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द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने के लिए अमेरिका और भारत को बड़े लक्ष्य तय करने होंगे - अमेरिका भारत बिजनेस काउंसिल

पिछले वर्ष अतुल केशप भारत में अमेरिकी मिशन में दूतावास प्रभारी रहे और बाइडन प्रशासन के कार्यकाल के पहले वर्ष में उन्होंने भारत-अमेरिकी संबंधों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई.

अमेरिका और भारत को बड़े लक्ष्य तय करने होंगे
अमेरिका और भारत को बड़े लक्ष्य तय करने होंगे
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Published : Jan 21, 2022, 1:56 PM IST

वाशिंगटन: अमेरिका भारत बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के नए अध्यक्ष अतुल केशप (new president of america india business council atul keshap ) ने कहा है कि अपने संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति कर चुके अमेरिका और भारत को इन्हें नए स्तर पर ले जाने तथा द्विपक्षीय कारोबार में 500 अरब डॉलर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल के लिए बड़े लक्ष्य तय करने चाहिए. केशप ने कहा, यह दर्शाना आवश्यक है कि अमेरिका और भारत वैश्विक वृद्धि के वाहक हो सकते हैं, 21वीं सदी में समद्धि और वृद्धि के मॉडल हो सकते हैं.

उन्होंने अमेरिकी राजनयिक रहने के दौरान विदेश विभाग में विभिन्न पदों पर काम किया. पिछले वर्ष वह भारत में अमेरिकी मिशन में दूतावास प्रभारी रहे और बाइडन प्रशासन के कार्यकाल के पहले वर्ष में उन्होंने भारत-अमेरिकी संबंधों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई.

उन्होंने कहा, वैश्विक कारोबार एजेंडा पर आगे बढ़ने की जरूरत है। हमें भविष्य की समृद्धि सुनिश्चित करनी होगी ...विशेषकर इस वैश्विक महामारी के बाद. उन्होंने कहा कि इस नई भूमिका में वह द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डॉलर करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार बनना चाहते हैं.

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत और अमेरिका के बीच 2020-21 में कुल द्विपक्षीय कारेाबार 80.5 अरब डॉलर था, 2019-20 में यह 88.9 अरब डॉलर था.

पीटीआई-भाषा

वाशिंगटन: अमेरिका भारत बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) के नए अध्यक्ष अतुल केशप (new president of america india business council atul keshap ) ने कहा है कि अपने संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति कर चुके अमेरिका और भारत को इन्हें नए स्तर पर ले जाने तथा द्विपक्षीय कारोबार में 500 अरब डॉलर का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल के लिए बड़े लक्ष्य तय करने चाहिए. केशप ने कहा, यह दर्शाना आवश्यक है कि अमेरिका और भारत वैश्विक वृद्धि के वाहक हो सकते हैं, 21वीं सदी में समद्धि और वृद्धि के मॉडल हो सकते हैं.

उन्होंने अमेरिकी राजनयिक रहने के दौरान विदेश विभाग में विभिन्न पदों पर काम किया. पिछले वर्ष वह भारत में अमेरिकी मिशन में दूतावास प्रभारी रहे और बाइडन प्रशासन के कार्यकाल के पहले वर्ष में उन्होंने भारत-अमेरिकी संबंधों को आकार देने में अहम भूमिका निभाई.

उन्होंने कहा, वैश्विक कारोबार एजेंडा पर आगे बढ़ने की जरूरत है। हमें भविष्य की समृद्धि सुनिश्चित करनी होगी ...विशेषकर इस वैश्विक महामारी के बाद. उन्होंने कहा कि इस नई भूमिका में वह द्विपक्षीय कारोबार को 500 अरब डॉलर करने के लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार बनना चाहते हैं.

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत और अमेरिका के बीच 2020-21 में कुल द्विपक्षीय कारेाबार 80.5 अरब डॉलर था, 2019-20 में यह 88.9 अरब डॉलर था.

पीटीआई-भाषा

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