नई दिल्ली: इंडिगो के प्रवर्तकों में बढ़ते विवाद के बीच सरकार ने इस मामले पर गौर करने का फैसला किया है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस बात की जांच करेगा कि क्या कामकाज के संचालन में खामियों के आरोप प्रबंधन के बीच विवाद है या यह कंपनी कानून के उल्लंघन का मामला है.
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के प्रवर्तकों राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया के बीच कामकाज के संचालन में खामियों को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. गंगवाल चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इस मामले में हस्तक्षेप करे.
ये भी पढ़ें- पीएनबी ने गरीब खाताधारकों से बतौर जुर्माना वसूले 278 करोड़ रुपये
गंगवाल ने इस मामले को जुलाई में उठाया था. उसके बाद कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन से इस बारे में जानकारी मांगी थी.
कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा, "मंत्रालय सिर्फ इस बात की जांच करेगा कि क्या इन आरोपों में कुछ दम है. क्या यह प्रबंधन के बीच विवाद का मामला है या कंपनी कानून के उल्लंघन का जिससे कंपनी संचालन प्रभावित हो रहा है."
श्रीनिवास ने कहा कि यह जरूरी है कि यदि कोई खामियां हैं तो उन्हें दूर किया जाए. यह कंपनी काफी बड़ी है और दुनिया की बेहतर तरीके से संचालित एयरलाइंस में आती है.
उन्होंने कहा कि इंडिगो के मूल्य का संरक्षण होना चाहिए. यदि कंपनी कानून के उल्लंघन का कोई मामला है तो उनसे इसे ठीक करने को कहा जाएगा. हालांकि अभी हम वहां तक नहीं पहुंचे हैं. मंत्रालय की इस मामले में सीमित भूमिका है.
श्रीनिवास ने कहा कि सवाल यह है कि क्या कंपनी कानून का उल्लंघन हुआ है और कंपनी संचालन से किसी तरह का समझौता किया गया है, जिससे मध्यम से दीर्घावधि में कंपनी और उसके शेयरधारकों को नुकसान हो सकता है.
जुलाई में मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि वे संबंधित पक्ष लेनदेन के अलावा शेयरधारक और अन्य करारों की जांच करेगा.
इंडिगो मामला कंपनी कानून का उल्लंघन या प्रबंधन विवाद, एमसीए करेगा जांच
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के प्रवर्तकों राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया के बीच कामकाज के संचालन में खामियों को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. गंगवाल चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इस मामले में हस्तक्षेप करे.
नई दिल्ली: इंडिगो के प्रवर्तकों में बढ़ते विवाद के बीच सरकार ने इस मामले पर गौर करने का फैसला किया है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस बात की जांच करेगा कि क्या कामकाज के संचालन में खामियों के आरोप प्रबंधन के बीच विवाद है या यह कंपनी कानून के उल्लंघन का मामला है.
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के प्रवर्तकों राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया के बीच कामकाज के संचालन में खामियों को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. गंगवाल चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इस मामले में हस्तक्षेप करे.
ये भी पढ़ें- पीएनबी ने गरीब खाताधारकों से बतौर जुर्माना वसूले 278 करोड़ रुपये
गंगवाल ने इस मामले को जुलाई में उठाया था. उसके बाद कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन से इस बारे में जानकारी मांगी थी.
कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा, "मंत्रालय सिर्फ इस बात की जांच करेगा कि क्या इन आरोपों में कुछ दम है. क्या यह प्रबंधन के बीच विवाद का मामला है या कंपनी कानून के उल्लंघन का जिससे कंपनी संचालन प्रभावित हो रहा है."
श्रीनिवास ने कहा कि यह जरूरी है कि यदि कोई खामियां हैं तो उन्हें दूर किया जाए. यह कंपनी काफी बड़ी है और दुनिया की बेहतर तरीके से संचालित एयरलाइंस में आती है.
उन्होंने कहा कि इंडिगो के मूल्य का संरक्षण होना चाहिए. यदि कंपनी कानून के उल्लंघन का कोई मामला है तो उनसे इसे ठीक करने को कहा जाएगा. हालांकि अभी हम वहां तक नहीं पहुंचे हैं. मंत्रालय की इस मामले में सीमित भूमिका है.
श्रीनिवास ने कहा कि सवाल यह है कि क्या कंपनी कानून का उल्लंघन हुआ है और कंपनी संचालन से किसी तरह का समझौता किया गया है, जिससे मध्यम से दीर्घावधि में कंपनी और उसके शेयरधारकों को नुकसान हो सकता है.
जुलाई में मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि वे संबंधित पक्ष लेनदेन के अलावा शेयरधारक और अन्य करारों की जांच करेगा.
इंडिगो मामला कंपनी कानून का उल्लंघन या प्रबंधन विवाद, एमसीए करेगा जांच
नई दिल्ली: इंडिगो के प्रवर्तकों में बढ़ते विवाद के बीच सरकार ने इस मामले पर गौर करने का फैसला किया है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह इस बात की जांच करेगा कि क्या कामकाज के संचालन में खामियों के आरोप प्रबंधन के बीच विवाद है या यह कंपनी कानून के उल्लंघन का मामला है.
देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के प्रवर्तकों राकेश गंगवाल और राहुल भाटिया के बीच कामकाज के संचालन में खामियों को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. गंगवाल चाहते हैं कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) इस मामले में हस्तक्षेप करे.
ये भी पढ़ें-
गंगवाल ने इस मामले को जुलाई में उठाया था. उसके बाद कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने इस बारे में इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन से इस बारे में जानकारी मांगी थी.
कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा, "मंत्रालय सिर्फ इस बात की जांच करेगा कि क्या इन आरोपों में कुछ दम है. क्या यह प्रबंधन के बीच विवाद का मामला है या कंपनी कानून के उल्लंघन का जिससे कंपनी संचालन प्रभावित हो रहा है."
श्रीनिवास ने कहा कि यह जरूरी है कि यदि कोई खामियां हैं तो उन्हें दूर किया जाए. यह कंपनी काफी बड़ी है और दुनिया की बेहतर तरीके से संचालित एयरलाइंस में आती है.
उन्होंने कहा कि इंडिगो के मूल्य का संरक्षण होना चाहिए. यदि कंपनी कानून के उल्लंघन का कोई मामला है तो उनसे इसे ठीक करने को कहा जाएगा. हालांकि अभी हम वहां तक नहीं पहुंचे हैं. मंत्रालय की इस मामले में सीमित भूमिका है.
श्रीनिवास ने कहा कि सवाल यह है कि क्या कंपनी कानून का उल्लंघन हुआ है और कंपनी संचालन से किसी तरह का समझौता किया गया है, जिससे मध्यम से दीर्घावधि में कंपनी और उसके शेयरधारकों को नुकसान हो सकता है.
जुलाई में मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा था कि वे संबंधित पक्ष लेनदेन के अलावा शेयरधारक और अन्य करारों की जांच करेगा.
Conclusion: