नई दिल्ली: खाड़ी देश की प्रमुख एयरलाइन एतिहाद ने सोमवार को कहा कि देनदारी से जुड़े मुद्दों के अब तक नहीं सुलझ पाने के कारण उसने जेट एयरवेज में फिर से निवेश नहीं करने का फैसला किया है. बंद हो चुकी जेट एयरवेज में एतिहाद की 24 प्रतिशत की हिस्सेदारी है.
जेट एयरवेज फिलहाल दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता के तहत दिवाला प्रक्रिया का सामना कर रही है. कंपनी की उड़ान सेवाएं 17 अप्रैल से पूरी तरह निलंबित हैं. कम-से-कम तीन कंपनियों ने जेट एयरवेज के लिए शुरुआती बोली लगायी है.
एतिहाद ने बयान जारी कर कहा कि एयरलाइन से जुड़ी देनदारियों के मुद्दों के अब तक नहीं सुलझ पाने के कारण उसने जेट एयरवेज में फिर से निवेश को अभिरुचि पत्र प्रस्तुत नहीं किया है.
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अभिरुचि पत्र प्रस्तुत करने की आखिरी तारीख 10 अगस्त थी. एतिहाद ने कहा है कि जेट एयरवेज में इस समय निवेश व्यावसायिक दृष्टि से व्यावसायिक नहीं था.