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एचडीआईएल के घर खरीदारों ने प्रधानमंत्री से की दखल की मांग - एचडीआईएल

450 से अधिक परिवारों ने एचडीआईएल को करीब 350 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन परियोजना पिछले नौ साल से अटकी हुई है.

एचडीआईएल के घर खरीदारों ने प्रधानमंत्री से की दखल की मांग
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Published : Oct 4, 2019, 11:43 PM IST

मुंबई: घोटाले में फंसी रियल्टी कंपनी एचडीआईएल के घर खरीदारों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में दखल देने की अपील की है. व्हिस्परिंग टावर्स फ्लैट ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को एक सितंबर को लिखे एक पत्र में कहा कि वह मामले में दखल दें.

उन्होंने कहा कि 450 से अधिक परिवारों ने एचडीआईएल को करीब 350 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन परियोजना पिछले नौ साल से अटकी हुई है.

एसोसिएशन ने कहा, "परियोजना 2010 में पेश की गयी और तभी से बुकिंग लिये जाने लगे. लेकिन पिछले नौ साल में 46 मंजिले टावर का सिर्फ 18 मंजिल तैयार हुआ. दूसरे चरण का काम शुरू ही नहीं हुआ."

ये भी पढ़ें: पीएमसी बैंक मामला: पूर्व एमडी जॉय थामस गिरफ्तार

एसोसिएशन के एक सदस्य श्याम चिट्टारी ने ट्विटर पर यह पत्र डाला है. एसोसिएशन ने नाहुर के मैजेस्टिक टावर और पालघर के पैराडाइज सिटी जैसी कुछ अन्य परियोजनाओं के भी अटकने की आशंका व्यक्त की.

मुंबई: घोटाले में फंसी रियल्टी कंपनी एचडीआईएल के घर खरीदारों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में दखल देने की अपील की है. व्हिस्परिंग टावर्स फ्लैट ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को एक सितंबर को लिखे एक पत्र में कहा कि वह मामले में दखल दें.

उन्होंने कहा कि 450 से अधिक परिवारों ने एचडीआईएल को करीब 350 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन परियोजना पिछले नौ साल से अटकी हुई है.

एसोसिएशन ने कहा, "परियोजना 2010 में पेश की गयी और तभी से बुकिंग लिये जाने लगे. लेकिन पिछले नौ साल में 46 मंजिले टावर का सिर्फ 18 मंजिल तैयार हुआ. दूसरे चरण का काम शुरू ही नहीं हुआ."

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एसोसिएशन के एक सदस्य श्याम चिट्टारी ने ट्विटर पर यह पत्र डाला है. एसोसिएशन ने नाहुर के मैजेस्टिक टावर और पालघर के पैराडाइज सिटी जैसी कुछ अन्य परियोजनाओं के भी अटकने की आशंका व्यक्त की.

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मुंबई: घोटाले में फंसी रियल्टी कंपनी एचडीआईएल के घर खरीदारों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में दखल देने की अपील की है. व्हिस्परिंग टावर्स फ्लैट ऑनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को एक सितंबर को लिखे एक पत्र में कहा कि वह मामले में दखल दें.

उन्होंने कहा कि 450 से अधिक परिवारों ने एचडीआईएल को करीब 350 करोड़ रुपये का भुगतान किया, लेकिन परियोजना पिछले नौ साल से अटकी हुई है.

एसोसिएशन ने कहा, "परियोजना 2010 में पेश की गयी और तभी से बुकिंग लिये जाने लगे. लेकिन पिछले नौ साल में 46 मंजिले टावर का सिर्फ 18 मंजिल तैयार हुआ. दूसरे चरण का काम शुरू ही नहीं हुआ."

एसोसिएशन के एक सदस्य श्याम चिट्टारी ने ट्विटर पर यह पत्र डाला है. एसोसिएशन ने नाहुर के मैजेस्टिक टावर और पालघर के पैराडाइज सिटी जैसी कुछ अन्य परियोजनाओं के भी अटकने की आशंका व्यक्त की.

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