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टाटा समूह में कोई संरचनात्मक बदलाव नहीं होने जा रहा है: एन चंद्रशेखरन

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने बुधवार को कहा कि 106 अरब डॉलर के समूह की होल्डिंग कंपनी के नेतृत्व में कोई संरचनात्मक बदलाव नहीं होने जा रहा है.

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Published : Sep 15, 2021, 10:40 PM IST

नई दिल्ली : टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा ने भी कहा है कि वह समूह की नेतृत्व संरचना में बड़े बदलाव की अटकलों से काफी निराश हैं. टाटा ट्रस्ट्स की टाटा संस में नियंत्रक हिस्सेदारी है. इसके अलावा चेयरमैन चंद्रशेखरन ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, 'मैं यह बताना चाहूंगा कि नेतृत्व में कोई संरचनात्मक बदलाव नहीं हो रहा है.'

यह बयान ब्लूमबर्ग की एक खबर के संबंध में आया है जिसमें कहा गया था कि टाटा संस 'कामकाज के संचालन को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का पद गठित कर अपनी नेतृत्व संरचना में ऐतिहासिक बदलाव' पर विचार कर रही है.

इसमें कहा गया कि सीईओ का पद चेयरमैन के वर्तमान पद से नीचे होगा और सीईओ '153 साल पुराने टाटा साम्राज्य के विशाल कारोबार का मार्गदर्शन करेगा.'

पढ़ें :- एअर इंडिया अधिग्रहण : टाटा संस ने लगाई बोली

चंद्रशेखरन ने कहा कि इस तरह का कोई भी फैसला बोर्ड की नामांकन और पारिश्रमिक समिति द्वारा लिया जाता है. उन्होंने कहा, 'ऐसा कोई भी फैसला, अगर जरूरी हो, नामांकन और पारिश्रमिक समिति द्वारा लिया जाता है. हम ऐसी खबरों से बेहद निराश हैं जिनसे नियमित कामकाज में व्यवधान पैदा होता है.'

एक अलग बयान में, रतन टाटा ने कहा, 'इस तरह की अटकलों से केवल उस टीम के बीच व्यवधान पैदा होता है जो बाजार मूल्य में प्रभावशाली वृद्धि के साथ सुचारू रूप से काम कर रही है.'

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन टाटा ने भी कहा है कि वह समूह की नेतृत्व संरचना में बड़े बदलाव की अटकलों से काफी निराश हैं. टाटा ट्रस्ट्स की टाटा संस में नियंत्रक हिस्सेदारी है. इसके अलावा चेयरमैन चंद्रशेखरन ने एक संक्षिप्त बयान में कहा, 'मैं यह बताना चाहूंगा कि नेतृत्व में कोई संरचनात्मक बदलाव नहीं हो रहा है.'

यह बयान ब्लूमबर्ग की एक खबर के संबंध में आया है जिसमें कहा गया था कि टाटा संस 'कामकाज के संचालन को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए एक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) का पद गठित कर अपनी नेतृत्व संरचना में ऐतिहासिक बदलाव' पर विचार कर रही है.

इसमें कहा गया कि सीईओ का पद चेयरमैन के वर्तमान पद से नीचे होगा और सीईओ '153 साल पुराने टाटा साम्राज्य के विशाल कारोबार का मार्गदर्शन करेगा.'

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चंद्रशेखरन ने कहा कि इस तरह का कोई भी फैसला बोर्ड की नामांकन और पारिश्रमिक समिति द्वारा लिया जाता है. उन्होंने कहा, 'ऐसा कोई भी फैसला, अगर जरूरी हो, नामांकन और पारिश्रमिक समिति द्वारा लिया जाता है. हम ऐसी खबरों से बेहद निराश हैं जिनसे नियमित कामकाज में व्यवधान पैदा होता है.'

एक अलग बयान में, रतन टाटा ने कहा, 'इस तरह की अटकलों से केवल उस टीम के बीच व्यवधान पैदा होता है जो बाजार मूल्य में प्रभावशाली वृद्धि के साथ सुचारू रूप से काम कर रही है.'

(पीटीआई-भाषा)

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