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फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर्स शिविंदर और मालविंदर सिंह गिरफ्तार, जानिए क्या है मामला - RFL

पुलिस ने बताया कि मालविंदर के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था. जिसके बाद गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात उन्हें लुधियाना से हिरासत में लिया गया.

फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर शिविंदर के उनके भाई मालविंदर सिंह भी गिरफ्तार, जानिए क्या है मामला
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Published : Oct 11, 2019, 12:49 PM IST

Updated : Oct 11, 2019, 2:48 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह को रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) में धन की कथित तौर पर हेराफेरी कर 2,397 करोड़ रुपये का गबन करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार का लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

आरएफएल, आरईएल की सहायक कंपनी है. शिविंदर और उनके बड़े भाई मालविंदर पहले आरईएल के प्रमोटर थे. पुलिस ने कहा था कि मालविंदर के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था क्योंकि वह फरार था. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ईओडब्ल्यू) ओ पी मिश्रा ने बताया कि गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात उन्हें लुधियाना से हिरासत में लिया गया.

ये भी पढ़ें- रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह गिरफ्तार, रेलीगेयर की शिकायत पर दिल्‍ली पुलिस की कार्रवाई

इनकी हुई है गिरफ्तारी

  • आरईएल के प्रमोटर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह
  • फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह
  • आरईएल के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुनील गोधवानी
  • कवि अरोड़ा
  • अनिल सक्सेना


एक कंपनी का पैसा दूसरी कंपनियों में लगाने का लगा है आरोप
आर्थिक अपराध शाखा का एक दल उन्हें यहां लाया और उसके बाद शुक्रवार सुबह उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया. ईओडब्ल्यू ने मार्च में शिविंदर, गोधवानी और अन्य के खिलाफ आरएफएल के मनप्रीत सिंह सूरी से शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी का प्रबंधन करते समय उन्होंने कर्ज लिया था लेकिन पैसा दूसरी कंपनियों में लगा दिया.

इस वजह से हुई गिरफ्तारी
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा कि चारों का आरईएल और उसकी सहायक कंपनियों पर पूर्ण नियंत्रण था. मिश्रा ने कहा, "उन्होंने अपने नियंत्रण वाली कंपनियों को कर्ज देकर आरएफएल को खराब वित्तीय स्थिति में डाल दिया. जिन कंपनियों को ऋण दिया गया था, उन्होंने जान-बूझकर उसका भुगतान नहीं किया. इससे आरएफएल को 2,397 करोड़ रुपये का घाटा हुआ." उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा धन की कथित रूप से हेराफेरी कर उसे अन्य कंपनियों में निवेश करने के आरोप गिरफ्तार किया है.

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह को रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) में धन की कथित तौर पर हेराफेरी कर 2,397 करोड़ रुपये का गबन करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार का लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

आरएफएल, आरईएल की सहायक कंपनी है. शिविंदर और उनके बड़े भाई मालविंदर पहले आरईएल के प्रमोटर थे. पुलिस ने कहा था कि मालविंदर के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था क्योंकि वह फरार था. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ईओडब्ल्यू) ओ पी मिश्रा ने बताया कि गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात उन्हें लुधियाना से हिरासत में लिया गया.

ये भी पढ़ें- रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर शिविंदर सिंह गिरफ्तार, रेलीगेयर की शिकायत पर दिल्‍ली पुलिस की कार्रवाई

इनकी हुई है गिरफ्तारी

  • आरईएल के प्रमोटर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह
  • फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह
  • आरईएल के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुनील गोधवानी
  • कवि अरोड़ा
  • अनिल सक्सेना


एक कंपनी का पैसा दूसरी कंपनियों में लगाने का लगा है आरोप
आर्थिक अपराध शाखा का एक दल उन्हें यहां लाया और उसके बाद शुक्रवार सुबह उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया. ईओडब्ल्यू ने मार्च में शिविंदर, गोधवानी और अन्य के खिलाफ आरएफएल के मनप्रीत सिंह सूरी से शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी का प्रबंधन करते समय उन्होंने कर्ज लिया था लेकिन पैसा दूसरी कंपनियों में लगा दिया.

इस वजह से हुई गिरफ्तारी
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा कि चारों का आरईएल और उसकी सहायक कंपनियों पर पूर्ण नियंत्रण था. मिश्रा ने कहा, "उन्होंने अपने नियंत्रण वाली कंपनियों को कर्ज देकर आरएफएल को खराब वित्तीय स्थिति में डाल दिया. जिन कंपनियों को ऋण दिया गया था, उन्होंने जान-बूझकर उसका भुगतान नहीं किया. इससे आरएफएल को 2,397 करोड़ रुपये का घाटा हुआ." उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा धन की कथित रूप से हेराफेरी कर उसे अन्य कंपनियों में निवेश करने के आरोप गिरफ्तार किया है.

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फोर्टिस के पूर्व प्रमोटर शिविंदर के उनके भाई मालविंदर सिंह भी गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह को रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) में धन की कथित तौर पर हेराफेरी कर 2,397 करोड़ रुपये का गबन करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार का लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. 

आरएफएल, आरईएल की सहायक कंपनी है. शिविंदर और उनके बड़े भाई मालविंदर पहले आरईएल के प्रमोटर थे. पुलिस ने कहा था कि मालविंदर के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था क्योंकि वह फरार था. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ईओडब्ल्यू) ओ पी मिश्रा ने बताया कि गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात उन्हें लुधियाना से हिरासत में लिया गया. 



इनकी हुई है गिरफ्तारी

1. आरईएल के प्रमोटर के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह

2. फोर्टिस हेल्थकेयर के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह 

3. आरईएल के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुनील गोधवानी 

4. कवि अरोड़ा

5. अनिल सक्सेना 

एक कंपनी का पैसा दूसरी कंपनियों में लगाने का लगा है आरोप 

आर्थिक अपराध शाखा का एक दल उन्हें यहां लाया और उसके बाद शुक्रवार सुबह उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया. ईओडब्ल्यू ने मार्च में शिविंदर, गोधवानी और अन्य के खिलाफ आरएफएल के मनप्रीत सिंह सूरी से शिकायत मिलने के बाद प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी का प्रबंधन करते समय उन्होंने कर्ज लिया था लेकिन पैसा दूसरी कंपनियों में लगा दिया.

इस वजह से हुई गिरफ्तारी

पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता ने कहा कि चारों का आरईएल और उसकी सहायक कंपनियों पर पूर्ण नियंत्रण था. मिश्रा ने कहा, "उन्होंने अपने नियंत्रण वाली कंपनियों को कर्ज देकर आरएफएल को खराब वित्तीय स्थिति में डाल दिया. जिन कंपनियों को ऋण दिया गया था, उन्होंने जान-बूझकर उसका भुगतान नहीं किया. इससे आरएफएल को 2,397 करोड़ रुपये का घाटा हुआ." उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा धन की कथित रूप से हेराफेरी कर उसे अन्य कंपनियों में निवेश करने के आरोप गिरफ्तार किया है.


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Last Updated : Oct 11, 2019, 2:48 PM IST
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