नई दिल्ली : अरामको के चीफ एग्जिक्यूटिव अमीन अल नासीर ने बुधवार को यहां सऊदी-भारत संगोष्ठी के इतर संवाददाताओं से कहा, "हम महाराष्ट्र में प्रस्तावित ज्वाइंट रिफाइनरी प्रोजेक्ट की प्रगति को लेकर आशान्वित हैं. हम पता चला है कि बातचीत काफी प्रगति पर है."
सऊदी जनरल इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से इस संगोष्ठी का आयोजन ऐसे मौके पर किया जब सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भारत दौरे पर आए हुए हैं.
अरामको भारत को रोजाना आठ लाख बैरल कच्चे तेल की आपूर्ति करती है.
इसी सप्ताह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने घोषणा की कि प्रस्तावित रिफाइनरी के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों द्वारा विरोध किए जाने पर प्रदेश सरकार को इसे रत्नागिरी जिले के नानर गांव से स्थानांतरित करना पड़ा.
फड़णवीस ने हालांकि रिफाइनरी के नए स्थान का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उन्होंने इस बात का जिक्र जरूर किया है कि अब इसका निर्माण उस जगह पर किया जाएगा जहां स्थानीय आबादी विरोध नहीं करेगी.
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रत्नागिरी रिफाइनरी और पेट्राकेमिकल्स लिमिटेड (आरआरपीसएल) ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के भारतीय समूह की एक संयुक्त उपक्रम है जिसका विदेशी रणनीतिक साझेदार के रूप में अरामको और अबू धावी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) हैं.
(आईएएनएस)
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