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काफी कुछ हासिल किया गया, पर एचडीएफसी बैंक का सर्वश्रेष्ठ अभी बाकी: पुरी - बिजनेस न्यूज

पुरी ने कहा, "जब मैं यह लिख रहा हूं, तो मैं सबसे ज्यादा खुश हूं. मैं हमेशा कहता रहा हूं कि बैंक का सर्वश्रेष्ठ अभी बाकी है. अब शशि बैंक की अगुवाई करेंगे और मुझे इसमें संदेह नहीं है कि उनकी अगुवाई में हमारा सर्वश्रेष्ठ सामने आएगा."

काफी कुछ हासिल किया गया, पर एचडीएफसी बैंक का सर्वश्रेष्ठ अभी बाकी: पुरी
काफी कुछ हासिल किया गया, पर एचडीएफसी बैंक का सर्वश्रेष्ठ अभी बाकी: पुरी
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Published : Aug 14, 2020, 10:26 AM IST

नई दिल्ली: निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने कहा है कि उनकी 26 साल की यात्रा के दौरान बैंक ने काफी कुछ हासिल किया है, लेकिन बैंका का सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है. पुरी जल्द सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं.

शशिधर जगदीशन को पुरी का उत्तराधिकारी चुना गया है. पुरी ने कहा कि जगदीशन बैंक की अगुवाई करने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं.

ये भी पढ़ें- करदाताओं के उत्पीड़न का युग खत्म: प्रधानमंत्री

एचडीएफसी बैंक ने इसी महीने जगदीशन को 27 अक्टूबर से बैंक का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है. पुरी उस समय 70 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त हो जायेंगे.

पुरी ने कहा, "जब मैं यह लिख रहा हूं, तो मैं सबसे ज्यादा खुश हूं. मैं हमेशा कहता रहा हूं कि बैंक का सर्वश्रेष्ठ अभी बाकी है. अब शशि बैंक की अगुवाई करेंगे और मुझे इसमें संदेह नहीं है कि उनकी अगुवाई में हमारा सर्वश्रेष्ठ सामने आएगा."

कर्मचारियों को भेजे ई-मेल में पुरी ने कहा, "मैं उनकी खूबियों में नहीं जाऊंगा. क्योंकि हममें से ज्यादातर यह जानते हैं. मैं यही कहूंगा कि वह आपका नेतृत्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं. और मैं यह कमान सबसे सुयोग्य व्यक्ति को सौंपने जा रहा हूं."

पुरी एचडीएफसी बैंक के सबसे पहले कर्मचारी हैं. उन्होंने कहा, "यदि आप पीछे देखें तो 26 साल पहले, तो ऐसा लगता है कि जैसे कल की ही बात है. अपने पहले कार्यालय में टूटी कुर्सियों के साथ हमने शुरू कर जो हासिल किया है वह अविश्वसनीय है. दुनिया में ऐसे कम ही उदाहरण है."

पुरी को एचडीएफसी बैंक को काफी नीचे से उठाकर देश का निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक बनाने का श्रेय जाता है.

उन्होंने कहा, "हमारी उपलब्धियों के कुछ नमूने हैं, जिनपर मुझे काफी गर्व है. आज हम वास्तव में विश्वस्तरीय भारतीय बैंक हैं. पहुंच, बही-खाते, ग्राहक संख्या और बाजार पूंजीकरण के हिसाब से हम स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े बैंक में से हैं. अपनी सतत आजीविका पहल (एसएलआई) के जरिये हमने 1.11 करोड़ भारतीय परिवारों को गरीबी से निकाला है."

पुरी ने कहा कि बैंक अपनी कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहल के जरिये आज 7.8 करोड़ भारतीयों की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव लाने में कामयाब रहा है.

उन्होंने कहा कि आज हमारी पहचान देश के सर्वश्रेष्ठ संपत्ति सृजनकर्ता के रूप में होती है. हम स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से हैं. 26 साल पुराने एचडीएफसी बैंक के कर्मचारियों की संख्या करीब 1.16 लाख है. देश के 2,825 शहरों और कस्बों में बैंक की 5,326 शाखाएं और 14,996 एटीएम हैं.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली: निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने कहा है कि उनकी 26 साल की यात्रा के दौरान बैंक ने काफी कुछ हासिल किया है, लेकिन बैंका का सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है. पुरी जल्द सेवानिवृत्त होने जा रहे हैं.

शशिधर जगदीशन को पुरी का उत्तराधिकारी चुना गया है. पुरी ने कहा कि जगदीशन बैंक की अगुवाई करने के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं.

ये भी पढ़ें- करदाताओं के उत्पीड़न का युग खत्म: प्रधानमंत्री

एचडीएफसी बैंक ने इसी महीने जगदीशन को 27 अक्टूबर से बैंक का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया है. पुरी उस समय 70 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त हो जायेंगे.

पुरी ने कहा, "जब मैं यह लिख रहा हूं, तो मैं सबसे ज्यादा खुश हूं. मैं हमेशा कहता रहा हूं कि बैंक का सर्वश्रेष्ठ अभी बाकी है. अब शशि बैंक की अगुवाई करेंगे और मुझे इसमें संदेह नहीं है कि उनकी अगुवाई में हमारा सर्वश्रेष्ठ सामने आएगा."

कर्मचारियों को भेजे ई-मेल में पुरी ने कहा, "मैं उनकी खूबियों में नहीं जाऊंगा. क्योंकि हममें से ज्यादातर यह जानते हैं. मैं यही कहूंगा कि वह आपका नेतृत्व करने के लिए सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति हैं. और मैं यह कमान सबसे सुयोग्य व्यक्ति को सौंपने जा रहा हूं."

पुरी एचडीएफसी बैंक के सबसे पहले कर्मचारी हैं. उन्होंने कहा, "यदि आप पीछे देखें तो 26 साल पहले, तो ऐसा लगता है कि जैसे कल की ही बात है. अपने पहले कार्यालय में टूटी कुर्सियों के साथ हमने शुरू कर जो हासिल किया है वह अविश्वसनीय है. दुनिया में ऐसे कम ही उदाहरण है."

पुरी को एचडीएफसी बैंक को काफी नीचे से उठाकर देश का निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक बनाने का श्रेय जाता है.

उन्होंने कहा, "हमारी उपलब्धियों के कुछ नमूने हैं, जिनपर मुझे काफी गर्व है. आज हम वास्तव में विश्वस्तरीय भारतीय बैंक हैं. पहुंच, बही-खाते, ग्राहक संख्या और बाजार पूंजीकरण के हिसाब से हम स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े बैंक में से हैं. अपनी सतत आजीविका पहल (एसएलआई) के जरिये हमने 1.11 करोड़ भारतीय परिवारों को गरीबी से निकाला है."

पुरी ने कहा कि बैंक अपनी कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पहल के जरिये आज 7.8 करोड़ भारतीयों की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव लाने में कामयाब रहा है.

उन्होंने कहा कि आज हमारी पहचान देश के सर्वश्रेष्ठ संपत्ति सृजनकर्ता के रूप में होती है. हम स्वतंत्र भारत के सबसे बड़े नियोक्ताओं में से हैं. 26 साल पुराने एचडीएफसी बैंक के कर्मचारियों की संख्या करीब 1.16 लाख है. देश के 2,825 शहरों और कस्बों में बैंक की 5,326 शाखाएं और 14,996 एटीएम हैं.

(पीटीआई-भाषा)

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