नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी नवंबर में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए दस्तावेज जमा कराएगी. वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. इसे देश के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ बताया जा रहा है.
अधिकारी ने कहा, हमारा इरादा आईपीओ चालू वित्त वर्ष में ही लाने का है. हमने इसके लिए कड़ी समयसीमा तय की है. डीआरएचपी नवंबर में दाखिल कर दिया जाएगा.
सरकार ने पिछले महीने गोल्डमैन सैश (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लि., सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लि. और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) प्राइवेट लि. सहित 10 मर्चेंट बैंकरों को आईपीओ के प्रबंधन के लिए नियुक्त किया है.
जिन अन्य बैंकरों का चयन किया गया है उनमें एसबीआई कैपिटल मार्केट लि., जेएम फाइनेंशियल लि., एक्सिस कैपिटल लि., बोफा सिक्योरिटीज, जेपी मॉर्गन इंडिया प्राइवेट लि., आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लि. और कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लि. शामिल हैं.
पढ़ें :- बी सी पटनायक बने LIC के नए एमडी
अधिकारी ने बताया कि आईपीओ दस्तावेज दाखिल करने के बाद मर्चेंट बैंकर निवेशकों के लिए वैश्विक और घरेलू रोड शो का आयोजन करेंगे. सिरिल अमरचंद मंगलदास को आईपीओ के लिए कानूनी सलाहकार नियुक्त किया गया है.
सरकार का लक्ष्य एलआईसी को चालू वित्त वर्ष के अंत तक सूचीबद्ध कराने है.
सरकार ने एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकालने के लिए बीमांकिक कंपनी मिलीमैन एडवाइजर्स एलएलपी इंडिया की नियुक्ति की है. सरकार विदेशी निवेशकों को भी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी में हिस्सेदारी के अधिग्रहण की अनुमति देने पर विचार कर रही है.
मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) ने जुलाई में एलआई के आईपीओ की अनुमति दी थी.
(पीटीआई-भाषा)