मुंबई: वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अस्थायी रूप से कंपनी को बंद करने के लिए कर्जदाताओं से 400 करोड़ रुपये की अंतरिम निधि की मांग की, जबकि कंपनी का वर्तमान परिचालन बेड़ा घटकर पांच विमानों का रह गया है.
नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला के मुताबिक, एयरलाइन ने मंगलवार को केवल पांच विमानों का ही संचालन किया, जबकि एक दिन पहले इसकी संख्या सात थी. वर्तमान नियमों के तहत किसी एयरलाइन को अपने एयर परिचालन परमिट को जारी रखने के लिए कम से कम पांच विमानों का परिचालन करने की जरूरत है.
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उन्होंने कहा कि जेट के एयरपोर्ट के स्लॉट खाली है और उन्हें अन्य एयरलाइनों को अस्थायी आधार पर फिर से आवंटित किया जा रहा है. मंत्रालय द्वारा स्लॉट के मुद्दे के समाधान के लिए एयरपोर्ट ऑपरेटर्स और एयरलाइंस के साथ बैठक की उम्मीद है.
हालांकि, एयरलाइन के लेनदारों ने कहा है कि वे इसके पुनरुद्धार के लिए प्रतिबद्ध हैं. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेश्क और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने कहा कि अंतरिम राहत निधि मुहैया कराने के लिए चर्चा चल रही है.
उन्होंने कहा, "कर्जदाता जेट एयरवेज को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. एसबीआई और एसबीआई कैपिटल एक पैकेज पर काम कर रही है, लेकिन इसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है."
उद्योग की अंदरूनी जानकारी रखनेवाले सूत्रों ने बताया कि जेट एयरवेज ने कर्जदाताओं से 400 करोड़ रुपये के अंतरिम वित्त पोषण प्राप्त की मांग की थी, ताकि एयरलाइन का सभी परिचालन अस्थायी रूप से बंद होने से बचाया जा सके.
जेट ने 400 करोड़ रुपये मांगे, बेड़े में अब मात्र 5 विमान - पंजाब नेशनल बैंक
जेट एयरवेज ने कर्जदाताओं से 400 करोड़ रुपये के अंतरिम वित्त पोषण प्राप्त की मांग की थी, ताकि एयरलाइन का सभी परिचालन अस्थायी रूप से बंद होने से बचाया जा सके.
मुंबई: वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अस्थायी रूप से कंपनी को बंद करने के लिए कर्जदाताओं से 400 करोड़ रुपये की अंतरिम निधि की मांग की, जबकि कंपनी का वर्तमान परिचालन बेड़ा घटकर पांच विमानों का रह गया है.
नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला के मुताबिक, एयरलाइन ने मंगलवार को केवल पांच विमानों का ही संचालन किया, जबकि एक दिन पहले इसकी संख्या सात थी. वर्तमान नियमों के तहत किसी एयरलाइन को अपने एयर परिचालन परमिट को जारी रखने के लिए कम से कम पांच विमानों का परिचालन करने की जरूरत है.
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उन्होंने कहा कि जेट के एयरपोर्ट के स्लॉट खाली है और उन्हें अन्य एयरलाइनों को अस्थायी आधार पर फिर से आवंटित किया जा रहा है. मंत्रालय द्वारा स्लॉट के मुद्दे के समाधान के लिए एयरपोर्ट ऑपरेटर्स और एयरलाइंस के साथ बैठक की उम्मीद है.
हालांकि, एयरलाइन के लेनदारों ने कहा है कि वे इसके पुनरुद्धार के लिए प्रतिबद्ध हैं. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेश्क और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने कहा कि अंतरिम राहत निधि मुहैया कराने के लिए चर्चा चल रही है.
उन्होंने कहा, "कर्जदाता जेट एयरवेज को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. एसबीआई और एसबीआई कैपिटल एक पैकेज पर काम कर रही है, लेकिन इसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है."
उद्योग की अंदरूनी जानकारी रखनेवाले सूत्रों ने बताया कि जेट एयरवेज ने कर्जदाताओं से 400 करोड़ रुपये के अंतरिम वित्त पोषण प्राप्त की मांग की थी, ताकि एयरलाइन का सभी परिचालन अस्थायी रूप से बंद होने से बचाया जा सके.
जेट ने 400 करोड़ रुपये मांगे, बेड़े में अब मात्र 5 विमान
मुंबई: वित्तीय संकट से जूझ रही जेट एयरवेज ने अस्थायी रूप से कंपनी को बंद करने के लिए कर्जदाताओं से 400 करोड़ रुपये की अंतरिम निधि की मांग की, जबकि कंपनी का वर्तमान परिचालन बेड़ा घटकर पांच विमानों का रह गया है.
नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला के मुताबिक, एयरलाइन ने मंगलवार को केवल पांच विमानों का ही संचालन किया, जबकि एक दिन पहले इसकी संख्या सात थी. वर्तमान नियमों के तहत किसी एयरलाइन को अपने एयर परिचालन परमिट को जारी रखने के लिए कम से कम पांच विमानों का परिचालन करने की जरूरत है.
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उन्होंने कहा कि जेट के एयरपोर्ट के स्लॉट खाली है और उन्हें अन्य एयरलाइनों को अस्थायी आधार पर फिर से आवंटित किया जा रहा है. मंत्रालय द्वारा स्लॉट के मुद्दे के समाधान के लिए एयरपोर्ट ऑपरेटर्स और एयरलाइंस के साथ बैठक की उम्मीद है.
हालांकि, एयरलाइन के लेनदारों ने कहा है कि वे इसके पुनरुद्धार के लिए प्रतिबद्ध हैं. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के प्रबंध निदेश्क और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता ने कहा कि अंतरिम राहत निधि मुहैया कराने के लिए चर्चा चल रही है.
उन्होंने कहा, "कर्जदाता जेट एयरवेज को बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. एसबीआई और एसबीआई कैपिटल एक पैकेज पर काम कर रही है, लेकिन इसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है."
उद्योग की अंदरूनी जानकारी रखनेवाले सूत्रों ने बताया कि जेट एयरवेज ने कर्जदाताओं से 400 करोड़ रुपये के अंतरिम वित्त पोषण प्राप्त की मांग की थी, ताकि एयरलाइन का सभी परिचालन अस्थायी रूप से बंद होने से बचाया जा सके.
Conclusion: