नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि किसी नए विनिवेश के शुरू होने से पहले एयर इंडिया को वित्तीय रूप से आकर्षक बनाने के लिए इसमें सख्त शर्तो के साथ ज्यादा निवेश करने की योजना बनाई गई है.
योजना के अनुसार, एयर इंडिया को बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए और विमानों को शामिल करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि खोज सह चयन समिति कंपनी के लिए सर्वोत्तम प्रबंधन प्रतिभा की तलाश करेगी.
एयरलाइन समूह का करीब 55,000 करोड़ रुपये समेकित कर्ज स्तर है और इसे मूलभूत संपत्ति को छोड़ अन्य संपत्ति बेचने की आवश्यकता होगी. साथ ही, इसे 2,000 करोड़ रुपये लागत की बचत योजना का अनुपालन करना होगा.
मंत्री के अनुसार, वित्तीय चुनौती से जूझ रही एयरलाइन अगले दो महीनों के भीतर ड्राइ-लीज पर तीन विमान शामिल करेगी.
मंत्री ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "एयर इंडिया ने ड्राइ लीज के आधार पर 27 ए-320 नियो का ऑर्डर दिया है. 27 में से 24 विमान पहले ही शामिल कर लिए गए हैं और बाकी तीन अगले दो महीने में शामिल किए जाएंगे."
कंपनी को पिछले साल विनिवेश के लिए कोई आवेदक नहीं मिला.
प्रभु ने कहा, "सरकार ने एयर इंडिया को 'फिर से खड़ा करने की योजना' बनाई है, जिसमें व्यापक वित्तीय पैकेज, नॉन-कोर कर्ज व संपत्ति एसपीवी (स्पेशल पर्पज व्हिकल) को हस्तांतरित करना शामिल है."
उन्होंने कहा, "हमने खोज सह चयन समिति की प्रक्रिया के जरिए प्रख्यात व्यक्तियों को एयर इंडिया के बोर्ड में शामिल करने का भी प्रस्ताव दिया है."
पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एयर इंडिया के संचित कार्यशील पूंजी कर्ज के हस्तांतरण के लिए एसपीवी-एयर इंडिया एसेट्स होल्डिंग लिमिटेड बनाने की मंजूरी प्रदान की.
मंत्रिमंडल ने एयर इंडिया और इसके अनुषंगी या संयुक्त उपक्रमों के विनिवेश के लिए संबंधित कार्यकलापों को भी मंजूरी प्रदान की.
29,000 करोड़ रुपये के कर्ज के साथ इसकी चार अनुषंगी कंपनियां एसपीवी को हस्तांतरित की जाएंगी. नॉन-कोर संपत्ति जैसे पेंटिंग्स व कलाकृतियां और अन्य गैर-परिचालन की संपत्तियां भी एसपीवी को हस्तांतरित की जाएंगी.
(आईएएनएस)
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