (आईएनडीईएक्सटीबी) के सहयोग से किया गया, जिसमें 250 से अधिक स्टार्टअप शामिल हुए.
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माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि वह छोटे शहरों में आउटरीच कार्यक्रमों की एक श्रृंखला के माध्यम से नवोन्मेषकों और उद्यमियों के साथ जुड़ेगी और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी.
माइक्रोसॉफ्ट फॉर स्टार्टअप (एमईएनए और सार्क) की कंट्री हेड लतिका पाई ने कहा, "हाइवे टू हंड्रेड यूनिकॉर्न्स' के माध्यम से हम छोटे शहरों के स्टार्टअप तक पहुचेंगे और उनका समर्थन करेंगे."
स्टार्टअप के सामने सबसे बड़ी समस्या अपने कारोबार को विस्तार करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का अभाव और पारिस्थितिकी तंत्र के सहयोगियों द्वारा परामर्श की कमी होती है.
उन्होंने कहा, "हमारी तकनीकी विशेषज्ञता और कुछ सबसे सफल भारतीय स्टार्टअप के साथ जुड़ने का अनुभव देशभर में नवप्रवर्तनकर्ताओं को उद्यम के लिए तैयार होने में मदद करेगा और भारत और विश्व स्तर पर अपने कारोबार को बढ़ाने में मदद करेगा."
Conclusion: