नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) देश में व्यक्तिगत मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या का पता लगाने के लिए प्रणाली बनाने पर काम कर रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च,2019 तक देश में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 116.18 करोड़ थी, जबकि वायरलेस फोन घनत्व 88.46 पर था.
ये भी पढ़ें- व्यापार युद्ध एक अवसर, अमेरिका और चीन को 350 उत्पादों का निर्यात कर सकता है भारत: रिपोर्ट
उपभोक्ताओं की संख्या से हालांकि सक्रिय और निष्क्रिय कनेक्शनों की सही तस्वीर का पता नहीं चलता है. क्योंकि इसमें एक व्यक्ति के एक से ज्यादा सिम और फोन कनेक्शन शामिल कर लिए जाते हैं.
अधिकारी ने कहा कि इस पूरी कवायद का मकसद ऐसे लोगों की संख्या का पता लगाना है जिनके पास कोई फोन कनेक्शन नहीं है. उसने कहा कि प्रक्रिया में उन अलग अलग उभोक्ताओं या ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या का पता चल सकेगा जो फोन कनेक्शन से जुड़े हैं.
राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति दस्तावेज में भी 2020 तक विशिष्ट मोबाइल उपभोक्ता घनत्व को 55 प्रतिशत और 2022 तक 65 प्रतिशत करने का लक्ष्य है.
अधिकारी ने कहा कि फिलहाल उपभोक्ताओं की संख्या का आकलन सिम की संख्या के आधार पर किया जाता है. एक उपभोक्ता के पास कई सिम हो सकते है. हम वास्तविक उपभोक्ताओं की संख्या का पता लगाने के तरीके पर काम कर रहे हैं. यह एक जटिल मुद्दा है.
मोबाइल उपभोक्ताओं की सही संख्या पता लगाने का तरीका खोज रहा है ट्राई
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च,2019 तक देश में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 116.18 करोड़ थी, जबकि वायरलेस फोन घनत्व 88.46 पर था.
नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) देश में व्यक्तिगत मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या का पता लगाने के लिए प्रणाली बनाने पर काम कर रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च,2019 तक देश में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 116.18 करोड़ थी, जबकि वायरलेस फोन घनत्व 88.46 पर था.
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उपभोक्ताओं की संख्या से हालांकि सक्रिय और निष्क्रिय कनेक्शनों की सही तस्वीर का पता नहीं चलता है. क्योंकि इसमें एक व्यक्ति के एक से ज्यादा सिम और फोन कनेक्शन शामिल कर लिए जाते हैं.
अधिकारी ने कहा कि इस पूरी कवायद का मकसद ऐसे लोगों की संख्या का पता लगाना है जिनके पास कोई फोन कनेक्शन नहीं है. उसने कहा कि प्रक्रिया में उन अलग अलग उभोक्ताओं या ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या का पता चल सकेगा जो फोन कनेक्शन से जुड़े हैं.
राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति दस्तावेज में भी 2020 तक विशिष्ट मोबाइल उपभोक्ता घनत्व को 55 प्रतिशत और 2022 तक 65 प्रतिशत करने का लक्ष्य है.
अधिकारी ने कहा कि फिलहाल उपभोक्ताओं की संख्या का आकलन सिम की संख्या के आधार पर किया जाता है. एक उपभोक्ता के पास कई सिम हो सकते है. हम वास्तविक उपभोक्ताओं की संख्या का पता लगाने के तरीके पर काम कर रहे हैं. यह एक जटिल मुद्दा है.
मोबाइल उपभोक्ताओं की सटीक संख्या पता लगाने के तरीका खोज रहा है ट्राई
नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) देश में व्यक्तिगत मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या का पता लगाने के लिए प्रणाली बनाने पर काम कर रहा है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
ट्राई के आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च,2019 तक देश में मोबाइल उपभोक्ताओं की संख्या 116.18 करोड़ थी, जबकि वायरलेस फोन घनत्व 88.46 पर था.
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उपभोक्ताओं की संख्या से हालांकि सक्रिय और निष्क्रिय कनेक्शनों की सही तस्वीर का पता नहीं चलता है. क्योंकि इसमें एक व्यक्ति के एक से ज्यादा सिम और फोन कनेक्शन शामिल कर लिए जाते हैं.
अधिकारी ने कहा कि इस पूरी कवायद का मकसद ऐसे लोगों की संख्या का पता लगाना है जिनके पास कोई फोन कनेक्शन नहीं है. उसने कहा कि प्रक्रिया में उन अलग अलग उभोक्ताओं या ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या का पता चल सकेगा जो फोन कनेक्शन से जुड़े हैं.
राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति दस्तावेज में भी 2020 तक विशिष्ट मोबाइल उपभोक्ता घनत्व को 55 प्रतिशत और 2022 तक 65 प्रतिशत करने का लक्ष्य है.
अधिकारी ने कहा कि फिलहाल उपभोक्ताओं की संख्या का आकलन सिम की संख्या के आधार पर किया जाता है. एक उपभोक्ता के पास कई सिम हो सकते है. हम वास्तविक उपभोक्ताओं की संख्या का पता लगाने के तरीके पर काम कर रहे हैं. यह एक जटिल मुद्दा है.
Conclusion: