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ईडी ने बंबई उच्च न्यायालय में कहा- मेहुल चोकसी भगोड़ा और फरार

ईडी ने कहा कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत यदि कोई भगोड़ा खुद अदालत में पेश होता है तो कार्यवाही समाप्त की जा सकती है. हालांकि, अगर व्यक्ति पेश नहीं हुआ तो अदालत उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर सकती है और उसकी संपत्तियों को जब्त कर सकती है.

ईडी ने बंबई उच्च न्यायालय में कहा- मेहुल चोकसी भगोड़ा और फरार
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Published : Jun 3, 2019, 5:16 PM IST

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े करोड़ों रुपये के बैंक घोटाले में आरोपी कारोबारी मेहुल चोकसी भगोड़ा और फरार है.

ईडी ने अपने हलफनामे में चोकसी की दो याचिकाओं को खारिज करने की मांग की जिनमें एक उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की अर्जी के खिलाफ है और दूसरी उसे उन लोगों से जिरह करने की अनुमति देने के लिए है जिनके बयानों को आधार बनाकर ईडी उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करवाने की कोशिश कर रही है.

ईडी ने न्यायमूर्ति आई ए मोहंती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को सोमवार को दिये हलफनामे में कहा कि चोकसी पीएनबी घोटाले में 6097 करोड़ रुपये के गबन और धन शोधन का आरोपी है और एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए सम्मन भेजे जाने के बावजूद उसने कहा है कि वह जांच में सहयोग नहीं करना चाहता.

ये भी पढ़ें- औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक अप्रैल में 3 अंक बढ़ा

हलफनामा में कहा गया, "वह भगोड़ा और फरार है. वह जानबूझकर और इरादतन जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने से बच रहा है जबकि एक विशेष अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. यह दर्शाता है कि उसके मन में देश के कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है."

एजेंसी ने कहा कि चोकसी एंटिगुआ की नागरिकता ले चुका है, जो स्पष्ट दिखाता है कि उसका जांच में सहयोग के लिए भारत लौटने का कोई इरादा नहीं है.

ईडी ने कहा कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत यदि कोई भगोड़ा खुद अदालत में पेश होता है तो कार्यवाही समाप्त की जा सकती है. हालांकि, अगर व्यक्ति पेश नहीं हुआ तो अदालत उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर सकती है और उसकी संपत्तियों को जब्त कर सकती है.

हलफनामे में कहा गया, "कानून का एकमात्र उद्देश्य भगोड़े अपराधी को भारत लौटने के लिए तथा उसे कार्यवाही का सामना करने के लिए बाध्य करना है."

उच्च न्यायालय मंगलवार को याचिकाओं पर विचार करेगा. चोकसी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वह सेहत संबंधी दिक्कतों के कारण भारत लौटने में असमर्थ है. इस पर ईडी ने कहा कि यह केवल बहाना है और चोकसी भारत में अपना इलाज करा सकता है.

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े करोड़ों रुपये के बैंक घोटाले में आरोपी कारोबारी मेहुल चोकसी भगोड़ा और फरार है.

ईडी ने अपने हलफनामे में चोकसी की दो याचिकाओं को खारिज करने की मांग की जिनमें एक उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की अर्जी के खिलाफ है और दूसरी उसे उन लोगों से जिरह करने की अनुमति देने के लिए है जिनके बयानों को आधार बनाकर ईडी उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करवाने की कोशिश कर रही है.

ईडी ने न्यायमूर्ति आई ए मोहंती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को सोमवार को दिये हलफनामे में कहा कि चोकसी पीएनबी घोटाले में 6097 करोड़ रुपये के गबन और धन शोधन का आरोपी है और एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए सम्मन भेजे जाने के बावजूद उसने कहा है कि वह जांच में सहयोग नहीं करना चाहता.

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हलफनामा में कहा गया, "वह भगोड़ा और फरार है. वह जानबूझकर और इरादतन जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने से बच रहा है जबकि एक विशेष अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. यह दर्शाता है कि उसके मन में देश के कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है."

एजेंसी ने कहा कि चोकसी एंटिगुआ की नागरिकता ले चुका है, जो स्पष्ट दिखाता है कि उसका जांच में सहयोग के लिए भारत लौटने का कोई इरादा नहीं है.

ईडी ने कहा कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत यदि कोई भगोड़ा खुद अदालत में पेश होता है तो कार्यवाही समाप्त की जा सकती है. हालांकि, अगर व्यक्ति पेश नहीं हुआ तो अदालत उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर सकती है और उसकी संपत्तियों को जब्त कर सकती है.

हलफनामे में कहा गया, "कानून का एकमात्र उद्देश्य भगोड़े अपराधी को भारत लौटने के लिए तथा उसे कार्यवाही का सामना करने के लिए बाध्य करना है."

उच्च न्यायालय मंगलवार को याचिकाओं पर विचार करेगा. चोकसी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वह सेहत संबंधी दिक्कतों के कारण भारत लौटने में असमर्थ है. इस पर ईडी ने कहा कि यह केवल बहाना है और चोकसी भारत में अपना इलाज करा सकता है.

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ईडी ने बंबई उच्च न्यायालय में कहा- मेहुल चोकसी भगोड़ा और फरार

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय को बताया कि पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े करोड़ों रुपये के बैंक घोटाले में आरोपी कारोबारी मेहुल चोकसी भगोड़ा और फरार है.

ईडी ने अपने हलफनामे में चोकसी की दो याचिकाओं को खारिज करने की मांग की जिनमें एक उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की अर्जी के खिलाफ है और दूसरी उसे उन लोगों से जिरह करने की अनुमति देने के लिए है जिनके बयानों को आधार बनाकर ईडी उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करवाने की कोशिश कर रही है.

ईडी ने न्यायमूर्ति आई ए मोहंती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को सोमवार को दिये हलफनामे में कहा कि चोकसी पीएनबी घोटाले में 6097 करोड़ रुपये के गबन और धन शोधन का आरोपी है और एजेंसी के समक्ष पेश होने के लिए सम्मन भेजे जाने के बावजूद उसने कहा है कि वह जांच में सहयोग नहीं करना चाहता.

हलफनामा में कहा गया, "वह भगोड़ा और फरार है. वह जानबूझकर और इरादतन जांच एजेंसी के समक्ष पेश होने से बच रहा है जबकि एक विशेष अदालत ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. यह दर्शाता है कि उसके मन में देश के कानून के प्रति कोई सम्मान नहीं है." 

एजेंसी ने कहा कि चोकसी एंटिगुआ की नागरिकता ले चुका है, जो स्पष्ट दिखाता है कि उसका जांच में सहयोग के लिए भारत लौटने का कोई इरादा नहीं है.

ईडी ने कहा कि भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून के तहत यदि कोई भगोड़ा खुद अदालत में पेश होता है तो कार्यवाही समाप्त की जा सकती है. हालांकि, अगर व्यक्ति पेश नहीं हुआ तो अदालत उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर सकती है और उसकी संपत्तियों को जब्त कर सकती है.

हलफनामे में कहा गया, "कानून का एकमात्र उद्देश्य भगोड़े अपराधी को भारत लौटने के लिए तथा उसे कार्यवाही का सामना करने के लिए बाध्य करना है." 

उच्च न्यायालय मंगलवार को याचिकाओं पर विचार करेगा. चोकसी ने अपनी याचिका में दावा किया था कि वह सेहत संबंधी दिक्कतों के कारण भारत लौटने में असमर्थ है. इस पर ईडी ने कहा कि यह केवल बहाना है और चोकसी भारत में अपना इलाज करा सकता है.


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