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मुंबई हवाईअड्डे में जीवीके की हिस्सेदारी खरीदेगा अडाणी समूह, कुल हिस्सा 74 प्रतिशत पर पहुंचेगा

अडाणी समूह मुंबई हवाईअड्डे में 74 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा. इस संदर्भ में समूह ने कहा कि मुंबई हवाईअड्डे में हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए उसका करार हो गया है.

मुंबई हवाईअड्डे में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा अडाणी समूह
मुंबई हवाईअड्डे में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगा अडाणी समूह
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Published : Aug 31, 2020, 10:53 AM IST

Updated : Aug 31, 2020, 12:58 PM IST

नई दिल्ली: अडाणी समूह मुंबई हवाईअड्डे में जीवीके समूह की हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा. अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह ने सोमवार को कहा कि इस अधिग्रहण के बाद मुंबई हवाईअड्डे में उसकी कुल हिस्सेदारी बढ़कर 74 प्रतिशत हो जाएगी. इसके साथ ही समूह देश का का सबसे बड़ा निजी हवाईअड्डा परिचालक हो जाएगा.

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा गया है कि अडाणी समूह की प्रमुख होल्डिंग कंपनी अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लि. (एएएचएल) ने मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लि. (मायल) में जीवीके एयरपोर्ट डेवलपर्स लि. (एडीएल) के ऋण के अधिग्रहण के लिए करार किया है. इस ऋण को इक्विटी में बदला जाएगा.

  • Mumbai, the City of Dreams! It is a privilege to have an opportunity to serve the air travelers of one of the greatest Metropolis on our planet. #GatewaytoGoodness - Look forward to helping transform the Indian Airport Sector!

    — Gautam Adani (@gautam_adani) August 31, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें- कोरोना संकट: आज आएंगे जीडीपी के आंकड़े, -10 से -25 फीसदी रह सकती है विकास दर

इससे अडाणी समूह के पास मायल में जीवीके समूह की पूरी 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी आ जाएगी. इसके अलावा अडाणी समूह मायल में अल्पांश शेयरधारकों एयरपोर्ट्स कंपनी ऑफ साउथ अफ्रीका (एसीएसए) तथा बिडवेस्ट की 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण भी करेगा.

अडाणी समूह ने कहा कि वह मायल में एसीएसए तथा बिडवेस्ट की 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए भी कदम उठाएगा. इसके लिए उसे भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी मिल चुकी है.

समूह ने कहा, "जीवीके एडीएल के अधिग्रहण के बाद वह आवश्यक परंपरागत और नियामकीय मंजूरियां हासिल करने के लिए कदम उठाएगा, जिससे मायल में वह नियंत्रक हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर सके."

जीवीके ने शेयर बाजारों को अलग से भेजी सूचना में कहा है कि उसने अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लि. के साथ सहयोग की सहमति दी है. इसके तहत अडाणी समूह की कंपनी गोल्डमैन सैश की अगुवाई वाले गठजोड़ तथा एचडीएफसी सहित विभिन्न ऋणदाताओं से ऋण का अधिग्रहण करेगी. इस ऋण को परस्पर सहमति वाली शर्तों के तहत इक्विटी में बदला जाएगा.

दोनों कंपनियों ने इस सौदे के वित्तीय पक्ष का खुलासा नहीं किया है. अडाणी समूह ने कहा कि वह मायल में निवेश करेगा और साथ ही नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिए वित्त का प्रबंध करने में भी मदद करेगा जिससे इसका निर्माण शुरू हो सके. मायल की हवाईअड्डे में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

जीवीके के संस्थापक एवं चेयरमैन जीवीके रेड्डी ने कहा, "कोविड-19 महामारी से विमानन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इस महामारी से यह क्षेत्र कई साल पीछे चला गया है. इससे मायल की वित्तीय स्थिति भी प्रभावित हुई है."

रेड्डी ने कहा, "इन परिस्थतियों में मायल की वित्तीय स्थिति में सुधार तथा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिए वित्त का प्रबंध करने को जल्द से जल्द वित्तीय रूप से मजबूत निवेशक लाने की जरूरत थी. यह परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है."

अडाणी समूह ने मार्च, 2019 में साउथ अफ्रीकन कंपनी, बिडवेस्ट की 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का 1,248 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने की सहमति दी थी. लेकिन जीवीके समूह ने पहले इनकार के अधिकार का हवाला देते हुए इस सौदे को रोक दिया था. हालांकि, जीवीके बिड सर्विसेज डिविजन मॉरीशस (बिडवेस्ट) की हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए और पैसा नहीं ला पाई और यह मामला अदालत में चला गया.

वित्तीय दिक्कतों की वजह से जीवीके समूह अब अपनी हिस्सेदारी अडाणी समूह को बेचने के लिए सहमत हुआ है.

उसका मुंबई हवाईअड्डे में जीवीके समूह की हिस्सेदारी खरीदने और नियंत्रण हासिल करने का करार हो गया है. बंदरगाहों के बाद अब अडाणी समूह हवाईअड्डा क्षेत्र पर बड़ा दांव लगा रहा है. उसे विमानपत्तन प्राधिकरण-निर्मित छह गैर-महानगर हवाईअड्डों...लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, अहमदबाद, तिरुवनंतपुरम और मेंगलूर के परिचालन का अधिकार मिल चुका है. अब समूह देश के दूसरे सबसे व्यस्त हवाईअड्डे के परिचालन का अधिकार हासिल करने जा रहा है.

एसीएसए के पास मायल की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है. शेष 26 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के पास है.

पिछले साल अक्टूबर में कर्ज के बोझ से दबे जीवीके समूह ने जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग्स में अपनी 79 प्रतिशत हिस्सेदारी अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) तथा कनाडा की पब्लिक सेक्टर पेंशन (पीएसपी) इन्वेस्टमेंट्स और सार्वजनिक क्षेत्र के राष्ट्रीय निवेश एवं संरचना कोष (एनआईआईएफ) को 7,614 करोड़ रुपये में बेचने के लिए करार किया था. इस राशि का इस्तेमाल जीवीके समूह को अपनी होल्डिंग कंपनियों का कर्ज चुकाने के लिए करना था.

जीवीके ने कहा कि उसने एडीआईए, एनआईआईएफ तथा पीएसपी को सूचित कर दिया है कि इस सौदे से संबंधित दस्तावेज को रद्द किया जाता है. अब यह प्रभावी और क्रियान्वयन योग्य नहीं रह गया है.

चढ़े अडाणी समूह के शेयर

इस बीच, अडाणी समूह द्वारा मुंबई हवाईअड्डे में जीवीके की हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की घोषणा से समूह की कंपनियों के शेयरों में सोमवार को कारोबार के दौरान 7.6 प्रतिशत का उछाल आया. बीएसई में अडाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर 7.65 प्रतिशत चढ़ गया, वहीं अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (एपीसेज) का शेयर 5.24 प्रतिशत के लाभ में था. अडाणी पावर का शेयर भी 4.97 प्रतिशत की बढ़त में कारोबार कर रहा था. समूह की अन्य कंपनियों के शेयर भी लाभ में चल रहे थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

नई दिल्ली: अडाणी समूह मुंबई हवाईअड्डे में जीवीके समूह की हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा. अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह ने सोमवार को कहा कि इस अधिग्रहण के बाद मुंबई हवाईअड्डे में उसकी कुल हिस्सेदारी बढ़कर 74 प्रतिशत हो जाएगी. इसके साथ ही समूह देश का का सबसे बड़ा निजी हवाईअड्डा परिचालक हो जाएगा.

शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा गया है कि अडाणी समूह की प्रमुख होल्डिंग कंपनी अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लि. (एएएचएल) ने मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा लि. (मायल) में जीवीके एयरपोर्ट डेवलपर्स लि. (एडीएल) के ऋण के अधिग्रहण के लिए करार किया है. इस ऋण को इक्विटी में बदला जाएगा.

  • Mumbai, the City of Dreams! It is a privilege to have an opportunity to serve the air travelers of one of the greatest Metropolis on our planet. #GatewaytoGoodness - Look forward to helping transform the Indian Airport Sector!

    — Gautam Adani (@gautam_adani) August 31, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

ये भी पढ़ें- कोरोना संकट: आज आएंगे जीडीपी के आंकड़े, -10 से -25 फीसदी रह सकती है विकास दर

इससे अडाणी समूह के पास मायल में जीवीके समूह की पूरी 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी आ जाएगी. इसके अलावा अडाणी समूह मायल में अल्पांश शेयरधारकों एयरपोर्ट्स कंपनी ऑफ साउथ अफ्रीका (एसीएसए) तथा बिडवेस्ट की 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण भी करेगा.

अडाणी समूह ने कहा कि वह मायल में एसीएसए तथा बिडवेस्ट की 23.5 प्रतिशत हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए भी कदम उठाएगा. इसके लिए उसे भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी मिल चुकी है.

समूह ने कहा, "जीवीके एडीएल के अधिग्रहण के बाद वह आवश्यक परंपरागत और नियामकीय मंजूरियां हासिल करने के लिए कदम उठाएगा, जिससे मायल में वह नियंत्रक हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर सके."

जीवीके ने शेयर बाजारों को अलग से भेजी सूचना में कहा है कि उसने अडाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लि. के साथ सहयोग की सहमति दी है. इसके तहत अडाणी समूह की कंपनी गोल्डमैन सैश की अगुवाई वाले गठजोड़ तथा एचडीएफसी सहित विभिन्न ऋणदाताओं से ऋण का अधिग्रहण करेगी. इस ऋण को परस्पर सहमति वाली शर्तों के तहत इक्विटी में बदला जाएगा.

दोनों कंपनियों ने इस सौदे के वित्तीय पक्ष का खुलासा नहीं किया है. अडाणी समूह ने कहा कि वह मायल में निवेश करेगा और साथ ही नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिए वित्त का प्रबंध करने में भी मदद करेगा जिससे इसका निर्माण शुरू हो सके. मायल की हवाईअड्डे में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

जीवीके के संस्थापक एवं चेयरमैन जीवीके रेड्डी ने कहा, "कोविड-19 महामारी से विमानन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इस महामारी से यह क्षेत्र कई साल पीछे चला गया है. इससे मायल की वित्तीय स्थिति भी प्रभावित हुई है."

रेड्डी ने कहा, "इन परिस्थतियों में मायल की वित्तीय स्थिति में सुधार तथा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के लिए वित्त का प्रबंध करने को जल्द से जल्द वित्तीय रूप से मजबूत निवेशक लाने की जरूरत थी. यह परियोजना राष्ट्रीय महत्व की है."

अडाणी समूह ने मार्च, 2019 में साउथ अफ्रीकन कंपनी, बिडवेस्ट की 13.5 प्रतिशत हिस्सेदारी का 1,248 करोड़ रुपये में अधिग्रहण करने की सहमति दी थी. लेकिन जीवीके समूह ने पहले इनकार के अधिकार का हवाला देते हुए इस सौदे को रोक दिया था. हालांकि, जीवीके बिड सर्विसेज डिविजन मॉरीशस (बिडवेस्ट) की हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए और पैसा नहीं ला पाई और यह मामला अदालत में चला गया.

वित्तीय दिक्कतों की वजह से जीवीके समूह अब अपनी हिस्सेदारी अडाणी समूह को बेचने के लिए सहमत हुआ है.

उसका मुंबई हवाईअड्डे में जीवीके समूह की हिस्सेदारी खरीदने और नियंत्रण हासिल करने का करार हो गया है. बंदरगाहों के बाद अब अडाणी समूह हवाईअड्डा क्षेत्र पर बड़ा दांव लगा रहा है. उसे विमानपत्तन प्राधिकरण-निर्मित छह गैर-महानगर हवाईअड्डों...लखनऊ, जयपुर, गुवाहाटी, अहमदबाद, तिरुवनंतपुरम और मेंगलूर के परिचालन का अधिकार मिल चुका है. अब समूह देश के दूसरे सबसे व्यस्त हवाईअड्डे के परिचालन का अधिकार हासिल करने जा रहा है.

एसीएसए के पास मायल की 10 प्रतिशत हिस्सेदारी है. शेष 26 प्रतिशत हिस्सेदारी भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के पास है.

पिछले साल अक्टूबर में कर्ज के बोझ से दबे जीवीके समूह ने जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग्स में अपनी 79 प्रतिशत हिस्सेदारी अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए) तथा कनाडा की पब्लिक सेक्टर पेंशन (पीएसपी) इन्वेस्टमेंट्स और सार्वजनिक क्षेत्र के राष्ट्रीय निवेश एवं संरचना कोष (एनआईआईएफ) को 7,614 करोड़ रुपये में बेचने के लिए करार किया था. इस राशि का इस्तेमाल जीवीके समूह को अपनी होल्डिंग कंपनियों का कर्ज चुकाने के लिए करना था.

जीवीके ने कहा कि उसने एडीआईए, एनआईआईएफ तथा पीएसपी को सूचित कर दिया है कि इस सौदे से संबंधित दस्तावेज को रद्द किया जाता है. अब यह प्रभावी और क्रियान्वयन योग्य नहीं रह गया है.

चढ़े अडाणी समूह के शेयर

इस बीच, अडाणी समूह द्वारा मुंबई हवाईअड्डे में जीवीके की हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने की घोषणा से समूह की कंपनियों के शेयरों में सोमवार को कारोबार के दौरान 7.6 प्रतिशत का उछाल आया. बीएसई में अडाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर 7.65 प्रतिशत चढ़ गया, वहीं अडाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक जोन (एपीसेज) का शेयर 5.24 प्रतिशत के लाभ में था. अडाणी पावर का शेयर भी 4.97 प्रतिशत की बढ़त में कारोबार कर रहा था. समूह की अन्य कंपनियों के शेयर भी लाभ में चल रहे थे.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

Last Updated : Aug 31, 2020, 12:58 PM IST

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