मुंबई: जेट एयरवेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय दुबे और डिप्टी सीईओ अमित अग्रवाल समेत चार वरिष्ठ कार्यकारियों ने इस्तीफा दे दिया है. नकदी संकट से जूझ रही कंपनी ने मंगलवार को तीन कार्यकारियों विनय दुबे, अग्रवाल और कंपनी सचिव कुलदीप शर्मा के इस्तीफे की घोषणा की.
वहीं एक सूत्र ने घोषणा की कि मुख्य लोक अधिकारी (चीफ पीपुल आफिसर) राहुल तनेजा ने भी इस्तीफा दे दिया है. अग्रवाल को छोड़कर अन्य ने मंगलवार को इस्तीफा दिया. अग्रवाल ने सोमवार को इस्तीफा दिया था.
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जेट एयरेवज ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा, "हम यह सूचित करना चाहते हैं कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी विनय दुबे ने व्यक्तिगत कारणों से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है."
दुबे के आने से 15 महीने पहले मुख्य कार्यकारी क्रैमर बॉल ने इस्तीफा दिया था. इस अवधि के दौरान अग्रवाल ने कार्यवाहक सीईओ की भूमिका निभाई थी. इससे पहले दिन में जेट एयरवेज ने शेयर बाजारों को सूचित किया कि अग्रवाल ने व्यक्तिगत कारणों से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
एयरलाइन के दो शीर्ष अधिकारियों ने ऐसे समय इस्तीफा दिया है जबकि एसबीआई की अगुवाई वाला बैंकों का गठजोड़ एयरलाइन के लिए खरीदार ढूंढने का प्रयास कर रहा है. जेट एयरवेज के ऋणदाताओं को कंपनी से 8,000 करोड़ रुपये वसूलने है.
ऋणदाताओं ने कंपनी की 31.2 से 75 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की पेशकश की है. एसबीआई की मर्चेंट बैंकिंग इकाई एसबीआई कैप्स ने 26 बैंकों के गठजोड़ की ओर से 8 से 12 अप्रैल के दौरान रुचि पत्र मांगा था. उसे चार शुरुआती बोलियां मिली हैं. इन 26 बैंकों के पास एयरलाइन की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है.
पहले दौर की बोली के बाद निजी इक्विटी कंपनियों इंडिगो पार्टनर्स और टीपीजी, एतिहाद एयरवेज और सॉवरेन कोष एनआईआईएफ का नाम छांटा गया था. अबू धाबी की एतिहाद एयरवेज ने जेट एयरवेज में बहुलांश हिस्सेदारी के लिए सीलबंद बोली दी है. इस बीच, तनेजा ने पीटीआई भाषा से कहा कि एयरलाइन को छोड़ने का निर्णय काफी कठिन था.