नई दिल्ली: वाहन उद्योग ने सरकार से वाहनों पर जीएसटी घटाने समेत क्षेत्र के लिए प्रोत्साहन पैकेज देने की बुधवार को मांग की. वाहन क्षेत्र बिक्री में भारी गिरावट का सामना कर रहा है.
वाहन उद्योग से जुड़े दिग्गजों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बैठक की और उनका ध्यान उद्योग की चुनौतियों की ओर आकर्षित किया. इसमें वाहन क्षेत्र में नौकरियों पर लटक रही तलवार भी शामिल हैं.
वित्त मंत्री से मिलने वालों में मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव, महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष (वाहन क्षेत्र) और सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा समेत कलपुर्जे क्षेत्र के संगठन एसीएमए और डीलरों के संगठन एफएडीए के प्रतिनिधि शामिल हैं.
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वाहन वि निर्माताओं के संगठन सियाम के अध्यक्ष राजन वढेरा ने पीटीआई - भाषा को बताया, "हां, हमने वाहन क्षेत्र के लिए कुछ रियायत की मांग की है और उन्होंने इस पर विचार किया है. मुझे उम्मीद है कि वाहन क्षेत्र के लिए राहत पैकेज जल्द दिया जाएगा."
उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग से जुड़े लोगों से मांग में गिरावट की वजह और इस दिक्कत के समाधान के बारे में जानना चाहती है.
वढेरा ने कहा कि बैठक के दौरान वाहन उद्योग ने उन कारकों के बारे में विस्तार से बताया, जिनकी वजह से मांग प्रभावित हुई है. इनमें सस्ते कर्ज की उपलब्धता से जुड़ी दिक्कत , वाहनों के अधिग्रहण की बढ़ती लागत और वाणिज्यिक वाहनों की लोड क्षमता में बदलाव शामिल हैं.
सियाम के अध्यक्ष ने कहा, "वाहन उद्योग ने दोहराया कि वाहन पंजीकरण शुल्क में प्रस्तावित वृद्धि नहीं की जानी चाहिए क्योंकि क्षेत्र पहले से कमजोर मांग की समस्या से जूझ रहा है."
उन्होंने कहा कि मांग में सुधार के लिए वाहनों पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने की जरूरत है. हमने इस पर सरकार के साथ चर्चा की है.