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चंदामामा पत्रिका के प्रकाशक स्विस बैंकों में अवैध पैसा रखने के मामले में फंसे

दशकों पुरानी बच्चों की बालपत्रिका चंदामामा के नये मालिकों पर वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे हैं. मुंबई की जियोडेसिक लिमिटेड ने इस प्रतिष्ठित पत्रिका को 2007 में खरीद लिया था.

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Published : Mar 11, 2019, 5:21 PM IST

नई दिल्ली : दशकों पुरानी बालपत्रिका चंदामामा के नये मालिक स्विस बैंकों में अवैध पैसा रखने के मामले में फंस गये हैं. मुंबई की जियोडेसिक लिमिटेड ने इस प्रतिष्ठित पत्रिका को 2007 में खरीद लिया था. कंपनी के तीन निदेशकों के खिलाफ धन के हेर-फेर और अन्य वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जांच चल रही है. स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों में इन तीनों के खातों के संबंध में प्रशासनिक सहयोग देने की सहमति व्यक्त की है.

आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, स्विट्जरलैंड के संघीय कर विभाग ने पांच मार्च को जियोडेसिक लिमिटेड और इसके तीन निदेशकों प्रशांत शरद मुलेकर, पंकजकुमार ओंकार श्रीवास्ताव और किरण कुलकर्णी के बैंक खातों के संबंध में प्रशासनिक सहयोग देने का निर्णय किया है. स्विट्जरलैंड के कानून के अनुसार कर विभाग के निर्णय के खिलाफ 30 दिन के भीतर अपील की जा सकती है.

इससे पहले विभाग ने कंपनी और तीनों निदेशकों के मामले में 30 अक्टूबर 2018 को भी सहयोग का निर्णय लिया था. उक्त निर्णय को चुनौती दिये जाने के बाद विभाग ने फिर से सहयोग का निर्णय लिया है. इससे संकेत मिलता है कि पहले की गयी अपील टिकने योग्य प्रमाणों पर आधारित नहीं थी.

स्विट्जरलैंड के कर विभाग ने इसी तरह के एक अन्य मामले में चेन्नई की कंपनी आदि एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को लेकर भी सहयोग करने का निर्णय पांच मार्च को लिया है. जियोडेसिक विभिन्न नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर पहले भी सेबी की कार्रवाई का सामना कर चुकी है.
(भाषा)
पढ़ें : सरकार ला रही है 20 रुपये का नया सिक्का, दृष्टिहिनों के लिए होगी मददगार

नई दिल्ली : दशकों पुरानी बालपत्रिका चंदामामा के नये मालिक स्विस बैंकों में अवैध पैसा रखने के मामले में फंस गये हैं. मुंबई की जियोडेसिक लिमिटेड ने इस प्रतिष्ठित पत्रिका को 2007 में खरीद लिया था. कंपनी के तीन निदेशकों के खिलाफ धन के हेर-फेर और अन्य वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जांच चल रही है. स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों में इन तीनों के खातों के संबंध में प्रशासनिक सहयोग देने की सहमति व्यक्त की है.

आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, स्विट्जरलैंड के संघीय कर विभाग ने पांच मार्च को जियोडेसिक लिमिटेड और इसके तीन निदेशकों प्रशांत शरद मुलेकर, पंकजकुमार ओंकार श्रीवास्ताव और किरण कुलकर्णी के बैंक खातों के संबंध में प्रशासनिक सहयोग देने का निर्णय किया है. स्विट्जरलैंड के कानून के अनुसार कर विभाग के निर्णय के खिलाफ 30 दिन के भीतर अपील की जा सकती है.

इससे पहले विभाग ने कंपनी और तीनों निदेशकों के मामले में 30 अक्टूबर 2018 को भी सहयोग का निर्णय लिया था. उक्त निर्णय को चुनौती दिये जाने के बाद विभाग ने फिर से सहयोग का निर्णय लिया है. इससे संकेत मिलता है कि पहले की गयी अपील टिकने योग्य प्रमाणों पर आधारित नहीं थी.

स्विट्जरलैंड के कर विभाग ने इसी तरह के एक अन्य मामले में चेन्नई की कंपनी आदि एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को लेकर भी सहयोग करने का निर्णय पांच मार्च को लिया है. जियोडेसिक विभिन्न नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर पहले भी सेबी की कार्रवाई का सामना कर चुकी है.
(भाषा)
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नई दिल्ली : दशकों पुरानी बालपत्रिका चंदामामा के नये मालिक स्विस बैंकों में अवैध पैसा रखने के मामले में फंस गये हैं. मुंबई की जियोडेसिक लिमिटेड ने इस प्रतिष्ठित पत्रिका को 2007 में खरीद लिया था. कंपनी के तीन निदेशकों के खिलाफ धन के हेर-फेर और अन्य वित्तीय अनियमितताओं को लेकर जांच चल रही है. स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों में इन तीनों के खातों के संबंध में प्रशासनिक सहयोग देने की सहमति व्यक्त की है.

आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, स्विट्जरलैंड के संघीय कर विभाग ने पांच मार्च को जियोडेसिक लिमिटेड और इसके तीन निदेशकों प्रशांत शरद मुलेकर, पंकजकुमार ओंकार श्रीवास्ताव और किरण कुलकर्णी के बैंक खातों के संबंध में प्रशासनिक सहयोग देने का निर्णय किया है. स्विट्जरलैंड के कानून के अनुसार कर विभाग के निर्णय के खिलाफ 30 दिन के भीतर अपील की जा सकती है.

इससे पहले विभाग ने कंपनी और तीनों निदेशकों के मामले में 30 अक्टूबर 2018 को भी सहयोग का निर्णय लिया था. उक्त निर्णय को चुनौती दिये जाने के बाद विभाग ने फिर से सहयोग का निर्णय लिया है. इससे संकेत मिलता है कि पहले की गयी अपील टिकने योग्य प्रमाणों पर आधारित नहीं थी.

स्विट्जरलैंड के कर विभाग ने इसी तरह के एक अन्य मामले में चेन्नई की कंपनी आदि एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को लेकर भी सहयोग करने का निर्णय पांच मार्च को लिया है. जियोडेसिक विभिन्न नियमों का अनुपालन नहीं करने को लेकर पहले भी सेबी की कार्रवाई का सामना कर चुकी है.

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